महिला अस्पताल का नया भवन बना शोपीस
करोड़ों की लागत से बनकर तैयार हुआ मातृ-बाल स्वास्थ्य भवन आज तक पूरी तरह संचालित नहीं हो पाया है। लगभग एक वर्ष पूर्व भवन बनकर तैयार हो गया। कार्यदायी संस्था द्वारा अस्पताल प्रशासन को संचालन के लिए हैंडओवर भी कर दिया लेकिन भवन की सुविधाओं से जिले के लोग आज भी महरूम हैं।
जागरण संवाददाता, पीलीभीत: करोड़ों की लागत से बनकर तैयार हुआ मातृ-बाल स्वास्थ्य भवन आज तक पूरी तरह संचालित नहीं हो पाया है। लगभग एक वर्ष पूर्व भवन बनकर तैयार हो गया। कार्यदायी संस्था द्वारा अस्पताल प्रशासन को संचालन के लिए हैंडओवर भी कर दिया, लेकिन भवन की सुविधाओं से जिले के लोग आज भी महरूम हैं।
नवीन भवन के संचालन के लिए एनआरएचएम व'अवनी'संस्था द्वारा लेब टेक्नीश व चतुर्थ श्रेणी स्टाफ की भर्ती कर दी गई है हालांकि अस्पताल के संचालन में डॉक्टरों की कमी आड़े आ रही है। गत दिनों नोडल अधिकारी व स्वास्थ्य विभाग की सचिव वी. हेकाली झिमोमी ने अस्पताल का दौरा कर नवीन भवन का संचालन न होने के बाबत सीएमएस से जानकारी ली थी, जिस पर उन्हें डॉक्टरों की कमी से अवगत कराया गया था। साथ ही, नवीन भवन की खिड़कियों में ग्रिल न होने के कारण भी अभी वार्ड में मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा है। करोड़ों की लागत से बने पांच मंजिला मदर एंड चाइल्ड हेल्थ भवन को सुचारू रूप से शुरू कराने के लिए जनप्रतिनिधियों व जिला प्रशासन को संज्ञान लेना चाहिए जिससे अत्याधुनिक सुविधाओं का लाभ आम जनता को मिल सके। 70 बेड के जिला महिला चिकित्सालय में मरीजों के बढ़ते बोझ के कारण आलम यह हो गया है कि प्रसव के बाद वार्ड में महिलाओं को भर्ती करने का स्थान भी नहीं बचा है। कई महिलाओं को नवजात बच्चे के साथ अस्पताल के बरामदे में भर्ती किया जाता है। बताते है कि नवीन भवन में ऐसी सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं जिससे किसी गंभीर मरीज को जिले से बाहर रेफर करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
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वर्जन
फोटो: 13 पीआइएलपी 24
ओपीडी हमने नए भवन में शुरू कर दी है। नवीन भवन के लिए 9 डॉक्टरों की जगह हैं जिसमें से एक भी उपलब्ध नहीं है। पिछले दिनों नोडल अधिकारी को भी डॉक्टरों की कमी के बारे में बताया था, जिस पर उन्होंने डॉक्टरों की तैनाती का आश्वासन दिया है। शीघ्र ही ग्रिल लगवाकर लेबर रूम और वार्ड नए भवन में शिफ्ट कर दिया जाएगा। ऑपरेशन थियेटर पुराने भवन में ही संचालित होगा।
- डॉ. अनीता चौरसिया, सीएमएस, जिला महिला चिकित्सालय