बादल छंटते ही दिखा सूर्य ग्रहण का अद्भुत नजारा
लोगों ने कौतूहल जिज्ञासा के साथ सूर्य ग्रहण का नजारा देखा। एक संस्था की ओर से बाल विज्ञानियों समेत अन्य जिज्ञासु लोगों को विशेष प्रकार के चश्मा के जरिये इस खगोलीय घटना का अवलोकन कराया गया।
जेएनएन, पीलीभीत : लोगों ने कौतूहल जिज्ञासा के साथ सूर्य ग्रहण का नजारा देखा। एक संस्था की ओर से बाल विज्ञानियों समेत अन्य जिज्ञासु लोगों को विशेष प्रकार के चश्मा के जरिये इस खगोलीय घटना का अवलोकन कराया गया। कई लोगों ने टेलीस्कोप के माध्यम से सूर्य ग्रहण का नजारा देखा।
सूर्य ग्रहण देखने की लोगों में काफी उत्सुकता रही, लेकिन रविवार सुबह आसमान पर बादल छा जाने और रिमझिम बारिश के चलते वह निराश होने लगे। बारिश थमी और दोपहर में बादल छंटे तो लोग सूर्य ग्रहण देखने के लिए उतावले होने लगे। शहर के मुहल्ला चरक का कुआं स्थित समाधान विकास समिति विपनेट क्लब कार्यालय पर बाल विज्ञानियों एवं अन्य लोगों को सूर्य ग्रहण अवलोकन कराया। सूर्य दर्शी गॉगल्स की सहायता से लोगों को ग्रहण का सुरक्षित अवलोकित कराया गया। नई बस्ती में शिक्षक संतोष खरे व गीता कुमारी ने क्लब की ओर से लोगों को सूर्य ग्रहण का अवलोकन कराया। क्लब के समन्वयक लक्ष्मीकांत शर्मा ने बताया कि इन गॉगल्स में अवलोकन के लिए ब्लैक पॉलीमर का प्रयोग किया जाता है, जो हानिकारक विकिरणों को रोकते हैं। पूर्व में आयोजित कार्यशाला में पिन होल कैमरा व सूर्य के परावर्तित प्रतिबिब में ग्रहण देखने की तकनीक सुझाई गई थी। उन्होंने बताया कि यह सुरक्षित तकनीक हैं। शर्मा का कहना है कि सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है, इसका आनंद लें। क्लब के माध्यम से मनु, ईशा, अंशिका, अनुज्ञा, वंशिका, कृष्णा, अनंत, आराध्या, शिल्पी, दीपा, प्रेरणा सहित तमाम लोगों ने सूर्य ग्रहण देखा। कोरोना संक्रमण के चलते फिजिकल डिस्टेंसिग के साथ मास्क का प्रयोग व हाथ धुलाने का ध्यान रखा गया। समिति की अध्यक्ष उर्मिला देवी ने बताया कि आज के दिन शून्य छाया का भी अवलोकन होता है। इसे शून्य छाया दिवस भी कहते हैं। उधर, राजाबाग कॉलोनी में यूपी बैंक इम्पलाइज यूनियन के जिलाध्यक्ष सौरभ गंगवार ने टेलीस्कोप के माध्यम से सूर्य ग्रहण का नजारा लिया। उन्होंने अपने परिवार समेत अन्य लोगों को भी टेलीस्कोप के माध्यम से सूर्य ग्रहण दिखाया। धार्मिक मान्यता के अनुसार सूर्य ग्रहण का सूतक शनिवार की रात में ही लग गया था। इस कारण रविवार की सुबह मंदिरों के कपाट बंद रहे। सूर्य ग्रहण के पश्चात मंदिरों के कपाट खुले। मंदिरों की धुलाई, सफाई के बाद सायं पूजन व आरती हुई, जिसमें तमाम भक्त शामिल रहे।