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गन्ना किसानों को नहीं लगाने होंगे सोसायटी के चक्कर

कोरोना संक्रमण के कारण शासन ने गन्ना किसानों के घोषणापत्र आनलाइन स्वीकार किए जाने का आदेश जारी कर दिया है। पिछले वर्षों तक किसानों को निर्धारित प्रपत्र पर घोषणा पत्र भरने के बाद उसे जमा करने के लिए सहकारी गन्ना विकास समितियों के चक्कर काटने पड़ते हैं। अक्सर संबंधित कर्मचारी उन्हें दफ्तर में नहीं मिलते। इस बार कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर काफी तेज होने के कारण सुरक्षा की ²ष्टि से शासन ने यह सुविधा प्रदान की है कि किसान अपना गन्ना घोषणा पत्र किसी भी जन सुविधा केंद्र के माध्यम से या स्वयं मोबाइल के माध्यम से विभाग की वेबसाइट पर सीधे अपलोड करा सकते हैं। गन्ना घोषणा पत्र में जो वितरण भरा जाएगा किसान उसे स्व प्रमाणित करेंगे।

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 May 2021 11:25 PM (IST)Updated: Mon, 10 May 2021 11:25 PM (IST)
गन्ना किसानों को नहीं लगाने होंगे सोसायटी के चक्कर
गन्ना किसानों को नहीं लगाने होंगे सोसायटी के चक्कर

पीलीभीत,जेएनएन : कोरोना संक्रमण के कारण शासन ने गन्ना किसानों के घोषणापत्र आनलाइन स्वीकार किए जाने का आदेश जारी कर दिया है। पिछले वर्षों तक किसानों को निर्धारित प्रपत्र पर घोषणा पत्र भरने के बाद उसे जमा करने के लिए सहकारी गन्ना विकास समितियों के चक्कर काटने पड़ते हैं। अक्सर संबंधित कर्मचारी उन्हें दफ्तर में नहीं मिलते। इस बार कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर काफी तेज होने के कारण सुरक्षा की ²ष्टि से शासन ने यह सुविधा प्रदान की है कि किसान अपना गन्ना घोषणा पत्र किसी भी जन सुविधा केंद्र के माध्यम से या स्वयं मोबाइल के माध्यम से विभाग की वेबसाइट पर सीधे अपलोड करा सकते हैं। गन्ना घोषणा पत्र में जो वितरण भरा जाएगा, किसान उसे स्व प्रमाणित करेंगे।

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जिले में इस साल भी गन्ना फसल का कुल रकबा एक लाख हेक्टेयर से अधिक रहने की संभावना है। किसानों की गन्ना फसल का विभागीय एवं संबंधित चीनी मिलों की संयुक्त टीमें सर्वे करती हैं। इसके साथ ही किसान अपनी सहकारी गन्ना विकास समिति में घोषणा पत्र भरकर जमा करते रहे हैं। इसमें संबंधित किसान अपना पूरा विवरण, कुल कृषि भूमि तथा उसके कितने रकबा में गन्ना फसल बोई है, इसका घोषणा पत्र निर्धारित प्रपत्र में भरकर सोसायटी के दफ्तर में जमा करते रहे हैं लेकिन इस बार कोरोना की दूसरी लहर काफी तेज होने के कारण शासन के निर्देश पर घोषणा पत्र आनलाइन दाखिल किए जाने की सुविधा किसानों को मिलेगी। किसान जन सुविधा केंद्रों के माध्यम से अपना स्वप्रमाणित घोषणा पत्र आनलाइन अपलोड कराएंगे। इनसेट

जीपीएस से गन्ना उपज का सर्वे

इस बार गन्ना पर्यवेक्षक कागजों पर नहीं बल्कि डिजिटल डायरी में किसानों का फसल का सर्वे ब्योरा फीड कर रहे हैं। बरखेड़ा की बजाज हिदुस्तान शुगर मिल तथा बीसलपुर व पूरनपुर सहकारी चीनी मिलों के क्षेत्र में गन्ना सर्वे शुरू हो गया है। जल्द ही ललित हरि चीनी मिल क्षेत्र में भी सर्वे शुरू हो जाएगा। पूरे जिले में गन्ना फसल का सर्वे कार्य तीस जून तक पूरा किया जाना है। सभी गन्ना पर्यवेक्षकों को जीपीएस (ग्लोबल पोजीशनिग सिस्टम) से लैस डिजिटल डायरी दी गई है। इससे गन्ना सर्वे में त्रुटि होने की गुंजाइश नहीं रहेगी। इस बार किसानों को अपनी गन्ना उपज का घोषणा पत्र आनलाइन जमा करने की सुविधा प्रदान की जाएगी। कोविड के कारण सहकारी गन्ना समितियों के कार्यालयों पर भीड़ न लगे। इस कारण शासन के निर्देश पर यह व्यवस्था लागू की जा रही है। गन्ना फसल का सर्वे कार्य जिले में शुरू हो गया है। सभी सीडीआइ, एससीडीआइ, सोसायटी सचिव को सर्वे का निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं। वह स्वयं भी विभिन्न गांवों में जाकर सर्वे कार्य का निरीक्षण करेंगे। जिले की तीन चीनी मिलों के क्षेत्रों में सर्वे शुरू हो गया है। एलएच चीनी मिल का पेराई सत्र सबसे ज्यादा समय तक चला है। ऐसे में अब इस मिल क्षेत्र में भी किसानों की गन्ना फसल का सर्वे एक-दो दिन में शुरू हो जाएगा।

जितेंद्र कुमार मिश्र, जिला गन्ना अधिकारी


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