खारजा नहर के किनारे बाघिन की निगरानी
खारजा नहर के किनारे बाघिन और चांदूपर गांव में बाघ की चहल कदमी लगातार होने के चलते सामाजिक वानिकी प्रभाग के डीएफओ ने दोनों जगह निरीक्षण किया। उन्होंने बाघिन की लोकेशन ट्रेस कर उसकी निगरानी करने के अधीनस्थ कर्मचारियों को निर्देश दिए। साथ ही ग्रामीणों को भी जागरूक किया।
पीलीभीत,जेएनएन : खारजा नहर के किनारे बाघिन और चांदूपर गांव में बाघ की चहल कदमी लगातार होने के चलते सामाजिक वानिकी प्रभाग के डीएफओ ने दोनों जगह निरीक्षण किया। उन्होंने बाघिन की लोकेशन ट्रेस कर उसकी निगरानी करने के अधीनस्थ कर्मचारियों को निर्देश दिए। साथ ही ग्रामीणों को भी जागरूक किया।
पिछले कुछ दिनों से माधोटांडा थाना क्षेत्र से निकलने वाली खारजा नहर के किनारे बाघिन की करीब एक सप्ताह से चहल कदमी देखी जा रही है। बाघिन लगातार झाड़ियों में छिप कर सड़क पर निकल आती है। इससे वाहनों के पहिए थम जाते हैं। पूरे दिन झाड़ियों में ही छिपी रहती है। इसके चलते आसपास के लोगों के साथ ही राहगीरों में भी भय और दहशत का माहौल है। ग्रामीण और किसान खेतों पर जाने से कतराने लगे हैं। कुछ ऐसा ही हाल चांदूपुर के आस पास भी है। खन्नौत नदी से एक बाघ निकलकर लगातार खेतों की तरफ आ रहा है जिसके पगमार्क देखे जा रहे हैं। बुधवार को सामाजिक वानिकी प्रभाग के डीएफओ संजीव कुमार ने टीम के साथ पहुंचकर खारजा नहर से लेकर एक फार्मर के घर तक निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि विचरण करने वाली मादा बाघ है। पीलीभीत टाइगर रिजर्व से निकलती है और जंगल में चली जाती है। पिछले साल भी इसे इस तरफ देखा गया था। कर्मचारियों को बाघिन की निगरानी के लिए लगाया गया है। बाघिन के जंगल की तरफ लौटने के आसार हैं। अगर नहीं जाती है तो फिर जंगल की तरफ खदेड़ने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने बताया कि चांदपुर गांव के आसपास बाघ के पदचिन्ह मिले हैं। यह बाघ खन्नौत नदी से निकलता है। इसका करीब दो माह तक मूवमेंट रहता है। इसकी भी निगरानी के लिए टीम लगाई गई है।