अमरिया में बाघ से ज्यादा तेंदुआ की दहशत
बाघों से नहीं तेंदुए से ज्यादा किसान परेशान हैं। अब तक दर्जनों अच्छी नस्ल के महंगे कुत्तों को तेंदुआ शिकार बना चुका है।
पीलीभीत,जेएनएन: बाघों से नहीं तेंदुए से ज्यादा किसान परेशान हैं। अब तक दर्जनों अच्छी नस्ल के महंगे कुत्तों को तेंदुआ शिकार बना चुका है।
तहसील क्षेत्र में लंबे समय से बाघ कुनबे के साथ प्रवास किए हुए हैं। बाघों का अधिकांश मूवमेंट कैलाश नदी से डूनीडाम, देवहा नदी किनारे, पैरी फार्म शुक्ला फार्म गजरौला, विशनपुर, खली नवादा तक रहता है। अक्सर शिकार की तलाश में बाघ चहलकदमी करते हुए आबादी क्षेत्र तक पहुंच जाते हैं। जिस कारण ग्रामीणों में दहशत रहती है। लगभग एक दशक पहले जंगल से निकलकर कर एक बाघिन दो शावकों के साथ इस क्षेत्र में आई थी। तभी से यह क्षेत्र बाघों का ठिकाना बन गया। समय बीतने के साथ बाघों का कुनबा बढ़ता गया। वर्तमान में लगभग एक दर्जन बाघ इस क्षेत्र में हैं लेकिन अभी तक किसी इंसान पर हमला नहीं किया। ग्रामीणों का कहना है कि शुरू के कुछ वर्षों तक बाघों से बहुत दहशत रहती थी। अब तो आदत पड़ गई है। लंबे समय से बाघ क्षेत्र में प्रवास किए हुए हैं। अभी तक ग्रामीणों पर बाघ का हमला नहीं हुआ है। जंगल से निकलकर तेंदुए ने क्षेत्र में दहशत फैला रखी है। आए दिन फार्मो से कुत्ते उठाकर ले जाता है। दर्जनों पालतू कुत्तों को मार चुका है। तेंदुए को पकड़ने के वन विभाग ने पिजरा भी लगवाया लेकिन कोई सफलता नहीं मिली।
बाघों से ज्यादा दिक्कत नहीं है लेकिन तेंदुए ने परेशान कर रखा है। सुरक्षा के लिए अच्छी नस्ल के कुत्ते पालते हैं। रात के अंधेरे में तेंदुआ दो कुत्ते उठा ले गया। तीन दिन पहले तेंदुआ घर के पास फिर आ गया। शोर शराबा मचाने पर नदी की तरफ चला गया।
-हरनिदर सिंह
आए दिन तेंदुए की दस्तक रहती है। एक सप्ताह पहले दुकान बंद करके घर जा रहा था तेंदुआ गांव के कब्रिस्तान के पास बैठा था। जिसे देखकर मेरे पसीने छूट गए। गांव से कई कुत्तों को उठाकर ले जा चुका है।
-हरदीप सिंह
शुरू में बाघों की बहुत दहशत रहती थी। बाघों को रहते हुए काफी समय हो गया है। बाघ ने किसी ग्रामीण पर हमला नहीं किया। अब इधर, कुछ समय से तेंदुआ परेशान किए हुए है। -दलविदर सिंह इनसेट
बाघों से सुरक्षा को लेकर विभाग की टीमें क्षेत्र में लगातार मानीटिरिग करती हैं। बाघों के पगमार्क के जरिए लोकेशन ट्रेस की जाती है। जिससे ग्रामीणों व बाघों की सुरक्षा की जा सके। तेंदुए को पकड़ने के लिए काफी प्रयास किए गए। बकरी बांधकर पिजरा लगाया गया लेकिन तेंदुआ पकड़ में नहीं आया। तेंदुआ अक्सर रात के समय आता है। रात में टैंक्युलाइज नहीं कर सकते। तेंदुए को पकड़ने के लिए विशेषज्ञों को बुलाया जाएगा
-डॉ. एच. राजामोहन फील्ड डायरेक्टर, पीटीआर