एसडीएम ने क्रय केद्रों से कराया धान का उठान
बीसलपुर मंडी समिति परिसर में स्थित क्रय केंद्रों पर धीमी गति से चल रही तौल से किसानों की नाराजगी के बाद प्रशासन हरकत में आया है। एसडीएम ने मौके पर पहुंचकर अपने सामने धान का उठान करवाया। साथ ही केंद्र प्रभारियों को तौल में तेजी लाने के निर्देश दिए।
पीलीभीत,जेएनएन : बीसलपुर मंडी समिति परिसर में स्थित क्रय केंद्रों पर धीमी गति से चल रही तौल से किसानों की नाराजगी के बाद प्रशासन हरकत में आया है। एसडीएम ने मौके पर पहुंचकर अपने सामने धान का उठान करवाया। साथ ही केंद्र प्रभारियों को तौल में तेजी लाने के निर्देश दिए।
मंडी समिति स्थित सात धान क्रय केंद्रों पर प्रभारियों की ओर से क्रय किए गए किसानों के धान का उठान न होने के कारण केंद्र प्रभारियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं एसडीएम ने 90 ट्रैक्टर ट्रालियों को टोकन जारी कराने के बाद केंद्रों पर भिजवा दीं। यह देखकर केंद्र प्रभारी परेशान हो गए। उन्होंने धान का उठान ना होने की शिकायत एसडीएम राकेश कुमार गुप्ता से की। उन्होंने शुक्रवार को मंडी समिति पहुंचकर केंद्रों पर स्वयं खड़े होकर वहां लगे धान की बोरियों का उठान कराया। नवादिया रोनिया क्रय केंद्र प्रभारी ने बताया कि उनके पास 8 हजार 500 क्विंटल गेहूं खरीदा है जिसका उठान आधा भी नहीं हुआ है जोगीठेर केंद्र प्रभारी ने बताया कि उन्होंने अब तक 410 0 क्विंटल धान क्रय किया है जिसका उठान आधे से कम अभी तक हुआ है मंडी समिति क्रय केंद्र पर प्रभारी नाजिम अली ने बताया कि उन्होंने 16000 क्विंटल धान क्रय किया है कितु अभी तक आधा धान भी मंडी से उठकर नहीं जा सका है जसौली दिवाली क्रय केंद्र प्रभारी विजय सिंह ने कुल तौल छह हजार सात सौ क्विंटल की है जबकि उठान मात्र 3000 क्विंटल ही हो सका है एसएफसी केंद्र प्रभारी इंद्रमणि शुक्ल ने बताया कि उन्होंने अभी तक 20 हजार कुंटल धान की खरीद की है उठान मात्र 13000 क्विंटल हुआ है इसके अलावा मार्केटिग विभाग के प्रथम क्रय केंद्र पर 21093 क्विंटल में से 16000 उठान हो सका है मार्केटिग विभाग के द्वितीय केंद्र पर केंद्र प्रभारी सेंसर पाल ने बताया कि उन्होंने अभी तक 17535 क्विंटल धान क्रय किया है जिसमें से 5342 क्विंटल धान उनके केंद्र पर स्टाक में लगा हुआ है। केंद्र प्रभारियों ने एसडीएम को बताया कि जब उनके पास जगह ही नहीं है तो वह खरीद कर स्टाक कहां करें इधर मौसम भी लगातार खराब होने के कारण केंद्र प्रभारियों को धान भीग न जाएं यह भय भी लगा हुआ है।