कोरोना से लड़ने को काढ़ा बांट रहे गुरुजी
वह पेशे से शिक्षक हैं लेकिन साथ ही आयुर्वेद एवं यूनानी चिकित्सा परिषद से डिप्लोमा भी ले रखा है। इन दिनों वह कोरोना वायरस से लड़ने के लिए जरूरतमंद लोगों को जड़ी-बूटियों से तैयार किया गया काढ़ा बांट रहे हैं।
पीलीभीत,जेएनएन : वह पेशे से शिक्षक हैं लेकिन, साथ ही आयुर्वेद एवं यूनानी चिकित्सा परिषद से डिप्लोमा भी ले रखा है। इन दिनों वह कोरोना वायरस से लड़ने के लिए जरूरतमंद लोगों को जड़ी-बूटियों से तैयार किया गया काढ़ा बांट रहे हैं।
मूल रूप से शाहजहांपुर जिले के पुवायां तहसील क्षेत्र के गांव ककरौआ जब्ती निवासी अनिल शुक्ल वर्ष 1999 में यहां आ गए थे। वह सरस्वती शिशु मंदिर में शिक्षक हैं। नगर के मुहल्ला दुर्गा प्रसाद में रह रहे हैं। कुछ समय पहले ही उनका स्थानांतरण बरेली जिले के फरीदपुर स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में हो गया। कोविड-19 के कारण सभी विद्यालय बंद चल रहे हैं। कोरोना संकट के दौरान उन्होंने शरीर की इम्युनिटी बढ़ाने का आयुर्वेद फार्मूला निकाल लिया। जरूरतमंद लोगों की मदद कर रहे हैं। गरीब लोगों से वह इस काढ़ा के पैकेट का कोई दाम नहीं लेते हैं। उनका कहना है कि पिता वैद्य रहे हैं। इस कारण जड़ी-बूटियों का ज्ञान और उपयोग उन्हीं से सीखा है। काढ़ा बनाने के काम आने वाली चीजें वह बाजार से खुद अपना पैसा खर्च करके खरीदते हैं। शिक्षक के मुताबिक काढ़ा में गिलोय, अश्वगंधा, मुलेठी, कालीमिर्च और दालचीनी, तुलसी, नीम, सोंठ से तैयार किया काढ़ा नियमित रूप से सेवन करते रहने पर कोरोना वायरस की चपेट में आने का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है। वह छोटे छोटे पैकेट बना लेते हैं। इसके बाद जो भी जरूरतमंद उनके पास आता है, उसे पैकेट उपलब्ध करा देते हैं। जो लोग अपने पास से पैसा खर्च कर सकते हैं। उन्हें इसकी सामग्री और उपयोग की विधि के बारे में लिखकर दे दे हैं। साथ ही कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए बरती जाने वाली सावधानी के बारे में बताकर लोगों को जागरूक भी कर रहे हैं।