आओ हाथ बढ़ाएं, जीवनदायक पेड़ों को बचाएं
पीलीभीत : जीवनदाता पेड़ों की रक्षा करने के लिए सभी जागरूक लोगों को आगे आना होगा। तभी पेड़ों को बचाया ज
पीलीभीत : जीवनदाता पेड़ों की रक्षा करने के लिए सभी जागरूक लोगों को आगे आना होगा। तभी पेड़ों को बचाया जा सकेगा। इसके लिए अब तैयारी शुरू हो गई है। जागरूक नागरिकों के साथ ही नगर पालिका परिषद भी अब इसके लिए पहल करने की तैयारी में है। इससे न सिर्फ शहर में हरियाली का दायरा बढ़ेगा बल्कि भूजन रीचार्ज की मुश्किलें भी आसान हो जाने की संभावना है।
शासन की अमृत योजना के अंतर्गत शहर में तीन पार्कों का सुंदरीकरण कराने के लिए बजट स्वीकृत हो चुका है। तीनों पार्कों में जो भी सुंदरीकरण कार्य कराए जाने हैं, उनके लिए टेंडर प्रक्रिया भी पूरी कराई जा चुकी है। सुंदरीकरण कार्य तो ठेके पर होना है लेकिन बाद में वहां पौधारोपण अलग से कराया जाएगा। लगाए जाने वाले पौधे जीवित रहे और बढते रहे, इसे भी सुनिश्चित किया जाएगा। इसमें नगर पालिका परिषद लगाए जाने वाले पौधों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी। एकता सरोवर परिसर काफी विस्तृत है। यहां हरियाली बढ़ाने की काफी कुछ गुंजाइश है। पूरे परिसर में विभिन्न प्रजातियों के फलदार एवं छायादार पौधे लगाए जाने की योजना है। जिससे एकता सरोवर परिसर में घूमने-फिरने आने वाले लोगों को सुकून मिल सके। इसी प्रकार स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास की स्मृतियों को संजोये रामस्वरूप पार्क का भी कायाकल्प होना है। अमृत योजना के माध्यम से पार्क का सुंदरीकरण होगा और पौधे लगाए जाएंगे। यह पार्क शहर के भीतरी हिस्से में होने की वजह से काफी महत्वपूर्ण है। टनकपुर हाईवे स्थित नेहरू ऊर्जा उद्यान भी सुंदरीकरण योजना में शामिल है। यहां पहले से ही काफी हरियाली है। जरूरत उस हरियाली को सुरक्षित और संविर्द्धत करने की है। जिला विज्ञान क्लब के पूर्व समन्वयक लक्ष्मीकांत शर्मा का मानना है कि इन तीनों पार्कों में काफी मात्रा में विभिन्न प्रजातियों के पौधे लगाकर हरियाली को बढ़ाया जा सकता है। जो भी पौधे लगाए जाएं, उनकी सुरक्षा के लिए नगर पालिका परिषद के साथ ही आम नागरिकों को भी सजग रहना पड़ेगा। तभी लगाए गए पौधे पेड़ बनकर मानव के लिए जीवनदायी साबित हो सकेंगे। लगाए जाने वाले पौधों की सुरक्षा ट्री गार्ड लगाकर की जानी चाहिए। बरसात के दिनों में तो पौधों को सींचने का कार्य प्रकृति करती रहेगी लेकिन बाद में पौधों को नियमित रूप से पानी देने की व्यवस्था भी करनी पड़ेगी। अगर ये सब हो सका तो हरियाली निश्चित तौर पर बढ़ेगी।