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विद्यार्थियों में खेलों की अलख जगा रहे सिमरनजीत

पीलीभीतजेएनएन टोक्यो ओलिंपिक में पुरुष हाकी टीम ने लंबे अरसे के बाद पदक जीतने में कामयाबी हासिल की। कामयाबी में भारतीय टीम के अहम खिलाड़ी सिमरनजीत सिंह का काफी योगदान रहा। टोक्यो से लौटकर पदकवीर सिमरनजीत इन दिनों जिले में भ्रमण करते हुए विद्यार्थियों में खेलों के प्रति रूचि जगा रहे हैं। वह नए खिलाड़ियों को किसी भी खेल में करियर बनाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 28 Aug 2021 10:45 PM (IST)Updated: Sat, 28 Aug 2021 10:45 PM (IST)
विद्यार्थियों में खेलों की अलख जगा रहे सिमरनजीत
विद्यार्थियों में खेलों की अलख जगा रहे सिमरनजीत

पीलीभीत,जेएनएन : टोक्यो ओलिंपिक में पुरुष हाकी टीम ने लंबे अरसे के बाद पदक जीतने में कामयाबी हासिल की। कामयाबी में भारतीय टीम के अहम खिलाड़ी सिमरनजीत सिंह का काफी योगदान रहा। टोक्यो से लौटकर पदकवीर सिमरनजीत इन दिनों जिले में भ्रमण करते हुए विद्यार्थियों में खेलों के प्रति रूचि जगा रहे हैं। वह नए खिलाड़ियों को किसी भी खेल में करियर बनाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

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मझोला क्षेत्र में छोटे से गांव मझारा फार्म में जन्म और पले बढ़े सिमरनजीत के हाकी में बुलंदियों पर पहुंचने से नए खिलाड़ी काफी प्रभावित हैं। इससे जिले में हाकी के नए खिलाड़ी उभरने की संभावनाएं बढ़ने लगी हैं। खुद सिमरनजीत सिंह जहां भी जाते हैं, वहां नौजवानों से सामना होते ही वे उन्हें खेल के प्रति जागरूक करने का अवसर नहीं छोड़ते। तराई के जिले ने हाकी में सिमरनजीत से पहले भी राष्ट्रीय स्तर के कई खिलाड़ी दिए हैं। पिछले साल कोरोना महामारी के चलते शहर के गांधी स्टेडियम में खेल गतिविधियां थम गई थीं। इस साल फिर कोरोना की दूसरी लहर के कारण स्टेडियम काफी दिनों तक बंद रहा। प्रशिक्षु खिलाड़ियों की प्रैक्टिस छूट गई थी। अब स्टेडियम खुल चुका है। खिलाड़ी प्रैक्टिस करने पहुंच रहे हैं लेकिन उन्हें कोच की कमी खल रही है। विभिन्न खेलों के कोच संविदा पर रखे जाते रहे हैं। पिछले साल कोरोना के कारण पुराने कोच की संविदा का नवीनीकरण नहीं हुआ। खिलाड़ियों को कोच की कमी काफी खलती है।

गांधी स्टेडियम में खिलाड़ियों को प्रशिक्षण की सुविधा प्रदान की जा रही है। कोविड के कारण संविदा प्रशिक्षकों का नवीनीकरण नहीं हो सका था लेकिन अब जल्द ही हो जाने की संभावना है। स्टेडियम आने वाले नए खिलाड़ियों को विभाग की ओर से प्रोत्साहित किया जा रहा है।

राजकुमार, जिला क्रीड़ा अधिकारी

क्रिकेट का कोच नहीं होने से दिक्कत आती है। वैसे प्रैक्टिस लगातार कर रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय हाकी खिलाड़ी सिमरनजीत सिंह से काफी प्रेरणा मिली है। स्टेडियम में सुविधाएं बढ़ाई जानी चाहिए, जिससे प्रशिक्षुओं का खेल प्रदर्शन बेहतर हो सके।

ब्रजेश कुमार

स्टेडियम में क्रिकेट कोच नहीं होने की कमी पूरी करने का प्रयास करता हूं। नए खिलाड़ियों को क्रिकेट की बारीकियां सिखाना मुझे काफी अच्छा लगता है। दरअसल सभी खेल अपने में महत्वपूर्ण हैं, जिसमें रुचि हो, वही खेल अपनाना चाहिए।

जगदीश सक्सेना

खेल कोई भी हो, खिलाड़ी में उसके प्रति सच्ची लगन और जुनून होना चाहिए। अपने खेल के प्रति जुनून ही खिलाड़ी को आगे बढ़ाता है। तराई के जिले में अच्छे प्रशिक्षकों की कमी रही है, इसे दूर किया जाना चाहिए।

गिरजेश पाठक


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