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सदर से डा. शैलेंद्र, बरखेड़ा से हेमराज और पूरनपुर में आरती सपा उम्मीदवार

पीलीभीत समाजवादी पार्टी ने सोमवार की शाम जिले में तीन विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए हैं जिसके तहत पीलीभीत सदर से डा. शैलेंद्र गंगवार बरखेड़ा से पूर्व राज्यमंत्री हेमराज वर्मा तथा पूरनपुर सुरक्षित सीट से आरती महेंद्र को सपा उम्मीदवार घोषित किया गया है जबकि बीसलपुर सीट के लिए संशय बरकरार रखा है। इस सीट के दावेदारों की धड़कनें और तेज हो गई हैं। खास बात यह है कि समाजवादी पार्टी ने इस बार किसी मुस्लिम चेहरे को चुनावी समर में नहीं उतारा है। इसे लेकर राजनीतिक गलियारे में तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी में टिकट बंटवारे को लेकर बगावत होने के भी आसार साफ तौर पर दिखाई दे रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 24 Jan 2022 11:30 PM (IST)Updated: Mon, 24 Jan 2022 11:30 PM (IST)
सदर से डा. शैलेंद्र, बरखेड़ा से हेमराज और पूरनपुर में आरती सपा उम्मीदवार
सदर से डा. शैलेंद्र, बरखेड़ा से हेमराज और पूरनपुर में आरती सपा उम्मीदवार

पीलीभीत : समाजवादी पार्टी ने सोमवार की शाम जिले में तीन विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए हैं, जिसके तहत पीलीभीत सदर से डा. शैलेंद्र गंगवार, बरखेड़ा से पूर्व राज्यमंत्री हेमराज वर्मा तथा पूरनपुर सुरक्षित सीट से आरती महेंद्र को सपा उम्मीदवार घोषित किया गया है, जबकि बीसलपुर सीट के लिए संशय बरकरार रखा है। इस सीट के दावेदारों की धड़कनें और तेज हो गई हैं। खास बात यह है कि समाजवादी पार्टी ने इस बार किसी मुस्लिम चेहरे को चुनावी समर में नहीं उतारा है। इसे लेकर राजनीतिक गलियारे में तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी में टिकट बंटवारे को लेकर बगावत होने के भी आसार साफ तौर पर दिखाई दे रहे हैं।

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पीलीभीत सदर विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व कैबिनेट मंत्री हाजी रियाज अहमद का लंबे समय तक वर्चस्व रहा था। विगत वर्ष त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दौरान कोरोना संक्रमण से हाजी रियाज अहमद तथा उनकी राजनीतिक विरासत की वारिश उनकी बेटी जिला पंचायत की पूर्व अध्यक्ष रुकैया आरिफ का निधन हो गया, जिसके बाद पीलीभीत सदर सीट पर सपा टिकट की दावेदारी करने वालों की लंबी कतार लग गई। हाजी रियाज के पुत्र डा. शाने अली, दामाद मोहम्मद आरिफ सहित दो दर्जन से ज्यादा दावेदारों ने टिकट के लिए आवेदन किया था, लेकिन विगत महीने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात के बाद डा. शैलेंद्र गंगवार का नाम सबसे प्रबल दावेदार के तौर पर चर्चा में आ गया था। डा. शैलेंद्र गंगवार ने बहुजन समाज पार्टी के जरिये अपना राजनीतिक सफर शुरू किया है। बरखेड़ा सीट से बसपा उम्मीदवार डा. शैलेंद्र गंगवार के तौर पर वर्ष 2017 में चुनाव लड़े थे, जिसमें उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा था। अब सपा हाईकमान ने डा. शैलेंद्र गंगवार को पीलीभीत सदर सीट से उम्मीदवार घोषित किया है। इस विधानसभा क्षेत्र में मुस्लिम और कुर्मी जाति के मतदाताओं की निर्णायक संख्या के मद्देनजर सपा ने डा. शैलेंद्र गंगवार पर दांव लगाया है। साथ ही सपा ने इस सीट पर हिदू मुस्लिम फैक्टर को भी खत्म करने का प्रयास किया है, जिसके चलते सदर सीट पर अब मुकाबला दिलचस्प होने के आसार बन रहे हैं। फिलहाल टिकट के मुस्लिम दावेदारों में मायूसी है।

बरखेड़ा विधानसभा सीट पर पूर्व राज्यमंत्री हेमराज वर्मा, जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष बुद्धसेन वर्मा, पूर्व विधायक गोपाल कृष्ण सक्सेना के पुत्र रजत सक्सेना, तारा चंद्र लोधी तथा जसवंत कुमार आदि आधा दर्जन दावेदारों ने टिकट के लिए आवेदन किया था। सपा हाईकमान ने हेमराज वर्मा पर ही दोबारा दांव लगाने का फैसला किया है। बरखेड़ा विधानसभा क्षेत्र में लोध किसान जाति के मतदाताओं की निर्णायक संख्या के तहत जातीय समीकरण हेमराज वर्मा के अनुकूल साबित हुए हैं। इसके अलावा हेमराज वर्मा भाजपा शासन काल में ज्वलंत मुद्दों को लेकर आवाज बुलंद करते रहे हैं। जिस कारण हेमराज वर्मा के खिलाफ कई मुकदमे भी दर्ज किए गए हैं। हेमराज वर्मा को इसी संघर्ष का नतीजा दोबारा टिकट मिलना माना जा रहा है।

पूरनपुर सुरक्षित सीट पर भी सपा हाईकमान को उम्मीदवार चयन करने के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ी है। इस विधानसभा क्षेत्र में सपा के पूर्व विधायक पीतम राम का खासा प्रभाव रहा है। विगत वर्ष कोरोना संक्रमण की चपेट में आने से पूर्व विधायक पीतमराम के स्वास्थ्य में गिरावट आ गई, जिस कारण वह पूरनपुर क्षेत्र में लगातार संपर्क स्थापित नहीं कर पा रहे थे। पूर्व विधायक ने अपनी राजनीतिक विरासत अपनी पुत्रवधू आरती महेंद्र को सौंपने का निर्णय लिया। आरती महेंद्र जिला पंचायत की पूर्व अध्यक्ष हैं। इस बीच पूर्व विधायक के भांजे राजकुमार उर्फ राजू ठेकेदार ने भी सपा टिकट के लिए दावेदारी कर खलबली मचा दी। मसलन राजनीतिक विरासत को लेकर मामा भांजे के बीच विवाद गहराने लगा। इस दौरान दर्जन भर अन्य दावेदारों ने भी टिकट के लिए आवेदन कर दिया था, लेकिन सपा हाईकमान ने पूर्व विधायक पीतमराम के आग्रह पर उनकी पुत्रवधू आरती महेंद्र को उम्मीदवार घोषित कर दिया है। जिससे पूर्व विधायक के खेमे में खुशी की लहर है। हालांकि यहां भी सपा टिकट की दावेदारी करने वाले कई नेताओं के बगावत करने की संभावना है।

बीसलपुर सीट के दावेदारों की धड़कनें बढ़ीं

सपा हाईकमान ने बीसलपुर विधानसभा सीट के लिए उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। इस विधानसभा क्षेत्र से सपा टिकट के लिए दिव्या गंगवार, मुनेंद्र गंगवार, दीप्ति गंगवार, गायत्री गंगवार, आशा वर्मा, सुरेंद्र गंगवार, नीरज गंगवार, तेजपाल गंगवार आदि ने आवेदन किया है। वहीं भाजपा टिकट बंटवारे से बदले हालात में बागी नेता भी सपा टिकट हासिल करने के लिए जुगत भिड़ाने का प्रयास कर रहे हैं।


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