गांवों में घूमकर कराया था शिला पूजन
राम मंदिर आंदोलन के दौरान भाजपा के जिला उपाध्यक्ष रहे डॉ. कृष्ण लाल आर्य को संगठन की ओर से बिलसंडा क्षेत्र में कारसेवकों को संगठित करने राम शिला और राम ज्योति का गांव-गांव में पूजन कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी जिसे उन्होंने बखूबी निभाया। बढ़ती सक्रियता देखकर जिला प्रशासन ने गिरफ्तारी करा दी। वह बदायूं की जेल में भेज दिया गए। एक महीने बाद रिहा होकर आते ही फिर आंदोलन की कमान संभाल ली थी।
पीलीभीत,जेएनएन : राम मंदिर आंदोलन के दौरान भाजपा के जिला उपाध्यक्ष रहे डॉ. कृष्ण लाल आर्य को संगठन की ओर से बिलसंडा क्षेत्र में कारसेवकों को संगठित करने, राम शिला और राम ज्योति का गांव-गांव में पूजन कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, जिसे उन्होंने बखूबी निभाया। बढ़ती सक्रियता देखकर जिला प्रशासन ने गिरफ्तारी करा दी। वह बदायूं की जेल में भेज दिया गए। एक महीने बाद रिहा होकर आते ही फिर आंदोलन की कमान संभाल ली थी।
डॉ. आर्य कहते हैं कि कारसेवकों का त्याग और संघर्ष अब रंग ला रहा है। श्रीराम जन्मभूमि का भव्य मंदिर बनने जा रहा है। बहुत खुशी हो रही है। आंदोलन के दौर को याद करते हुए वह कहते हैं कि उस समय देश से लेकर विदेश तक श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर बनाने के लिए आंदोलन की चर्चा रही। वर्ष 1990 के हालत ही कुछ अलग थे। कारसेवक राम मंदिर के लिए जीवन तक न्यौछावर करने को तत्पर थे। हर किसी को श्रीराम का मंदिर चाहिए था, इसके लिए पुलिस की लाठियां खाईं, गिरफ्तार होकर जेल गए लेकिन हौसला नहीं टूटने दिया। बिलसंडा के लोगों ने भी आंदोलन में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया था। कृपाराम श्रीवास्तव समेत तमाम लोगों ने अहम भूमिका निभाई थी। कृपाराम अब इस दुनिया में नहीं है लेकिन उनका सपना पूरा होने जा रहा है।