ग्रामीणों में तेंदुआ की दहशत, बकरी का किया शिकार
ट्रांस शारदा क्षेत्र के गांव शास्त्रीनगर में तेंदुए का एक माह से आंतक है। आएदिन तेंदुआ गांव के ग्रामीणों के पालतू पशुओं का शिकार कर रहा है। रात में तेंदुआ ने घर में घुसकर बकरी का शिकार कर लिया। आहट पर गृहस्वामी के जाग जाने से वह उसे नहीं ले सका। कड़ी मशक्कत के बाद भगाया जा सका।
जेएनएन, पूरनपुर (पीलीभीत) : ट्रांस शारदा क्षेत्र के गांव शास्त्रीनगर में तेंदुए का एक माह से आंतक है। आएदिन तेंदुआ गांव के ग्रामीणों के पालतू पशुओं का शिकार कर रहा है। रात में तेंदुआ ने घर में घुसकर बकरी का शिकार कर लिया। आहट पर गृहस्वामी के जाग जाने से वह उसे नहीं ले सका। कड़ी मशक्कत के बाद भगाया जा सका।
पशुओं के चारा से लेकर खेतों की रखवाली करने में लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। गांव निवासी कुरैशा खातून ने बताया कि गन्ने के खेत से निकलकर तेंदुआ ने उनकी पशुशाला में बंधी बकरी पर हमला कर दिया। बकरी को मारने के बाद उसे अपने साथ लेकर जाने लगा। आहट पर उनकी नींद खुली तो तेंदुआ बकरी को मुंह में दबाकर ले जाता दिखाई दिया। शोर मचाने पर तेंदुआ बकरी को छोड़ कर भाग गया। इसकी सूचना वन विभाग को दी गई। वन विभाग सम्पूर्णानगर के डिप्टी रेंजर राधेश्याम मौके पर पहुंचे। उन्होंने बकरी स्वामी को शीघ्र मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया। लगातार तेंदुआ के आंतक मचाने से प्रधान के पति परशुराम, मनोज सिंह, वशिष्ठ मौर्या, किशोर, अलीशेर, मोबिन अली और साबिर हुसैन ने किया है। पिंजरे में नहीं फंस रहा चालक तेंदुआ
अमरिया : इस क्षेत्र में आधा दर्जन से अधिक बाघ रह रहे हैं लेकिन ग्रामीणों को उनसे कोई खतरा महसूस नहीं हो रहा बल्कि जंगल से निकलकर क्षेत्र में घूम रहे तेंदुआ को लेकर खासे परेशान हैं। अभी तक तेंदुआ ने किसी इंसान पर तो हमला नहीं किया लेकिन पालतू पशुओं को वह शिकार बना रहा है। वन विभाग की ओर से तेंदुआ को पकड़ने के लिए पिजरे भी लगाए गए लेकिन चालाक तेंदुआ उसमें नहीं फंसा। बड़े कृषि फार्म हैं। वहां रहने वालों ने अच्छी नस्ल के कीमतें कुत्ते पाल रखे हैं। कुत्तों का शिकार करने के लिए तेंदुआ इन फार्मों के आसपास मंडराने लगता है। तमाम चौकसी के बाद भी तेंदुआ कई पालतू कुत्तों का शिकार कर चुका है। हरदाससपुर से लेकर कैलाश नदी किनारे डूनीडाम, भूड़ा कैमोर, पैरी फार्म, शुक्ला फार्म, खली नवादा, बरा मझलिया, नगरिया कालोनी, हिमकनपुर, जगत, रसूला, फरदिया, सूरजपुर देवहा नदी किनारे तक लगभग चालीस किलोमीटर का क्षेत्र बाघों से प्रभावित है। फोटो-1पीआइएलपी-15
बाघों से इतनी परेशानी नहीं हो रही है। तेंदुए ने जीना हराम कर रखा है। तेंदुआ फार्म पर पहुंच कर लगातार कुत्तों को निशाना बना रहा है। कीमती अच्छी नस्ल के दर्जनों कुत्तों को चट कर गया है।
परमवीर सिंह फोटो-1पीआइएलपी-16
तेंदुए ने नींद हराम कर रखी है। जगत गांव के कब्रिस्तान में कई कई दिन झाड़ियों में तेंदुआ छिपा रहा। रात होते ही गांव के पास कुत्तों पर हमला कर उठा ले जाता है। गांव के दर्जनों कुत्तों का शिकार कर चुका है।
अल्ताफ हुसैन फोटो-1पीआइएलपी-17
क्षेत्र में काफी समय से जंगली जानवरों का खतरा बना हुआ है। कभी बाघ तो कभी तेंदुआ की हर समय दहशत रहती है। तेंदुआ पकड़ने को पिजरा लगाया गया लेकिन फिर भी कोई नतीजा अब तक नहीं निकला। देवीदास