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महिला उद्यमियों के नहीं बिके उत्पाद

पीलीभीतजेएनएन नाबार्ड व राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा आयोजित शरद मेला का दूसरे दिन समापन हो गया। मेला में जनपद की 10 महिला समूह ने भाग लिया था। प्रचार प्रसार ना होने की वजह से मेले से आम जनता का जुड़ाव नहीं हो सका। मेला में लोगों के न पहुंचने से महिला उत्पादकों में निराशा देखी गई। नाबार्ड एवं राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के द्वारा गठित स्वयं सहायता समूह के सदस्यों द्वारा स्वनिर्मित उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई गई।

By JagranEdited By: Published: Sat, 04 Dec 2021 11:05 PM (IST)Updated: Sat, 04 Dec 2021 11:05 PM (IST)
महिला उद्यमियों के नहीं बिके उत्पाद
महिला उद्यमियों के नहीं बिके उत्पाद

पीलीभीत,जेएनएन: नाबार्ड व राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा आयोजित शरद मेला का दूसरे दिन समापन हो गया। मेला में जनपद की 10 महिला समूह ने भाग लिया था। प्रचार प्रसार न होने की वजह से मेले से आम जनता का जुड़ाव नहीं हो सका। मेला में लोगों के न पहुंचने से महिला उत्पादकों में निराशा देखी गई।

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नाबार्ड एवं राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के द्वारा गठित स्वयं सहायता समूह के सदस्यों द्वारा स्वनिर्मित उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई गई। कार्यक्रम में प्रतिभाग करने वाली स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा काफी उत्साह पूर्वक दो दिन लगातार मेले में प्रतिभाग किया गया। अपने उत्पादों की बिक्री एवं प्रदर्शन किया। अन्य समूहों के उत्पादों के विषय में जानकारी हासिल की गई। बाजार व्यवस्था पर समन्वय एवं सामंजस्य स्थापित किया गया। शरद मेला के समापन अवसर पर मुख्य अतिथि जिला विकास अधिकारी ने महिलाओं को अपने उत्पादों की बाजार व्यवस्था के लिए स्वयं से स्थानीय स्तर पर दुकानदारों एवं बाजारों में प्रयास करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि हम अपने उत्पाद को जब तक स्वयं प्रयोग में नहीं लेंगे एवं अपने आसपास के लोगों को उसके विषय में नहीं बताएंगे, तब तक हमारी बाजार व्यवस्था सु²ढ़ नहीं हो सकती है। विशिष्ट अतिथि निदेशक डीआरडीए ने महिलाओं को इस तरह के कार्यक्रमों में लगातार बढ़-चढ़कर प्रतिभाग करने के लिए प्रोत्साहित किया। दो दिवसीय मेले में प्रतिभाग करने वाले सभी प्रतिभागियों को प्रशिक्षण प्रमाण पत्र वितरित किए। जनपद के 10 महिला समूहों ने किया प्रतिभाग

पहचान उन्नति प्रेरणा संगठन की महिलाएं सेनेटरी पैड तैयार करती है। चांद सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं देवीपुरा गौशाला में गाय के गोबर और गोमूत्र से उत्पाद बनाती है। जय मां दुर्गा स्वयं सहायता समूह इस समूह से जुड़ी महिलाएं कचरी पापड़ तैयार करती हैं। आला हजरत महिला कल्याण स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं मधुमक्खी पालन करती हैं जिससे शहर तैयार होता है। केजीएन स्वयं सहायता समूह की महिलाएं डिटर्जेंट बनाती हैं। लक्ष्मी स्वयं सहायता समूह की महिलाएं अचार तैयार करती हैं, उड़ान स्वयं सहायता समूह मोमबत्ती बनाती हैं, सखी स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं मशरूम की खेती करती हैं। वंदना स्वयं सहायता समूह की महिलाएं उड़द दाल की बड़ी के साथ-साथ मिठाई के डिब्बे बनाने का काम करती है और पहेली स्वयं सहायता समूह की महिलाएं जलकुंभी महिलाओं की पर टोकरी समेत 7 तरह के उत्पाद तैयार करती हैं। प्रशासन की पहल बहुत अच्छी है। हम महिलाओं द्वारा तैयार माल को एक उचित प्लेटफार्म मिला। मेले का प्रचार प्रसार ना होने की वजह से लोगों की संख्या कम रहने से बिक्री अच्छी नहीं हुई।

दीपिका विश्वास उन्नति स्वयं सहायता समूह हम 10 महिलाओं का एक समूह है। जो कचड़ी पापड़ तैयार करता है। तैयार माल हमारे घरों से भी बिक जाता है। बहुत अच्छी बिक्री मेला में नहीं हुई यहां मेला देखने बहुत कम लोग आए।

राम रखी, चांद स्वयं सहायता समूह फोटो-4पीआइएलपी-4

मधुमक्खी पालन का काम हमारा स्वयं सहायता समूह करता है मधुमक्खियों से मिलने वाले शहद को हम बाजार में बिक्री करते हैं। मेला में बहुत कम लोग आए जिस वजह से हमारे शहद की बिक्री बहुत बढि़या नहीं रही।

कोनिका बैरागी, आला हजरत स्वयं सहायता समूह

प्रशासन की अच्छी कोशिश है कि हम महिलाओं द्वारा तैयार उत्पादों को एक उचित प्लेटफार्म दिया। मेला देखने बहुत ज्यादा लोग नहीं आए जिस वजह से हमारे द्वारा तैयार माल की अच्छी बिक्री नहीं हुई फिर भी मुझे अच्छा लगा।

आशा सहेली स्वयं सहायता समूह


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