तीन साल बाद भी नहीं बढ़ीं लंबी और ट्रेनें
बरेली पीलीभीत-टनकपुर रूट पर बड़ी रेल लाइन चालू हुए तीन वर्ष से अधिक समय बीत चुका है लेकिन क्षेत्रवासियों को रेल संबंधी बेहतर सुविधाओं की अभी तक दरकार है। यहां से लंबी दूरी की ट्रेनों का संचालन शुरू नहीं किया जा सका है।
जागरण संवाददाता, पीलीभीत : बरेली पीलीभीत-टनकपुर रूट पर बड़ी रेल लाइन चालू हुए तीन वर्ष से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन क्षेत्रवासियों को रेल संबंधी बेहतर सुविधाओं की अभी तक दरकार है। यहां से लंबी दूरी की ट्रेनों का संचालन शुरू नहीं किया जा सका है। वहीं मालगाड़ी का संचालन शुरू नहीं हुआ है। जबकि ब्रॉडगेज के साथ बरेली से जुड़ने के बाद पीलीभीत अब एक बड़े रेल नेटवर्क से जुड़ चुका है, लोकल ट्रेनों की संख्या भी पहले की अपेक्षा बहुत कम है। वहीं दिव्यांगों के लिए एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म पर जाने की भी कोई व्यवस्था नहीं है। शाहजह़ांपुर और मैलानी रूट पर भी काम की गति बहुत धीमी है। साथ ही क्षेत्र की जनता के लिये बहुप्रतीक्षित काठगोदाम टनकपुर रेल सेवा भी अभी तक शुरू नहीं हुई है।
रेल प्रशासन ने टनकपुर तक का रेलवे ट्रैक चालू कर भले ही ट्रेनों के संचालन की औपचारिकता पूरी कर दी हो, परन्तु वास्तव में आमान परिवर्तन के कार्य की गति बहुत धीमी है। बताते हैं कि टनकपुर में रेलवे के कोच मेन्टीनेन्स की कार्यशाला है, इसलिए विभाग द्वारा इस रूट पर ट्रेन का संचालन करने में शीघ्रता बरती गई, जबकि अपेक्षाकृत अन्य मार्गाें पर काम की गति अत्यंत धीमी है। आमान परिवर्तन से पूर्व पीलीभीत से होकर लोकल और लम्बी दूरी की सब मिलाकर लगभग 23 ट्रेनों का संचालन होता था, जबकि वर्तमान में अभी तक मात्र 7 ट्रेनों का संचालन ही रेलवे द्वारा किया जा रहा है। मीटर गेज के समय पीलीभीत से होकर गोकुल एक्सप्रेस, रुहेलखंड एक्सप्रेस, मरुधर एक्सप्रेस और नैनीताल एक्सप्रेस चार एक्सप्रेस ट्रेनें गुजरती थीं, जबकि टनकपुर बरेली रेल लाइन चालू होने के बाद इन तीन वर्ष में ऊना हिमाचल और त्रिवेणी मात्र दो ही एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन हो सका है। मीटर गेज के समय वाया पीलीभीत होकर संचालित होने वाली ट्रेनों में अधिकतर ट्रेनें बरेली रूट पर चलती थीं। भले ही अभी पीलीभीत से शाहजहांपुर और मैलानी का रूट चालू न हुआ हो, लेकिन आमान परिवर्तन के बाद टनकपुर बरेली रेल लाइन चालू होने पर पीलीभीत रेलवे स्टेशन देश के कई अन्य महत्वपूर्ण भागों से जुड़ चुका है, आखिर रेलवे ने ट्रैक चालू होने के तीन वर्ष बाद भी पीलीभीत को उन क्षेत्रों से क्यों नहीं जोड़ा? मालगाड़ी का संचालन शुरू न होने के कारण व्यापारी वर्ग में भी भारी निराशा है। व्यापारी देश के दूसरे भागों से माल मंगाने और अपना माल भेजने के लिये केवल रोड ट्रांसपोर्ट के सहारे हैं, जिसमें उनका पैसा और समय दानों अधिक लगता है। दिव्यांगों तथा अन्य नि:शक्तजनों के एक प्लेटफॉर्म से दूसरे प्लेटफॉर्म पर जाने के लिये भी पीलीभीत समेत इस रूट पर नये अस्तित्व में आये किसी भी स्टेशन पर कोई व्यवस्था नहीं है। तराई की गोद में बसे पीलीभीत जिले में बड़ी संख्या में सिखों की आबादी है। इसके अलावा बंगाली, पूरब तथा पहाड़ के लोग भी रहते हैं। जाहिर है कि सिखों का सीधा जुड़ाव पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा और दिल्ली से रहता है। प्राय: ही यहां से उक्त स्थानों के लिए जाने वाले लोगों को बरेली जाकर ट्रेन पकड़नी पड़ती है।
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पूर्व में कई बार रेलवे के अधिकारियों को पत्र लिखकर क्षेत्र की जनता की समस्याओं से अवगत कराया गया है। बरेली टनकपुर रेल लाइन चालू करना रेलवे की मजबूरी थी, इसलिये उस पर काम बहुत तेजी से हुआ, जबकि अन्य मार्गाें पर कार्य की गति बहुत धीमी है। ट्रैक चालू होने के 3 साल बाद भी टनकपुर से भोजीपुरा होते हुये काठगोदाम के लिए ट्रेन नहीं चलायी गयी है। दिव्यांगों के लिये रेलवे स्टेशन पर भूमिगत पुल बनाया जाना चाहिए।
-अरविद कुमार पटेल, सदस्य रेलवे स्टेशन परामर्शदात्री समिति
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दिल्ली के लिये चलने वाली ट्रेन का समय ठीक नहीं है। दोपहर के समय ट्रेन चलने के कारण दिल्ली जाने वाले व्यापारी का पूरा दिन खराब हो जाता है। बरेली से जाने वाली इंटरसिटी का संचालन पीलीभीत से होना चाहिये, जिससे सुबह जाकर शाम तक वापसी हो सके। मालगाड़ी का संचालन शुरू न होने के कारण ट्रांसपोर्ट से माल लाते हैं, जिसमें कई दिन का समय लग जाता है।
नवीन भारी, रेडीमेड व्यापारी
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ये हमारा दुर्भाग्य है कि तीन वर्ष से रेलवे ने काम लटका रखा है। इसका खामियाजा क्षेत्र की जनता को भुगतना पड़ रहा है। शहर में बनाये जाने वाले अंडरपास का काम भी रुका हुआ है। पीलीभीत औद्योगिक क्षेत्र है इसलिए यहां से लंबी दूरी की ट्रेनों और मालगाड़ी का विशेष महत्व है।
वर्षाें बाद इस क्षेत्र में ब्रॉडगेज का काम शुरू हुआ है। काम पूरा होने में समय लगता है। धीरे-धीरे सभी कार्य पूर्ण होंगे। वैसे भी रेलवे विभाग क्षेत्र की जनता को आवागमन की बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने के पूरी तरह प्रयासरत है।
- राजेंद्र सिंह, पीआरओ पूर्वोत्तर रेलवे मंडल इज्जतनगर