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एकजुट ग्रामीणों ने नेपाली हाथियों को भगाया

शारदा पार नेपाल सीमा से सटे गांव गोरखडिब्बी की थारू बस्ती में घुसे हाथियों को भगाया गया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Sep 2018 09:21 AM (IST)Updated: Fri, 21 Sep 2018 09:21 AM (IST)
एकजुट ग्रामीणों ने नेपाली हाथियों को भगाया
एकजुट ग्रामीणों ने नेपाली हाथियों को भगाया

पीलीभीत : शारदा पार नेपाल सीमा से सटे गांव गोरखडिब्बी की थारू बस्ती में करीब 10 दिनों से नेपाली हाथियों ने उत्पात मचा रखा है। थारू बस्ती के डेढ़ दर्जन किसानों की 25 एकड़ धान व गन्ना की फसल हाथी उजड़ चुके हैं। बार बार शिकायत के बाद लग्गा भग्गा वन चौकी से वनकर्मियों ने केवल एक बार गांव पहुंचकर ग्रामीणों को हाथियों से निपटने के लिए पटाखे बांट कर इतिश्री कर ली थी। डर के चलते ग्रामीण अपनी फसलों की रक्षा नहीं कर पा रहे थे। गांव में एकजुट हुए ग्रामीणों ने आपसी सहयोग से फसल सुरक्षित करने की रणनीति बनाई। बुधवार रात 11 बजे जैसे ही हाथियों का झुंड खेतों में घुसा पहले से ही खेतों की रखवाली कर रहे ग्रामीणों ने पटाखे दगाकर व शोर मचाकर हाथियों को जंगल की ओर दौड़ा दिया। रात में हाथियों ने कई बार खेतों की तरफ आने का रुख किया लेकिन ग्रामीणों ने हर बार उन्हें जंगल का ही रास्ता दिखाया। इंसेट-

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खेतों में बारी बारी से होगी पहरेदारी

गांव में हुई बैठक के बाद ग्रामीणों ने तय किया कि हाथियों से निपटने के लिए गांव में दो व्यक्ति बारी-बारी से फसल की पहरेदारी करेंगे। खेतों में हाथियों के घुसने की सूचना पर ग्रामीण एकजुट होकर उन्हें भगाने में सहयोग करेंगे। इस नई योजना से ग्रामीणों की फसल की काफी हद तक सुरक्षा हो सकती हैं। ----------

हाथियों ने गन्ने की फसल का कर दिया सफाया

पुरानी कहावत है कि हाथियों को गन्ना सबसे अधिक प्रिय हैं। गोरखडिब्बी थारू बस्ती निवासी बप्पी मंडल सहित अन्य किसानों का खेतों में खड़ा गन्ना हाथी खा गए। बप्पी मंडल के चार एकड़ गन्ने के खेत के अधिकतर भाग में केवल गन्ने की जड़े ही दिख रही हैं। इसे देखकर किसान गमगीन हो गया।


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