जंगल से बाहर निकले बाघ ने किया सांड़ का शिकार
जंगल से बाहर निकला बाघ खेतों पर जा पहुंचा। वहां घूम रहे सांड़ पर हमला कर शिकार बना लिया। सूचना पाकर मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने बाघ के पगमार्क देखे। निकट ही सांड़ के अवशेष पड़े थे।
पीलीभीत,जेएनएन : जंगल से बाहर निकला बाघ खेतों पर जा पहुंचा। वहां घूम रहे सांड़ पर हमला कर शिकार बना लिया। सूचना पाकर मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने बाघ के पगमार्क देखे। निकट ही सांड़ के अवशेष पड़े थे। उसे गड्ढा खोदवाकर जमीन पर दफनाया गया। वन टीम ने ग्रामीणों को गन्ने के खेत के आसपास नहीं जाने के लिए जागरूक किया है। बाघ के गन्ना खेत में छिपे होने की संभावना है।
थाना क्षेत्र के गांव भूड़ा सरैंदा में मंगलवार को प्रात: करीब चार बजे टाइगर रिजर्व के माला रेंज के जंगल से एक बाघ निकलकर खेतों पर जा पहुंचा। वहां बाघ ने दहाड़ते हुए एक सांड़ को अपना शिकार बना लिया। ग्रामीणों ने जब आवाज सुनी तो सोते से जाग पड़े। दिन निकलने पर महिला ग्राम प्रधान के पति ओम प्रकाश ने वन विभाग को सूचना दी। सुबह करीब दस बजे वन कर्मियों की टीम वहां पहुंची। टीम ने बाघ के पगमार्क ट्रेस किए। रामेश्वर के खेत में सांड़ के अवशेष मिले, जिसके बाद टीम ने मृत जानवर के अवशेष को गड्ढे में दफन कराया। ग्रामीणों में बाघ की दहशत बनी हुई है। गांव के पुत्तू लाल ,ओंकार, गोपाल धर्मवीर, भरत देव, मानसरोवर ओमप्रकाश बुद्ध जयंती देवी मंगली प्रसाद नेमचंद रामचंद्र गंगाराम के गन्ने के खेत में बाघ ने चहलकदमी की है। सामाजिक वानिकी के दारोगा शेर सिंह ने बताया कि बाघ 200 मीटर के दायरे में ही होने की आशंका है। वन दारोगा नवीन सिंह ने ग्रामीणों को सतर्कता बरतने के कहां है। बताया कि दो-तीन दिन तक खेतों की तरफ न जाएं।
ग्राम प्रधान के पति ओमप्रकाश ने बताया कि 2 दिन से बाघ चहल कदमी कर रहा था,कल भी सूचना दी गई थी कि टाइगर आस-पास ही है इसके बाद टाइगर ने रात भर किसी जान पर हमला कर दिया आज सुबह को सूचना दी गई,मंगला की टीम आई और आवारा पशुओं के अवशेष को गढ़वा कर चली गई, ग्रामीणों को सांत्वना ना देते हुए बताया कि दो-तीन दिन तक खेतों की तरफ नहीं, लेकिन गन्ने व गेहूं की बुवाई चल रही है और वही बाघ चहल कदमी कर रहा है।
भारत देव ने बताया कि सुबह बाघ के पगमार्क खेत में देखे गए , जिसके बाद ग्रामीणों खलबली मच गई। प्रधान को बताया तो उन्होंने वन कर्मियों को सूचना दी। गांव में बाघ की दहशत बनी हुई है। गांव के लालता प्रसाद का कहना है कि बाघ कई बार गन्ने के आसपास देखा गया है। वन विभाग की टीम आकर खानापूर्ति करके चली जाती है। चारों तरफ गन्ने की फसल है और बच्चे भी खेतों पर जाते हैं जिससे बाघ का डर बना रहता है। गोपाल बताया कि पास के ही गन्ने के खेतों में बाघ के छिपे होने की आशंका है। ऐसे में किसी और पर भी हमला कर सकता है। गेहूं की बुवाई करना है,लेकिन कुछ समझ में नहीं आ रहा।