नेहा ने अपने हुनर को बनाया जागरूकता का हथियार
उन्होंने इस समय का सदुपयोग करते हुए ऐसी पेंटिग तैयार कीं जिनके सहारे जन सामान्य को कोरोना वायरस से जंग जीतने का हौसला मिले।
जेएनएन, पीलीभीत : लॉकडाउन के दौरान घरों में लोग बोर होने लगते हैं, लेकिन इस बोरियत को दूर करने के साथ ही समाज को संदेश देने वाले कार्य भी बखूबी किए जा सकते हैं। इस बात को नेहा गुप्ता ने साबित कर दिखाया है। उन्होंने इस समय का सदुपयोग करते हुए ऐसी पेंटिग तैयार कीं, जिनके सहारे जन सामान्य को कोरोना वायरस से जंग जीतने का हौसला मिले। उन्होंने अपने इस हुनर को कोरोना के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने का हथियार बना लिया है।
शहर के मुहल्ला साहूकारा में रहने वाली नेहा गुप्ता को बचपन से ही पेंटिग का शौक रहा है। जब वह चार साल की थीं और स्कूल जाना शुरू ही किया था। उसी दौरान अपनी कल्पनाओं को कागज पर उकेरना शुरू कर दिया था। आगे चलकर उन्होंने कॉमर्स से पढ़ाई की लेकिन पेंटिग का साथ नहीं छोड़ा। वह पेंटिग में निखार लाने के लिए इसकी क्लास भी लेती रही हैं। नेहा का कहना है कि कोरोना वायरस जैसे अदृश्य दुश्मन से लड़ाई घर में रहते हुए ही लड़ी और जीती जा सकती है। इस महामारी के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब-जब राष्ट्र को संबोधन दिया, तब-तब उन्होंने उसे ध्यान से न सिर्फ सुना बल्कि उनकी बातों को आत्मसात भी किया। इसी से उन्होंने कोरोना वायरस से बचाव के लिए लोगों में जागरूकता बढ़ाने का ख्याल आया। बस फिर क्या था, उन्होंने अपने इसी हुनर को जागरूकता फैलाने का हथियार बना लिया। कोरोना से सीधी जंग लड़ने वाले चिकित्सकों, स्वास्थ्य कर्मियों, सफाई कर्मियों आदि के प्रति आदर प्रदर्शित करना हो, लोगों के बीच शारीरिक दूरी, मास्क पहनना, हाथ धोने के महत्व आदि को प्रदर्शित करती उनकी बनाई पेंटिग समाज को जागरूक करने वाली है।
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कुछ न कुछ रचनात्मक कार्य करते रहना चाहिए। जिस भी कार्य में रुचि है, उसे पूरा करने का यह सबसे बेहतरीन समय है। पेंटिग मेरा बचपन का शौक है। ऐसे में सोचा कि क्यों न कुछ ऐसी पेंटिग्स तैयार की जाएं, जिससे कोरोना वायरस से प्रति जन जागरूकता को बढ़ावा मिले। इसी भावना से इन्हें तैयार किया है।
नेहा गुप्ता, मुहल्ला साहूकारा, पीलीभीत