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खेतों में गन्ने के साथ लहलहाएगी सह फसली

गन्ने के साथ सह फसली खेती करने से किसानों का आय में बढ़ोतरी होगी इसीलिए इस बार वसंत कालीन गन्ना बुवाई में 7 हजार 505 हेक्टेयर रकबा में सह फसली खेती कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 27 Feb 2021 10:48 PM (IST)Updated: Sat, 27 Feb 2021 10:48 PM (IST)
खेतों में गन्ने के साथ लहलहाएगी सह फसली
खेतों में गन्ने के साथ लहलहाएगी सह फसली

पीलीभीत,जेएनएन : गन्ने के साथ सह फसली खेती करने से किसानों का आय में बढ़ोतरी होगी, इसीलिए इस बार वसंत कालीन गन्ना बुवाई में 7 हजार 505 हेक्टेयर रकबा में सह फसली खेती कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

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जिले में हर साल गन्ना उपज का रकबा सर्वाधिक रहता है। यह औसतन एक लाख हेक्टेयर के आसपास रहता है जबकि धान और गेहूं जैसी फसलों का रकबा इससे आधा या उससे भी कम रहता है। ऐसे में गन्ना के साथ ही उस खेत में कोई भी सहायक फसल की जाए तो उसमें लागत बहुत कम आती है। गन्ना फसल को जो खाद-पानी, कीटनाशक दिए जाते हैं, उसी से सहायक फसल की जरूरतें भी पूरी हो जाती हैं। वसंतकालीन गन्ना बुवाई के साथ ही सहायक फसल के तौर पर उड़द, मूंग जैसी दलहनी फसलें आसानी से उगाई जा सकती हैं। इनमें किसानों को सिर्फ बीज पर खर्च करना होगा जबकि उड़द या मूंग की उपज का बाजार में काफी अच्छा भाव किसान को मिल जाएगा। सूरजमुखी की खेती भी सह फसली के तौर पर की जा सकती है। यह तिलहन की फसल है और बाजार में इसका भी अच्छा मूल्य मिलता है। अगर कोई किसान इनमें से कोई फसल न करना चाहे तो वह अपने खेत में गन्ना के साथ खीरा, तरबूज, खरबूज की फसल लेकर लाभ उठा सकता है। तराई के इस जिले में अनेक किसान पहले से ही गन्ना के साथ सह फसली करके लाभ ले रहे हैं। अमरिया तहसील क्षेत्र में अनेक किसान शरदकालीन गन्ना बुवाई में सह फसली के तौर पर मटर की खेती करते हैं।

जिले में वसंतकालीन गन्ना बुवाई का कुल लक्ष्य 10 हजार 351 हेक्टेयर है। इसमें से 7 हजार 505 हेक्टेयर रकबा में सहफसली कराने का लक्ष्य किया गया है। किसानों को इसके लिए विभाग की ओर से प्रोत्साहित किया जा रहा है। वसंत कालीन गन्ना बुवाई का सीजन 31 मार्च तक चलेगा।

-जितेंद्र कुमार मिश्र, जिला गन्ना अधिकारी

सहफसली खेती किसानों के लिए बहुत फायदेमंद है। सहायक फसल करके उसकी उपज बेचने पर किसान को इतना पैसा मिल जाता है कि गन्ना फसल की पूरी लागत निकल आए। ऐसे में जब गन्ना बिक्री का भुगतान मिलता है तो वह पूरा का पूरा किसान का होता है। सहफसली से किसान आय बढ़ा सकते हैं।

डॉ. शैलेंद्र सिंह ढाका, वरिष्ठ विज्ञानी राजकीय कृषि विज्ञान केंद्र


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