क्रय केंद्रों के बाहर खुले में लगा धान बारिश से भीगा
रविवार की रात हुई बरसात से क्रय केंद्रों पर खुले में पड़ा धान भीगने से नम गया। इससे उसमें नमी तैयार हो गई है। किसान सोमवार को धान के पलटे लगाते नजर आए।
पीलीभीत,जेएनएन : रविवार की रात हुई बरसात से क्रय केंद्रों पर खुले में पड़ा धान भीगने से नम गया। इससे उसमें नमी तैयार हो गई है। किसान सोमवार को धान के पलटे लगाते नजर आए।
कृषि उत्पादन मंडी समिति के अलावा ग्रामीण क्षेत्र के क्रय केंद्रों पर किसानों ने बिक्री करने के लिए धान की ढेरियां लगा रखी हैं। इसके अलावा क्रय केंद्रों पर उठान व्यवस्था बेहद धीमी होने के कारण खरीदा गया धान भी क्रय केंद्रों के आगे खुले में लगा हुआ है। रविवार की शाम को अचानक बूंदाबांदी के बाद हल्की बरसात शुरू हो गई। किसानों ने आनन फानन में तिरपाल, पन्नी आदि से धान के ढेर ढक दिए। क्रय केंद्रों पर जो खरीदा गया धान खुले में लगा था वह नम गया। कई किसानों के भी धान भीग जाने से नम गए हैं। सोमवार को किसान ढेरियों के पलटे कराने में जुट रहे। हालांकि हल्की बरसात हुई। अगर तेजी से बरसात होती तो हजारों क्विंटल धान खराब होने की आशंका थी। उपजिलाधिकारी राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि मंडी में लगे धान के ढेरों को उनकी मौजूदगी में तिरपाल से ढकवाया गया है। किसानों ने तिरपाल मंगाकर ढेरियों को ढका है। क्रय केंद्रों पर खरीदा गया धान तिरपाल पड़ जाने से नहीं भीगा है। वह पूरी तरह से धान को सुरक्षित कराकर देर रात लौट सके।
किसानों ने क्रय केंद्रों पर लगी धान की ढेरियों को तिरपाल, पन्नी से ढक दिया था। इसके बाद भी नमी तैयार हो गई है। किसानों को धान फिर सुखाना पड़ सकता है।
मनप्रीत सिंह
क्रय केंद्र पर 13 दिन से धान पड़ा हुआ है। चार दिन गेट के बाहर इंतजार करना पड़ा। 16 दिन करीब बीत चुके हैं। इसके बाद भी धान की खरीद नहीं की जा रही है।
प्रगट सिंह
घुंघचाई क्रय केंद्र पर एक माह से धान पड़ा है। तौल नहीं की जा रही है। चार ट्राली धान उठाकर घर ले जा चुका हूं। बाकी का भी धान घर ले जाऊंगा। बरसात से जैसे तैसे धान बचा सका।
कमलेश पांडेय
खरीद व्यवस्था बेहद धीमी हो रही है। रविवार को हुई बरसात से बमुश्किल धान भीगने से बचा सका। क्रय केंद्र की तरफ से धान को भीगने से बचाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई।
कमलेश यादव