मां ने बेटियों का दबाया गला,भाइयों ने पकड़े हाथ-पैर
बीसलपुर थाना क्षेत्र में दो दिन पहले सगी बहनों को झूठी शान की खातिर स्वजन ने ही मौत के घाट उतारा। सगी बहनों का मां ने गला दबाया व भाइयों ने हाथ-पैर पकड़े थे। पुलिस ने कातिल मां भाई व ईंट भट्ठा मालिक को गिरफ्तार कर लिया है।
पीलीभीत,जेएनएन : बीसलपुर थाना क्षेत्र में दो दिन पहले सगी बहनों को झूठी शान की खातिर स्वजन ने ही मौत के घाट उतारा। सगी बहनों का मां ने गला दबाया व भाइयों ने हाथ-पैर पकड़े थे। पुलिस ने कातिल मां, भाई व ईंट भट्ठा मालिक को गिरफ्तार कर लिया है। भट्ठा मालिक को दोहरे कत्ल की जानकारी होने के बाद भी पुलिस को सूचना नहीं देने के कारण गिरफ्तार किया गया है। बहनों के दूसरे भाई तथा बहनोई की सरगर्मी से तलाश की जा रही है।
पुलिस अधीक्षक जय प्रकाश ने गुरुवार को पुलिस लाइन सभागार में मीडिया को बताया कि बीसलपुर थाना क्षेत्र के गांव कासिमपुर स्थित सोनी ब्रिक फील्ड पर बिलसंडा थाना क्षेत्र के गांव बिलासपुर निवासी कमला देवी पत्नी स्वर्गीय भूपराम दो पुत्र राम प्रताप एवं विजय तथा पुत्रियां पूजा और अंशिका समेत परिवार के साथ ईंटों की पथाई का कार्य करती थीं। 23 मार्च की सुबह स्वजन की ओर से इक्कीस वर्षीय पूजा तथा अठारह वर्षीय अंशिका के संदिग्ध परिस्थितियों में शव मिलने की बाबत पुलिस को सूचना दी गई थी। अंशिका का शव रात में ही सड़क किनारे तथा पूजा का शव पेड़ पर लटका मिलने की बात कही गई थी। दोनों बहनों के शव मिलने के मामले की शुरुआती छानबीन के दौरान स्वजन तथा घटनास्थल के आसपास के लोगों की बातें एक दूसरे से मैच नहीं खा रही थीं, जिससे पुलिस का शक गहरा होता गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में अंशिका की मौत गला दबाने तथा पूजा की मौत हैंगिग के कारण होने की पुष्टि की गई थी। दोनों के शरीर पर दुर्व्यवहार होने का संकेत नहीं मिला था।
गुरुवार की सुबह करीब सात बजे बिलासपुर गांव से मृतका की मां कमला देवी तथा भाई राम प्रताप को गिरफ्तार किया गय। सुबह आठ बजकर 40 मिनट पर ईंट भट्ठा मालिक बीसलपुर के मुहल्ला ग्यासपुर निवासी अलीहसन को भी भट्ठे पर दबिश देकर गिरफ्तार किया गया। भट्ठे पर मुंशी का काम करने वाले महेश से पूजा और कासिमपुर गांव के ही संजीव से अंशिका मोबाइल पर रोजाना बातचीत करती थी। मोबाइल भी संजीव ने दिया था उन्हें दो माह पहले दिया था। दोनों युवतियों को मोबाइल फोन पर बात करते समय स्वजन ने देख लिया था। मां कमला देवी ने दोनों से इस बारे में मालूमात की, लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि वे किससे बात करती हैं। 22 मार्च को शाम करीब कमला देवी ने दोनों बेटियों से गुस्सा जताया। फिर भी उन दोनों ने नाम नहीं बताए। शाम करीब साढ़े सात बजे कमला देवी ने पहले पूजा का गला दबाया तो वह अचेत हो गई, इसके बाद कमला ने अंशिका को भी नीचे लिटाकर गला दबाया तो उसकी सांसें ही थम गईं। इस दौरान कमला देवी के पुत्र राम प्रताप और विजय उनके हाथ पैर पकड़े रहे थे। दोनों बेटियों का मरा देख स्वजन ने पूजा का शव कुछ दूर स्थित पेड़ पर रस्सी के फंदे में लटका दिया था, जबकि अंशिका का शव घर के भीतर ही पड़ा रहा। स्वजन ने सूचना पुलिस को नहीं दी। घटना के बाद स्वजन ने भट्ठे पर ही मजदूरी करने वाले अवधेश की पत्नी के मोबाइल से फोन कर ठेकेदार राम दास बुला लिया था। राम दास ने रात 10 बजकर 55 मिनट पर ईंटा भट्ठा मालिक अली हसन को फोन पर घटना के बारे में बताते हुए शव फेंकने के लिए गाड़ी का इंतजाम करने की बात कही थी, लेकिन भट्ठा स्वामी ने घटना की जानकारी मिलने के बाद भी पुलिस को नहीं बताया। एसपी ने बताया कि आरोपित रामप्रताप की पत्नी तुलसा देवी ने पूछताछ के दौरान पूरे घटनाक्रम की जानकारी पुलिस को दे दी। खुद की गर्दन फंसते देख स्वजन पुलिस पर ही मारपीट करने का आरोप लगाने लगे। बुधवार को अंतिम संस्कार के बाद पुलिस ने स्वजन पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया। घटना के बाद शव को ठिकाने लगाने में रामप्रताप का बहनोई अनिल भी शामिल रहा है। कमला देवी के दूसरे पुत्र विजय तथा दामाद अनिल की तलाश की जा रही है। एसपी ने कहा कि आनर किलिग का मामला है, इससे संबंधित पुलिस के पास पर्याप्त साक्ष्य हैं। प्रेस कांफ्रेंस में अपर पुलिस अधीक्षक डा. पवित्र मोहन त्रिपाठी भी मौजूद रहे।