31 साल पहले बनी सड़क पर चलना मुश्किल
दो राज्यों की सीमा को जोड़ने वाला 31 साल पहले बना संपर्क मार्ग बदहाल हो गया है। एक बार भी इस मार्ग की मरम्मत नहीं कराई गई। गन्ना विभाग का मार्ग है। लोग कई बार विभाग से मांग कर चुके हैं लेकिन अभी तक सुनवाई नहीं हुई। बदहाल संपर्क मार्ग पर सफर करने में लोगों को मुश्किलें आ रही हैं।
पीलीभीत,जेएनएन : दो राज्यों की सीमा को जोड़ने वाला 31 साल पहले बना संपर्क मार्ग बदहाल हो गया है। एक बार भी इस मार्ग की मरम्मत नहीं कराई गई। गन्ना विभाग का मार्ग है। लोग कई बार विभाग से मांग कर चुके हैं लेकिन अभी तक सुनवाई नहीं हुई। बदहाल संपर्क मार्ग पर सफर करने में लोगों को मुश्किलें आ रही हैं।
गन्ना विकास परिषद की ओर से 31 साल पहले उत्तराखंड की सीमा को जोड़ने वाला गिधौर- भुलैया दहा ढाकी को जाने वाला तीन किलोमीटर यह संपर्क मार्ग है। गन्ना सोसायटी के उपाध्यक्ष दहा फार्म निवासी मनविदर सिंह खैरा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत जिला गन्ना अधिकारी को पिछले हफ्ते पत्र भेजकर संपर्क मार्ग को बनाने की मांग की है। मार्ग में गहरे गड्ढे हो गए हैं, जिससे लोगों का निकलना दुश्वार है। जब यह मार्ग बना था तब उत्तराखंड उत्तर प्रदेश में ही शामिल हुआ करता था। मार्ग पर तमाम गड्ढे होने के कारण अक्सर लोग दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं।
भुलैया फार्म निवासी रविद्र सिंह बेदी का कहना है कि तीन दशक पहले इस मार्ग को बनाया गया था। तब से लेकर आज तक एक बार भी मरम्मत नहीं कराई है। ऐसे में मार्ग से निकलना दुश्वार है। मोटरसाइकिल पत्थरों में फंस जाती है।
गन्ना सोसायटी के उपाध्यक्ष दहा फार्म निवासी मनविदर सिंह खैरा कहना है कि उन्होंने अनेक बार मुख्यमंत्री समेत जिला गन्ना अधिकारी को पत्र भेजकर मार्ग को बनाने की मांग की है, परंतु सुनवाई नहीं की।
दहा फार्म के अजीत पाल सिंह कहना है कि मझोला दुकान से दहा फार्म अपने घर जाते हैं तो मार्ग में गहरे गड्ढों से रोज जूझना पड़ता है। मार्ग से निकलना बेहद मुश्किल हो रहा है। इस मार्ग की जल्द मरम्मत कराई जानी चाहिए।
गांव गिधौर निवासी सोमपाल राना कहना है कि गांव के लोग भी इस मार्ग से निकलते हैं। खेत भी इसी मार्ग पर पड़ते हैं। मार्ग से जब खेतों पर जाएं या किसी को उत्तराखंड के दहा फार्म जाना हो तो निकलना दुश्वार हो जाता है। गन्ना विकास परिषद की ओर से मार्ग को 1989 में बनाया गया था। ग्रामीणों की शिकायत भी मिली है परंतु परिषद के पास कोई बजट नहीं है। इसी वजह से सड़क की मरम्मत नहीं हो सकी। बजट मिलते ही कार्य शुरू कराया जाएगा।
-विजयलक्ष्मी, ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक