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शिशु विहार इंटर कालेज में बनेगा रेन वॉटर हार्वेस्टिग प्लांट

दैनिक जागरण की ओर से वर्षा जल संचय करने के लिए चलाए जा रहे जन जागरूकता अभियान से प्रभावित होकर अब नगर के शिशु विहार इंटर कॉलेज प्रबंधन ने भी कदम आगे बढ़ाए हैं। विद्यालय प्रबंध समिति ने बैठक कर योजना तैयार की। भूजल दोहन होने से आने वाले समय में जल संकट सबसे बड़ी समस्या के रूप में उभर कर सामने आएगा इससे निपटने को विद्यालय में रूफ रेन वाटर हार्वेस्टिग प्लांट बनवाया जाएगाजिससे बारिश का पानी व्यर्थ नहीं जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Fri, 09 Apr 2021 11:45 PM (IST)Updated: Fri, 09 Apr 2021 11:45 PM (IST)
शिशु विहार इंटर कालेज में बनेगा रेन वॉटर हार्वेस्टिग प्लांट
शिशु विहार इंटर कालेज में बनेगा रेन वॉटर हार्वेस्टिग प्लांट

पीलीभीत,जेएनएन : दैनिक जागरण की ओर से वर्षा जल संचय करने के लिए चलाए जा रहे जन जागरूकता अभियान से प्रभावित होकर अब नगर के शिशु विहार इंटर कॉलेज प्रबंधन ने भी कदम आगे बढ़ाए हैं। विद्यालय प्रबंध समिति ने बैठक कर योजना तैयार की। भूजल दोहन होने से आने वाले समय में जल संकट सबसे बड़ी समस्या के रूप में उभर कर सामने आएगा, इससे निपटने को विद्यालय में रूफ रेन वाटर हार्वेस्टिग प्लांट बनवाया जाएगा,जिससे बारिश का पानी व्यर्थ नहीं जाएगा।

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नगर के शिशु विहार इंटर कालेज में रूफ रेन वाटर हार्वेस्टिग प्लांट का निर्माण करवाने का निर्णय विद्यालय प्रबंध समिति की ओर से लिया गया है। विद्यालय के प्रबंधक डा. महेश गुप्ता ने बताया कि वर्षा ऋतु आने से पूर्व ही विद्यालय परिसर में रूफ रेन वाटर हार्वेस्टिग प्लांट का निर्माण पूर्ण करा लिया जाएगा। जगह का चयन कर लिया गया है, जिसके लिए अलग-अलग चार गड्ढे खोदवाकर बोरिग कराने के बाद टैंकों का निर्माण कराया जाएगा। विद्यालय भवन की छतों को साफ कराकर उनमें जमा हाने वाला बारिश का सारा पानी इन टैंकों में ही पहुंचेगा। प्रथम द्वितीय व तृतीय टैंक में वर्षा का जल शुद्ध होकर चौथे टैंक में प्रवेश करेगा, जिससे शुद्ध जल भूगर्भ में समाहित हो जाएगा। इस विधि का सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि बारिश होने पर सारा पानी जमीन के भूगर्भ में समाहित हो जाएगा। सड़कों पर वर्षा का पानी नहीं भरेगा। मिट्टी के कट कर बह जाने का खतरा भी नहीं होगा साथ ही जल की गुणवत्ता को सुधारने में विधि सबसे अधिक मददगार साबित होगी। इस विधि का उद्देश्य भूजल को रिचार्ज कर जमीन का जलस्तर बढ़ाने के साथ ही पेयजल की समस्या का समाधान करना है। वर्षा जल का संचयन मूल रूप से इमारतों की छत पर वर्षा के पानी का संग्रहण और फिर आगामी प्रयोग के लिए इसका भूमिगत संग्रहण और संरक्षण कर जल संकट से निपटा जा सकता है। इस प्लांट के विद्यालय में बन जाने के बाद शुद्ध जल का वाटर लेवल भी बढ़ जाएगा। विद्यालय में वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम को बनवाने का मुख्य उद्देश्य वर्षा के जल को शुद्ध रूप में संचित करना है। दैनिक जागरण द्वारा वर्षा जल की बर्बादी रोकने के लिए चलाए जा रहे अभियान से स्थिति में सुधार आएगा। लोग बारिश का पानी संचय करने की ओर अग्रसर होंगे।

डाक्टर महेश गुप्ता, प्रबंधक

वर्षा के जल संग्रहीत करने के लिए विद्यालय में रूफ रेन वाटर हार्वेस्टिग प्लांट का निर्माण कराया जाएगा। इसके लिए प्रबंध समिति ने बैठक कर प्लांट के निर्माण की योजना तय कर ली है। शीघ्र ही कार्य शुरू कराया जाएगा। प्लांट का निर्माण होने से भूगर्भ जलस्तर बढ़ाने में मदद मिलेगी।

वीरेंद्र अग्रवाल, प्रबंध समिति अध्यक्ष

दैनिक जागरण के जल संरक्षण अभियान सहज लो हर एक बूंद से जागरूक होकर हमारे विद्यालय में रेन वाटर हार्वेस्टिग प्लांट का निर्माण कराने का निर्णय प्रबंध समिति ने लिया है। विद्यालय प्रबंध समिति इसके लिए पूरी तरह से सहमत हो गई है। जल संकट की समस्या से निपटने के लिए यह प्लांट विद्यालय परिसर में बनवाया जाएगा।

गोपाल अग्रवाल, कोषाध्यक्ष प्रबंध समिति

वाटर हार्वेस्टिग प्लांट का विद्यालय में निर्माण होने से वर्षा जल का भूगर्भ जल संग्रहीत करने में काफी मदद मिलेगी। जल संकट से निपटने के लिए विद्यालय प्रबंध समिति ने निर्णय लिया है। वर्षा के जल संग्रहीत करने के लिए छात्र-छात्राओं को भी जागरूक किया जा रहा है।

प्रभात सक्सेना, प्रधानाचार्य


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