धैर्य, भाप, विटामिन सी व काढ़ा बनेगा सहारा
कोरोना संक्रमण से लड़ने व जीतने के लिए मास्क लगाना हाथ धोना व शारीरिक दूरी का पालन करना सबसे जरूरी बताया गया है। धैर्य भाप विटामिन सी व काढ़ा की भी कोरोना की रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका बताई जा रही है। कोरोना संक्रमण काल में लोग घबराहट के कारण मनोस्थिति से नियंत्रण खो रहे हैं। ऐसे समय में धैर्य के साथ महामारी का मुकाबला करना बहुत जरूरी है।
पीलीभीत,जेएनएन: कोरोना संक्रमण से लड़ने व जीतने के लिए मास्क लगाना, हाथ धोना व शारीरिक दूरी का पालन करना सबसे जरूरी बताया गया है। धैर्य, भाप, विटामिन सी व काढ़ा की भी कोरोना की रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका बताई जा रही है। कोरोना संक्रमण काल में लोग घबराहट के कारण मनोस्थिति से नियंत्रण खो रहे हैं। ऐसे समय में धैर्य के साथ महामारी का मुकाबला करना बहुत जरूरी है। लोगों में सोशल साइट की ओर से महामारी के प्रति फैलाई जा रही भ्रांतियों के कारण भय का माहौल बनता जा रहा है। इस कारण हल्के बुखार के लक्षण दिखने पर लोग तनावग्रस्त होने लगे हैं। यह तनाव मनोस्थिति से नियंत्रण खो दे रहा है जिस कारण बीमारी के गंभीर परिणाम देखने को मिल रहे हैं।
भाप से भागेगा कोरोना: भाप को कोरोना वायरस को निष्क्रिय करने का कारगर उपचार माना गया है। कोरोना के समय में भाप लेना काफी फायदेमंद हो सकता है। श्वसन प्रणाली तो ठीक ही रहती है, साथ ही यदि आपके फेफड़ों तक कोरोना या कोई अन्य संक्रमण पहुंच गया है, ऐसे मामलों में भी इससे लाभ मिलता है। पानी में क्या डाल सकते हैं?
सादे पानी से भी भाप लिया जा सकता है। इसके अलावा आप चाहें तो पानी में दालचीनी के टुकड़े को हाथों से मसलकर डालें और उसे गर्म करके भाप लें। इससे ज्यादा लाभ मिलता है। इस तरीके को प्रयोग में लाने से न सिर्फ गंध न आने की समस्या दूर होती है साथ ही सांस की दिक्कतों में भी राहत मिलती है। दिन में कितनी बार ले सकते हैं भाप
कोरोना से संक्रमित हों या नहीं, भाप लेना सभी के लिए इस समय बेहतर सुरक्षात्मक उपाय हो सकता है। दिन में कम से कम 4 बार भाप लेने की आदत बना लें। हर बार 4-5 मिनट तक भाप लेते रहें। फेफड़े साफ होते हैं साथ ही यदि आप संक्रमित हो गए हैं तो यह उपाय कोरोना वायरस के प्रभाव को कम करने में भी काफी उपयोगी माना जाता है। विटामिन सी रोज जरूरी
कोरोना या किसी भी वायरस से शरीर की रक्षा करने में विटामिन सी कारगर है। यह शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। ऐसा होने से कोई वायरस शरीर पर हावी नहीं हो पाता है। नींबू, संतरा, मौसंबी, माल्टा, कीनू, अनानास, आम, सेब, कीवी, टमाटर, चेरी और स्ट्रॉबरी फलों में विटामिन सी की मात्रा भरपूर होती है। इन फलों का सेवन फायदेमंद है। प्रकृति में मौजूद जिन फलों और सब्जियों में खट्टापन हो उसका सेवन करना चाहिए। विटामिन सी देने वाला कोई फल प्रतिदिन खाना चाहिए। इम्युनिटी बढ़ाने में काढ़ा कारगर
कोरोना वायरस से मुकाबला करने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता को शुरू से अहम माना जा रहा है। आयुर्वेद के साथ ही एलोपैथी भी काढ़ा को कारगर मान रही है। एक व्यक्ति का काढ़ा बनाने के लिए एक बर्तन में दो कप पानी भरकर दो लौंग, दो चम्मच अदरक का रस, एक चम्मच काली मिर्च, तीन-चार तुलसी के पत्ते उबाल लें। इसके बाद चुटकी भर दालचीनी पाउडर डालकर मिलाकर छान लें। काढ़ा पीने के लिए तैयार है।
मन से जीत गए तो कोरोना भी हार जाएगा
फोटो: 24 पीआइएलपी 2
जिला अस्पताल में साइकोथेरेपिस्ट पल्लवी सक्सेना ने कहा कि कोरोना की आधी जंग तो मन से जीती जा सकती है। सभी मरीजों को डाक्टर बेहतर उपचार देने का प्रयास करते हैं लेकिन जो लोग मन से भय निकालकर धैर्य और सकारात्मक भाव से रहते हैं, वे कोरोना विजेता बनकर समाज के लिए उदाहरण बनते हैं।
वायरल का सीजन है इसलिए बुखार आते ही कोरोना का भाव मन में लाना उचित नहीं। विशेषज्ञ डॉक्टर से सलाह लें व जांच कराएं। मन में सावधानी तो रहे लेकिन नकारात्मक भय न आने दें। कोरोना संबंधित समाचारों को कम देखें। सोशल मीडिया पर आने वाले सभी तथ्य प्रमाणित नहीं होते। मन में आने वाले विचारों की तार्किकता पर ध्यान दें। जबरजस्ती कुछ भी न सोचें।
दैनिक दिनचर्या प्लान करें। उसमें स्वयं को व्यस्त रखें। टीवी पर न्यूज की जगह रियलिटी सीरियल, गेम्स, संगीत आदि देखें। मरीज स्वस्थ होकर अपना दैनिक जीवनयापन कर रहे हैं। उनसे सीख लेकर सकारात्मक भाव में में रखें।
डिजिटल तौर पर मोबाइल में कई कहानियां, कविताएं, उपन्यास आदि उपलब्ध हैं, उसे पढ़कर अपना ज्ञानवर्धन करें। बाक्स
इस नंबर पर करें संपर्क
इस दौर में वायरस से मुकाबला करने के लिए मानसिक तौर पर कोई समस्या लगे तो 8077737721 पर संपर्क कर लें। वर्जन--
छिपाएं नहीं, सामने आएं और इलाज कराएं
फोटो: 24 पीआइएलपी 3
सीएमओ डा. सीमा अग्रवाल ने बताया कि कोरोना वायरस के बदले म्यूटेशन व वैरिएंट में लक्षण बदल गए हैं। रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी वायरल निमोनिया के कई मरीज सामने आ रहे हैं। बुखार, खांसी, जुकाम, सांस फूलना, डायरिया, शरीर व जोड़ों में दर्द संक्रमण के लक्षण हैं, इसलिए लक्षण दिखने पर घर में छिपकर न बैठें। संक्रमण की रफ्तार काफी तेज है। लोगों को जिम्मेदारी समझते हुए अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता देनी होगी।
हर बुखार कोरोना नहीं है लेकिन लापरवाही भी उचित नहीं। खुद से दवा लेकर इलाज न करें। कोरोना की जांच कराकर शंका दूर कर लें व लक्षणों के अनुसार विशेषज्ञ डाक्टर से उपचार कराएं। धैर्य रखना सबसे महत्वपूर्ण है। यह न केवल आपको स्थिरता प्रदान करता है बल्कि आपको गंभीर स्थिति में ले जाने से बचाता है।
गर्म पानी की भाप फेफड़ों के लिए सैनिटाइजर का काम करती है। इसे सभी लोग प्रतिदिन लें। प्रतिदिन पानी में नीबू डालकर पियें। घर का बना शुद्ध काढ़ा पीकर प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएं।
अंतिम समय में अस्पतालों की तरफ दौड़ने से बेहतर है कि शुरुआती लक्षण दिखते ही जांच करा लें। कोरोना टीकाकरण सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर निश्शुल्क हो रहा है। सभी पात्र लोग टीका लगवाकर खुद को सुरक्षित करें।