मझोला में दूषित पेयजल की आपूर्ति, संक्रामक बीमारी की आंशका
मझोला नगर पंचायत की ओर से कस्बावासियों को दूषित जलापूर्ति की जा रही है। नागरिकों का कहना है कि टंकी का पानी पीने लायक नहीं है। करीब छह महीने से टैंक की सफाई नहीं कराई गई।
पीलीभीत,जेएनएन : मझोला नगर पंचायत की ओर से कस्बावासियों को दूषित जलापूर्ति की जा रही है। नागरिकों का कहना है कि टंकी का पानी पीने लायक नहीं है। करीब छह महीने से टैंक की सफाई नहीं कराई गई।
नगर पंचायत से सुबह शाम नियमित रूप से जलापूर्ति होती है। छह माह से ओवरहेड टैंक की सफाई नहीं कराई गई है। कस्बा में कुल 253 कनेक्शन धारक देते हैं। नगर पंचायत को कनेक्शन धारक 30 रुपये माह की दर से साल भर का 360 रुपये जलकर चुकाते हैं,लेकिन फिर भी साफ पानी नहीं मिल रहा। विद्युत आपूर्ति न मिलने पर नगर पंचायत की जल आपूर्ति व्यवस्था चौपट हो जाती है। 160 फीट पर लगाए गए सोलर पंप से दूषित पानी निकल रहा है। ओवरहेड टैंक सफाई प्रति माह होना अनिवार्य है लेकिन इसमें लापरवाही बरती जा रही है। टंकी के अलावा कस्बा में 60 इंडिया मार्का हैंडपंप लगे हैं, जिसमें से 15 खराब पड़े हैं। अधिशासी अधिकारी विजय कुमार सक्सेना का कहना है कि ओवरहेड टैंक की सफाई जल्द करवाई जाएगी।
निशांत प्रताप सिंह का कहना है कि नगर पंचायत की ओर से जलापूर्ति सुबह-शाम दी जाती है, जिससे गर्मियों में जलापूर्ति कम पड़ जाती है। नगर पंचायत को दोपहर में भी जलापूर्ति करनी चाहिए। साथ ही स्वच्छ पानी मुहैया कराने पर ध्यान दिया जाए।
पूजा जिदल का कहना है कि नगर के अधिकतर लोग नगर पंचायत द्वारा दी जाने वाली जल आपूर्ति पर ही निर्भर हैं। बिजली न होने पर पानी की समस्या पैदा हो जाती है। नगर पंचायत की ओर से दूषित पानी भी आता है।
रोहित मित्तल का कहना है कि जलापूर्ति सुबह-शाम मिलती है। कभी-कभी नगर पंचायत द्वारा दिए जाने वाली सप्लाई में गंदा बदबूदार पानी आता है। जिसे पीने का मन भी नहीं होता है। स्वच्छ जलापूर्ति मिलनी चाहिए।