इस हार ने भी दूर कर दिया मुगालता
चुनाव कोई भी हो लेकिन हार जीत मायने रखती है। चुनावी समर में कूदने वाले सभी दावेदार अपने मन में सिर्फ जीतने का मुगालता पालकर ताल ठोकते हैं लेकिन जीत सबको तो नहीं मिलती। हां हार मुगालता जरूर दूर कर देती है। जनपद के एक समाजसेवी के साथ भी ऐसा ही हुआ है। कुछ दिन पहले ही जिला मजिस्ट्रेट के आदेश पर वॉल्टन क्लब का चुनाव संपन्न कराया गया था। यह चुनाव कोई सामान्य चुनाव नहीं बल्कि रसूखदार लोगों से ताल्लुक रखता है।
पीलीभीत,जेएनएन : चुनाव कोई भी हो, लेकिन हार जीत मायने रखती है। चुनावी समर में कूदने वाले सभी दावेदार अपने मन में सिर्फ जीतने का मुगालता पालकर ताल ठोकते हैं, लेकिन जीत सबको तो नहीं मिलती। हां, हार मुगालता जरूर दूर कर देती है। जनपद के एक समाजसेवी के साथ भी ऐसा ही हुआ है। कुछ दिन पहले ही जिला मजिस्ट्रेट के आदेश पर वॉल्टन क्लब का चुनाव संपन्न कराया गया था। यह चुनाव कोई सामान्य चुनाव नहीं, बल्कि रसूखदार लोगों से ताल्लुक रखता है। चुनाव की घोषणा के साथ ही समाजसेवी ने चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर कर दी थी। उन्हें जीत होने की पूरी उम्मीद थी, लेकिन ऐन मौके पर उन्हें पराजय का स्वाद चखना पड़ गया। उक्त चुनाव में हार तो कई लोगों की हुई, लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा समाजसेवी की हार को लेकर हो रही है। मजेदार बात यह है कि हार का कारण भी जातिगत तौर पर जोड़कर देखा जा रहा है।
आखिरकार मेहमाननवाजी के नीचे दब गई जांच
पीलीभीत जनपद के पूरनपुर तहसील क्षेत्र में नियुक्ति सेहत महकमे के एक कर्मचारी के निजी प्रैक्टिस करने का फोटो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुआ था। इतना ही नहीं, इस मामले में महकमे की मुखिया से शिकायत भी की गई थी, जिसके बाद जांच कराने की कवायद शुरू कर दी गई थी। अभी जांच शुरू भी नहीं हो पाई थी, तभी अचानक विभाग की मुखिया का परिवार संग टाइगर रिजर्व के चूका पिकनिक स्पॉट पर भ्रमण का कार्यक्रम बन गया। ऐसे में मुखिया और उनके फैमिली मेंबर्स की खातिर तवज्जो की जिम्मेदारी उसी कर्मचारी के कंधों पर डाली गई, जिस पर अवैध रूप से प्रैक्टिस करने का आरोप लगा है। आरोपित कर्मचारी ने मुखिया और उनके स्वजन की मेहमान नवाजी में किसी तरह की कोई कमी नहीं छोड़ी। दिलचस्प बात यह है कि मेहमाननवाजी के बाद आरोपित कर्मचारी पर लगे गंभीर आरोपों की जांच कराने की कवायद को जानबूझकर टाल दिया गया है।
..फिर क्या नेताजी को उल्टे पांव भागना पड़ा
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तारीख का ऐलान भले नहीं हुआ है, लेकिन संभावित दावेदारों ने पहले से ही तैयारियां शुरू कर दी हैं, जिसके तहत गांव गांव जाकर संभावित दावेदार घर घर दस्तक देकर वोट मांग रहे हैं। रोजाना तड़के से देर शाम तक जनसंपर्क का सिलसिला चलता है। पूरनपुर क्षेत्र के एक नेताजी सत्ताधारी पार्टी से संबंधित हैं, वह जिला पंचायत सदस्य पद का चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटे हैं। कुछ रोज पहले यह नेताजी पूरे लाव लश्कर के साथ कलीनगर तहसील क्षेत्र के गांव में मतदाताओं से संपर्क करने पहुंचे थे, लेकिन वहां का नजारा तो अजब ही दिखाई दिया। दरअसल नेताजी के काफिले को देखते ही गांव के लोग भड़क गए। गांव वालों ने एकजुट होकर पुरजोर विरोध किया। इस दौरान नेताजी की पार्टी के खिलाफ नारेबाजी की गई। ग्रामीणों के कड़े तेवरों को देख नेताजी गांव के भीतर घुसने की हिम्मत नहीं जुटा सके। बल्कि उनको उल्टे पांव ही लौटना पड़ गया।
हाकिम की सख्ती से हो गया कायाकल्प
सरकारी प्राइमरी स्कूलों की स्थिति को लेकर हमेशा नकारात्मक टीका टिप्पणी होती रही है। योगी सरकार ने वर्ष 2018 में बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित विद्यालयों की दशा सुधारने के मकसद से कायाकल्प योजना लागू करने का आदेश जारी किया था। लेकिन जनपद में जिम्मेदारों ने इसे गंभीरता से ही नहीं लिया था। जिस कारण करीब दो साल तक इस योजना पर काम शुरू नहीं हुआ था। लेकिन मौजूदा कलेक्टर ने कायाकल्प योजना को अपनी शीर्ष प्राथमिकता में शामिल कर इसके अमल पर त्वरित गति से काम शुरू का फरमान जारी किया तो तेजी से सरकारी स्कूलों की स्थिति बदलने लगी। इतना ही नहीं कायाकल्प योजना के मामले में पीलीभीत जिला राज्य के टॉप जनपदों में शामिल हो चुका है। यह भविष्य के लिए सुखद संकेत मिल रहा है।