15 दिन में खरीद सके 1120 कुंतल धान
पखवारा भर में धान की सरकारी खरीद सिर्फ 1120 कुंतल हो सकी है।
पीलीभीत : पखवारा भर में धान की सरकारी खरीद सिर्फ 1120 कुंतल हो सकी है। सेंटरों पर धान खरीद की गति सुस्त होने के कारण अब जिला प्रशासन ने उन किसानों को नोटिस भेजने शुरू कर दिए हैं, जिन्होंने गेहूं खरीद के दौरान अपने रजिस्ट्रेशन कराए थे। दरअसल उस दौरान रजिस्ट्रेशन कराने वाले हजारों किसानों ने धान के लिए अपना रजिस्ट्रेशन कराने में कोई रुचि ही नहीं ली। इसीलिए लेखपालों के माध्यम से ऐसे किसानों को नोटिस देकर रजिस्ट्रेशन कराने और अपना धान सरकारी क्रय केंद्रों पर बेचने के लिए कहा गया है।
पिछले साल शासन से जिले को सरकारी धान खरीद का लक्ष्य 3 लाख 40 हजार मीट्रिक टन आवंटित हुआ था लेकिन इस बार लक्ष्य 3 लाख 8 हजार मीट्रिक टन की रखा गया है लेकिन यह लक्ष्य भी जिला प्रशासन के लिए काफी भारी भरकम साबित हो रहा है। पहली अक्टूबर से जिले में क्रय केंद्र स्थापित हो गए थे। पंद्रह दिन में विभिन्न क्रय केंद्रों पर सिर्फ 1120 कुंतल धान की खरीद हो सकी है। अनेक क्रय केंद्र तो ऐसे हैं, जिन पर अभी खरीद शुरू ही नहीं हो सकी है। सेंटर प्रभारियों का कहना है कि उनके यहां जो किसान धान लेकर आते हैं, उसमें नमी बीस प्रतिशत अथवा इसके अधिक पाई जा रही है। सरकारी मानक अधिकतम 17 प्रतिशत नमी का है। इसीलिए खरीद नहीं हो रही। उधर, किसानों का कहना है कि खेत से कटाई के बाद उनके पास धान सुखाने का कोई स्थान ही नहीं है। ऐसे में वह ज्यादा समय तक धान अपने पास रोक कर नहीं रख सकते। उधर, खरीद भले ही न हो पा रही लेकिन सरकारी बारदाना की कोई कमी नहीं है। बारदाना की दूसरी खेप में सोमवार को यहां पहुंच गई है। जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी अविनाश झा के अनुसार बारदाना की चार हजार गांठें पहले ही आ गई थीं, अब ढाई हजार गांठें और आ गई हैं। इन्होंने बताया कि इस बार धान खरीद के लिए काफी कम संख्या में किसानों के रजिस्ट्रेशन हुए हैं जबकि गेहूं सीजन में काफी अधिक किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराए थे। इसीलिए जिलाधिकारी की ओर से लेखपालों के माध्यम से किसानों को नोटिस भिजवाए जा रहे हैं कि वे अपने रजिस्ट्रेशन कराकर सरकारी क्रय केंद्रों पर धान की बिक्री करें।