झूठी शान की खातिर कमला ने किया कत्ल
झूठी शान की खातिर अपनी ही बेटियों का गला दबाते समय कमला के हाथ नहीं कांपे होंगे? क्या एक मां इतनी बेरहम भी हो सकती है? सगी बहनों के सनसनीखेज हत्याकांड का पर्दाफाश होने पर यह सवाल हर शख्स के जेहन में कौंध रहे हैं। हैरानी की बात तो यह है? कि बेटियों के खून से हाथ रंगने का कमला को तनिक भी अफसोस नहीं है।
पीलीभीत, जेएनएन : झूठी शान की खातिर अपनी ही बेटियों का गला दबाते समय कमला के हाथ नहीं कांपे होंगे? क्या एक मां इतनी बेरहम भी हो सकती है? सगी बहनों के सनसनीखेज हत्याकांड का पर्दाफाश होने पर यह सवाल हर शख्स के जेहन में कौंध रहे हैं। हैरानी की बात तो यह है? कि बेटियों के खून से हाथ रंगने का कमला को तनिक भी अफसोस नहीं है।
बीसलपुर कोतवाली क्षेत्र के गांव कासिमपुर स्थित सोनी ब्रिक फील्ड (ईंट भट्ठे) पर कमला अपने परिवार के साथ मजदूरी करती है। कमला के परिवार में दो पुत्र रामप्रताप एवं विजय तथा दो जवान बेटियां पूजा और अंशिका थीं। भट्ठे पर ही मुंशी महेश से बड़ी बेटी पूजा के कब नजदीकी संबंध हो गए। इसका किसी को आभास तक नहीं हो सका। इस बीच छोटी बेटी अंशिका की कासिमपुर गांव निवासी संजीव से आंखे चार हो गईं। संजीव ने दो माह पहले अंशिका को मोबाइल फोन खरीदकर दे दिया था। मौका लगते ही अंशिका मोबाइल फोन से संजीव से बात करती थी। वहीं बड़ी बेटी पूजा भी इसी फोन से महेश से बात करती थी। कुछ दिन पहले ही कमला को दोनों बेटियों की मोबाइल फोन पर बातचीत के बारे में पता चला। कमला को यह बेहद नागवार लगा। वह दोनों बेटियों से सख्ती से पेश आई, लेकिन दोनों बेटियों ने मुंह नहीं खोला। 22 मार्च को इसी बात को लेकर कमला ने फिर गुस्सा जताते हुए बेटियों को खबरदार किया था। अंशिका ने मौका लगते ही मोबाइल फोन पर महेश और संजीव को इस बारे में सचेत कर दिया। शाम को कमला ने बेटे रामप्रताप और विजय को मामले के बारे में बताते हुए परिवार की बदनामी होने की आशंका जताई। कमला ने पहले पूजा को पीटते हुए नीचे गिरा दिया। फिर पूजा के सीने पर बैठकर उसके प्रेमी का नाम पूछने लगी, लेकिन पूजा ने फिर भी नाम नहीं बताया। यह देख कमला का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया था, कमला ने दोनों बेटों को कहा कि तुम लोग इसके हाथ पैर पकड़ लो या तो नाम बताए नहीं तो काम तमाम होगा। यह कहते हुए कमला ने दोनों हाथों से पूजा का गला दबा दिया। कुछ ही देर में पूजा अचेत हो गई कमला और राम प्रताप विजय ने समझा कि पूजा मर चुकी है तभी उनकी निगाह अंशिका पर पड़ी कमला ने लपककर अंशिका को भी नीचे गिरा लिया और राम प्रताप और विजय ने उसके भी हाथ पैर पकड़ लिए फिर कमला ने गला दबाकर अंशिका को मौत की नींद सुला दिया। घर के आंगन में दोनों बेटियों का कत्ल करने के बाद भी कमला नहीं घबराई। इस बीच रामप्रताप ने अपने बहनोई अनिल को को बुला लिया। घर में पड़ी रस्सी को उसने हंसिया से काटा फिर रस्सी का फंदा पूजा के गले में डाल दिया, इसके बाद पूजा को कुछ दूर स्थित पेड़ पर फंदे में लटका दिया था। कमला ने भट्ठे के ठेकेदार रामदास को अंशिका की मौत के बारे में बताते हुए कहा कि पूजा का पता नहीं कहां है? रामदास ने भट्ठा मालिक अली हसन को घटना की सूचना दी। इसके बाद सभी लोग घटना को छिपाने में लगे रहे। 23 मार्च की सुबह ग्रामीण ने पूजा का शव देखा, जिसके बाद पुलिस को सूचना दी गई।
लगातार गुमराह करने की कोशिश
कमला और उसके दोनों पुत्र राम प्रताप एवं विजय इस मामले में पुलिस को लगातार गुमराह करने की कोशिश करते रहे। लेकिन तीनों की बातें आपस में जरा भी मेल नहीं खा रही थी। जिस कारण पुलिस शुरू से ही स्वजन की भूमिका पर संदेह करने लगी। इतना ही नहीं कमला और उसके दोनों बेटे पुलिस पर ही तमाम तरह के आरोप लगाने लगे थे।
कमला की बहू ने दी सही जानकारी
कमला ने बेटों की मदद से दोनों बेटियों को मौत के घाट उतारने के बाद मामले को ही दूसरा रूप देने की कोशिश की थी, लेकिन मामले की तह तक पहुंचने का प्रयास कर रही पुलिस का काम घर की बहू ने ही आसान कर दिया था। उसने ही पूरे घटनाक्रम की जानकारी पुलिस को दी थी। वारदात के बाद दो बार भट्ठा मालिक ने की थी बातचीत
सोनी ब्रिक फील्ड के मालिक अली हसन को रात करीब 10बजकर 55 मिनट पर रामदास ने फोन कर घटना की जानकारी दे दी थी। एसपी जय प्रकाश ने बताया कि भट्ठा स्वामी ने पहली बार 439 सेकेंड बात की थी। इसके बाद रात में एक बजकर 27 मिनट पर 244 सेकेंड बात की थी।
वर्जन
गनीमत रही कि दोनों बहनों के शवों को ठिकाने लगाने का आरोपितों को मौका नहीं मिला, वरना यह मामला गंभीर रूप धारण कर सकता था।
जय प्रकाश, पुलिस अधीक्षक