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भाजपा में बगावती तेवरों से राजनीतिक पारा चढ़ा

पीलीभीतजेएनएन पहले तो उन्हें टिकट मिलने की पूरी उम्मीद थी लेकिन शुक्रवार की शाम टिकटों की घोषणा के साथ ही जिले में भाजपा के ज्यादातर दावेदारों की उम्मीदों पर पानी फिर गया। ऐसे में कई प्रमुख दावेदारों के भीतर बगावती स्वर फूटना भी स्वभाविक है। पूरनपुर क्षेत्र के दावेदार अशोक राजा और दीप्ति वर्मा ने तो भाजपा से इस्तीफा दे दिया है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Jan 2022 11:24 PM (IST)Updated: Sat, 22 Jan 2022 11:24 PM (IST)
भाजपा में बगावती तेवरों से राजनीतिक पारा चढ़ा
भाजपा में बगावती तेवरों से राजनीतिक पारा चढ़ा

पीलीभीत,जेएनएन : पहले तो उन्हें टिकट मिलने की पूरी उम्मीद थी, लेकिन शुक्रवार की शाम टिकटों की घोषणा के साथ ही जिले में भाजपा के ज्यादातर दावेदारों की उम्मीदों पर पानी फिर गया। ऐसे में कई प्रमुख दावेदारों के भीतर बगावती स्वर फूटना भी स्वभाविक है। पूरनपुर क्षेत्र के दावेदार अशोक राजा और दीप्ति वर्मा ने तो भाजपा से इस्तीफा दे दिया है। बीसलपुर क्षेत्र के डा. रत्नेश गंगवार ने भाजपा विधायक रामसरन वर्मा पर गंभीर आरोप लगाते हुए चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। वहीं पीलीभीत विधानसभा सीट के दावेदार राकेश गुप्ता और सत्यपाल गंगवार अपने खास सिपहसालारों के बीच अगली रणनीति बनाने के लिए मंथन कर रहे हैं। इस बीच बरखेड़ा विधायक किशनलाल राजपूत ने टिकट कटने के बाद अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं। फिलहाल सत्तारूढ़ भाजपा के भीतर बगावती तेवरों से राजनीतिक पारा चढ़ता जा रहा है।

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तराई के जिले में वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में चारों सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने जीत का परचम लहराया था। जिसके तहत पीलीभीत सदर सीट से संजय सिंह गंगवार, बरखेड़ा से किशनलाल राजपूत, बीसलपुर से रामसरन वर्मा तथा पूरनपुर सुरक्षित सीट से बाबूराम पासवान जीत दर्ज कर विधायक निर्वाचित हुए थे। बीते साढ़े चार साल के दौरान चारों विधायकों को लेकर समय समय पर सुर्खियां रहीं। ऐसे में साल भर पहले वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा संगठन की ओर से तमाम विधायकों के टिकट काटने की चर्चाएं शुरू हो गई थीं। भाजपा संगठन ने साल भर के दौरान पार्टी विधायकों की स्थिति जानने के लिए चार बार आंतरिक सर्वे भी कराया था। भाजपा संगठन के रुख से ही जिले में भी चारों सीटों पर टिकट हासिल करने के लिए दावेदारों की ओर से आवेदन किए गए थे। मसलन चारों सीटों पर आठ-आठ दावेदारों ने टिकट पाने के लिए आवेदन किया था। कई दावेदार तो अपना टिकट पक्का मानते हुए साल भर से चुनाव प्रचार में जुट गए थे। शुक्रवार की शाम भाजपा संगठन ने चारों सीटों पर टिकटों की घोषणा कर दी, जिसके तहत पीलीभीत सदर सीट पर विधायक संजय सिंह गंगवार तथा पूरनपुर सीट पर विधायक बाबूराम पासवान को दोबारा उम्मीदवार बनाया गया है। बीसलपुर सीट पर विधायक राम सरन वर्मा के आग्रह पर उनके पुत्र विवेक वर्मा को टिकट दिया गया है। वहीं बरखेड़ा सीट पर मौजूदा विधायक किशनलाल राजपूत का टिकट काटकर स्वामी प्रवक्तानंद को प्रत्याशी बनाया गया है। विधायक किशनलाल राजपूत का टिकट काटे जाने की संभावना पहले से ही जताई जाने लगी थी, क्योंकि आतंरिक सर्वे में भाजपा संगठन ने प्रदर्शन संतोषजनक नहीं पाया था।

पीलीभीत सदर सीट पर भी विधायक संजय सिंह गंगवार का टिकट कटने की उम्मीद में पूर्व जिलाध्यक्ष राकेश गुप्ता, पूर्व ब्लाक प्रमुख सत्यपाल गंगवार, लोकतंत्र सेनानी डा. वीरेंद्र सिंह पटेल, बरेली के प्रशांत पटेल पूरी दमदारी से दावेदारी कर रहे थे, लेकिन विधायक को दोबारा टिकट दिए जाने से पूर्व जिलाध्यक्ष राकेश गुप्ता और सत्यपाल गंगवार को झटका सा लगा है। अब दोनों नेता अपने समर्थकों के साथ अगली रणनीति तय करने के लिए मंथन कर रहे हैं। पूर्व जिलाध्यक्ष राकेश गुप्ता ने बताया कि अगले कदम के लिए समर्थकों और शुभचितकों के साथ विचार-विमर्श किया जा रहा है। यहां याद दिला दें कि सत्यपाल गंगवार तथा उनके परिवार का ललौरीखेड़ा ब्लाक प्रमुख पद पर लंबे समय तक कब्जा सा रहा था, लेकिन विगत वर्ष पंचायत चुनाव के दौरान विधायक संजय सिंह गंगवार ने अपने अनुज अजय सिंह गंगवार को ललौरीखेड़ा ब्लाक प्रमुख पर निर्विरोध निर्वाचित करवा दिया था, जिसके बाद विधायक और पूर्व ब्लाक प्रमुख के बीच छत्तीस का आंकड़ा पैदा हो गया। इन हालात के चलते ही सत्यपाल गंगवार ने टिकट की दावेदारी की। अब सत्यपाल गंगवार का अगला कदम क्या होगा। यह तो साफ नहीं है, लेकिन वह विधायक का चुनाव में विरोध तो लाजिमी करेंगे।

बीसलपुर सीट से दावेदारी कर रहे डा. रत्नेश गंगवार ने विधायक रामसरन वर्मा के पुत्र विवेक वर्मा को प्रत्याशी बनाने के विरोध में पहले तो फेसबुक पर पोस्ट अपलोड कर कड़ी नाराजगी जताई थी। शनिवार को रत्नेश गंगवार ने विधायक और उनके बेटे पर गंभीर आरोप लगाते हुए हर हाल में चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। डा. रत्नेश गंगवार की भाजपा में उभरते युवा नेता की पहचान रही है। उन्होंने जिला पंचायत चुनाव में भी अध्यक्ष पद के टिकट की दावेदारी की थी, लेकिन पार्टी संगठन ने उन्हें भविष्य में बड़ा टिकट देने का भरोसा दे दिया था। फिलहाल रत्नेश गंगवार के विद्रोही तेवर ने भाजपा के सामने मुश्किल खड़ी कर दी है।

पूरनपुर सीट से दावेदारी कर रहे अशोक राजा ने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। अशोक राजा ने त्यागपत्र देने की जानकारी फेसबुक के जरिये लोगों को दी है। इसी सीट पर दावेदारी कर रही दीप्ति वर्मा ने भी भाजपा को छोड़ने का ऐलान कर दिया है। पार्टी संगठन ने कई बार आंतरिक सर्वे कराकर हर सीट की स्थिति का आंकलन किया था, जिसके आधार टिकटों की घोषणा की गई है। ऐसे में टिकट प्राप्त करने के लिए दावेदारी कर रहे कुछ कार्यकर्ताओं को पीड़ा होना स्वभाविक है, लेकिन दो चार दिन में स्थिति सामान्य होने की संभावना है। जिले की चारों सीटों पर भाजपा की जीत के लिए हर कार्यकर्ता पूरे मनोयोग से जुटा है। जो लोग पार्टी छोड़ने की बात कह रहे हैं, उन्हें मनाने का प्रयास किया जाएगा।

- संजीव प्रताप सिंह भाजपा जिलाध्यक्ष


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