साढ़े 46 हजार में बेच दी झारखंड की किशोरी
पीलीभीतजेएनएन झारखंड से किशोरी को बहलाकर लाने के बाद बेच दिया गया। जिस ग्रामीण ने उसे खरीदा वह किशोरी को पत्नी बनाकर रखने लगा। उधर किशोरी की मां ने झारखंड में मुकदमा दर्ज कराया। वहां की पुलिस सुराग लगाते हुए जहानाबाद थाने पहुंची। थाना पुलिस के सहयोग से छापा मारकर किशोरी को बरामद कर लिया गया। किशोरी को बेचने वाले और खरीदने वाले दोनों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। झारखंड पुलिस किशोरी व दोनों आरोपितों को लेकर लौट गई है।
पीलीभीत,जेएनएन : झारखंड से किशोरी को बहलाकर लाने के बाद बेच दिया गया। जिस ग्रामीण ने उसे खरीदा वह किशोरी को पत्नी बनाकर रखने लगा। उधर किशोरी की मां ने झारखंड में मुकदमा दर्ज कराया। वहां की पुलिस सुराग लगाते हुए जहानाबाद थाने पहुंची। थाना पुलिस के सहयोग से छापा मारकर किशोरी को बरामद कर लिया गया। किशोरी को बेचने वाले और खरीदने वाले दोनों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। झारखंड पुलिस किशोरी व दोनों आरोपितों को लेकर लौट गई है।
जहानाबाद थाना क्षेत्र के गांव कल्यानपुर निवासी राजेंद्र कश्यप पिछले महीने झारखंड के जिला कोडरमा अंतर्गत जयनगर थाना क्षेत्र के गांव से किशोरी को बहलाकर भगा ले आया। लाने के बाद उसने किशोरी को इसी थाना क्षेत्र के गांव मीरपुर निवासी जशोदा देवी को 46 हजार 500 रुपये में बेच दिया। जशोदा को अपने भाई गजरौला थाना क्षेत्र के गांव खाग निवासी रामकुमार की शादी कराने के लिए लड़की की जरूरत थी। राजेंद्र ने रकम लेने के बाद किशोरी को जशोदा को सौंप दिया। जशोदा ने किशोरी की शादी अपने भाई से करा दी। रामकुमार बहन के यहां ही रह रहा था, उसने अपनी पत्नी के तौर पर किशोरी को उसी घर में रख लिया। बताते हैं कि राजेंद्र इसी तरह से दूसरे राज्यों से किशोरियों को फुसलाकर भगा लाने और फिर उनका सौदा करने का काम पहले भी करता रहा है। उधर किशोरी की मां ने झारखंड के जयनगर थाने में बेटी के अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया था तब झारखंड की पुलिस हरकत में आई। रविवार को झारखंड की पुलिस जहानाबाद थाने पहुंची और प्रभारी निरीक्षक को पूरी घटना से अवगत कराया। इसके बाद थाना पुलिस व झारखंड पुलिस की संयुक्त टीम ने कल्यानपुर में छापा मारकर पहले राजेंद्र को दबोचा और फिर मीरपुर पहुंचकर जशोदा के घर से किशोरी को बरामद करने के साथ ही रामकुमार को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि जहानाबाद के थाना प्रभारी निरीक्षक सुरेंद्र सिंह कटियार का कहना है कि किशोरी को बेचा नहीं गया था बल्कि झारखंड से बहलाकर यहां लाने के बाद रामकुमार से उसकी शादी कराई गई थी।