मिनी स्टेडियम बनने की बाट जोह रहे खिलाड़ी
बीसलपुर तहसील क्षेत्र में मिनी स्टेडियम निर्माण के लिए तमाम प्रयासों के बावजूद अभी तक भूमि का चयन नहीं हो सका है। क्षेत्र के उदीयमान खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा निखारने का अवसर नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में वे अपने निजी प्रयासों व खर्चे पर ही क्षेत्र का नाम रोशन करने में पूरी मेहनत और लगन से लगे हुए हैं।
पीलीभीत,जेएनएन: बीसलपुर तहसील क्षेत्र में मिनी स्टेडियम निर्माण के लिए तमाम प्रयासों के बावजूद अभी तक भूमि का चयन नहीं हो सका है। क्षेत्र के उदीयमान खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा निखारने का अवसर नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में वे अपने निजी प्रयासों व खर्चे पर ही क्षेत्र का नाम रोशन करने में पूरी मेहनत और लगन से लगे हुए हैं।
तहसील क्षेत्र में खिलाड़ियों के लिए अभी तक मिनी स्टेडियम के निर्माण के लिए भूमि नहीं मिल सकी है। इसके प्रति क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि प्रयासरत दिखाई नहीं दे रहे है। इस मिनी स्टेडियम के अभाव में तमाम छात्र जो खेल में पढ़ाई के साथ-साथ गहरी रूचि रखते हैं उनके लिए खेल के लिए प्रैक्टिस करने की कोई भी जगह क्षेत्र में उपलब्ध नहीं है। नगर क्षेत्र में आज से 15 वर्ष पूर्व क्रिकेट, बैडमिटन, फुटबाल, वॉलीबाल, बास्केटबाल , टेबल टेनिस तथा बैडमिटन के ऐसे खिलाड़ी हुए हैं, जिन्होंने देश में ही नहीं बल्कि पड़ोसी देश नेपाल में जाकर बैडमिटन प्रतियोगिता में पदक जीते हैं। उनमें प्रमुख रूप से मुहल्ला साहूकारा के रहने वाले स्वर्गीय अजय मित्तल का नाम प्रमुख है। इसी प्रकार तैराकी में भी यहां के छात्रों ने नाम रोशन किया। नगर की छात्रा प्रियंका शुक्ला ने भी तैराकी में पदक जीत चुकी हैं। माही गंगवार ने अंतरराष्ट्रीय ताइक्वांडो में गोल्ड मेडल हासिल कर देश का नाम रोशन किया है।
छात्रों के साथ साथ क्षेत्र की छात्राएं खेलों में पढ़ाई के साथ विशेष रूचि रखती हैं कितु उनके लिए प्रैक्टिस करने के लिए क्षेत्र में कोई भी मिनी स्टेडियम नहीं है। प्रतिभा दिखाने का पूरा अवसर नहीं मिल पा रहा है।
प्रिया शर्मा
पढ़ाई के साथ-साथ खेलों में भी विशेष रूचि है। खास कर क्रिकेट, बैडमिटन के खिलाड़ी हैं। उन्हें स्टेडियम न होने के कारण अपने से अच्छे खिलाड़ियों के साथ खेलने का मौका नहीं मिल पाता है इसलिए अपने ही आप सब कुछ सीखना पड़ता है यही कारण है कि हम दूसरे जनपदों के खिलाड़ियों से मात खा जाते हैं।
मोहित पाठक
संसाधनों के अभाव में अच्छे खिलाड़ी भी अपनी प्रतिभा को नहीं निखार पाते हैं। उन्हें सीमित संसाधनों में आगे बढ़ना पड़ता है। अन्य जनपदों के खिलाड़ी स्टेडियम में नियमित प्रैक्टिस करते हैं।
सागर गुप्ता