बीसलपुर में धान क्रय केंद्रों की बढ़ी संख्या
बीसलपुर स्थानीय मंडी समिति परिसर में धान क्रय केंद्रों की संख्या बढ़ जाने के बाद भी तौल रफ्तार नहीं पकड़ रही है। कृषक एक एक सप्ताह से मंडी में डेरा डाले हुए हैं। स्थिति यह है कि कृषकों को अपनी ट्रालियों के ऊपर मच्छरदानी लगाकर रात काटनी पड़ रही है।
पीलीभीत,जेएनएन : बीसलपुर स्थानीय मंडी समिति परिसर में धान क्रय केंद्रों की संख्या बढ़ जाने के बाद भी तौल रफ्तार नहीं पकड़ रही है। कृषक एक एक सप्ताह से मंडी में डेरा डाले हुए हैं। स्थिति यह है कि कृषकों को अपनी ट्रालियों के ऊपर मच्छरदानी लगाकर रात काटनी पड़ रही है। जबकि एसडीएम लगातार धान तौलने में शिथिलता बरतने वाले केंद्र प्रभारियों को चेतावनी दे रहे हैं। फिर भी अभी समस्या का निराकरण नहीं हो पा रहा है।
मंडी में लगाए गए मार्केटिग विभाग दो केंद्र, एसएफसी, पीसीएफ के केंद्र शुरू में संचालित किए गए थे। कृषकों के धान की बढ़ती आवक को देखकर उपजिलाधिकारी ने मंडी समिति का भी एक केंद्र स्थापित करा दिया था। इसी दौरान मंडलायुक्त रणवीर सिंह ने विगत 19 अक्टूबर को मंडी समिति अचानक आकर वहां धान क्रय केंद्रों का निरीक्षण कर जायजा लिया था। इस दौरान उन्होंने मंडी में चारो ओर फैले धान को देखकर केंद्र प्रभारियों से बिचैलियों की भी आशंका जताई थी। कितु वहां मौजूद किसानों ने बताया था कि यह धान उनका अपना है। जिसके पश्चात मंडलायुक्त ने उपजिलाधिकारी को निर्देशित करते हुए ग्रामीण अंचलों में जहां खरीद कम हो रही है उन केंद्रों को मंडी में स्थानान्तरित करने के निर्देश दिए थे। कृषकों के धान की खरीद में तेजी आ पाती इससे पहले ही गुरमीत सिंह ग्राम तिलछी ने धान तुलने से परेशान होकर मंडी में ही एक केंद्र के सामने जहरीला पदार्थ खा लिया था। जिससे उसकी हालत बिगड़ने पर प्रशासनिक अधिकारियों में हलचल मच गई और उसे उपचार हेतु जिला चिकित्सालय भेजा गया। जिसके पश्चात शुक्रवार को ग्राम जसोली व नवदिया रोहनिया में लगे पीसीएफ के केंद्रों को भी मंडी में संचालित करा दिया गया। इसके बावजूद भी मंडी में आने वाले किसानों की संख्या कम होने का नाम नहीं ले रही है।