इतिहास का हिस्सा हम भी
राम मंदिर आंदोलन को उन्होंने नहीं देखा। उनका जन्म तो वर्ष 1992 के बाद हुआ है लेकिन इसके बारे में उन्होंने अपने से बड़ों से सुना जरूर है कि देशव्यापी आंदोलन किस तरह से चला था। अयोध्या में राम मंदिर बनने की दिशा में हो रहे भूमि पूजन से युवाओं में भी खुशी छाई है।
पीलीभीत,जेएनएन : राम मंदिर आंदोलन को उन्होंने नहीं देखा। उनका जन्म तो वर्ष 1992 के बाद हुआ है लेकिन इसके बारे में उन्होंने अपने से बड़ों से सुना जरूर है कि देशव्यापी आंदोलन किस तरह से चला था। अयोध्या में राम मंदिर बनने की दिशा में हो रहे भूमि पूजन से युवाओं में भी खुशी छाई है।
बीसलपुर : नई पीढ़ी के लोगों में भी खुशी का माहौल बना हुआ है। युवाओं ने घरों पर दीप सजाने की तैयारियां कर ली हैं। युवाओं का कहना है कि पहले टीवी पर अयोध्या का लाइव कार्यक्रम देखेंगे। शाम को दीप जलाकर दीपावली मनाएंगे।
राम मंदिर आंदोलन के बारे में सुना है। मेरा जन्म उसके बाद हुआ लेकिन अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर बने, यह तमन्ना अवश्य रही है, जो अब पूरी होने जा रही है। भूमि पूजन के दिन उपवास रखकर भगवान राम की पूजा अर्चना करूंगा।
आर्ष, छात्र
अपने माता पिता के साथ एक बार अयोध्या नगरी पहुंचा। वहां रामलला के अस्थाई मंदिर की छटा देखकर ऐसा प्रतीत हुआ, जैसे इस स्थान पर सभी देवताओं का वास हो। परिवार सहित भगवान राम की आरती उतारकर अपने आराध्य देव की पूजा खुशियां मनाएंगे।
शिवांश, छात्र
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण होने जा रहा है। श्रद्धा का भाव जो उमड़ रहा है। एक अनूठी सी अनुभूति मेरे अंदर पैदा हो रही है। आंदोलन के बाद ही मेरा जन्म हुआ। इससे बारे में सुना था।
हर्षित, छात्र
अयोध्या में श्रीराम जन्म भूमि पर भव्य मंदिर के निर्माण की बात सुनते ही मेरे मन में भी हिलोरें उठने लगीं। काश, मुझे भी इस अनुष्ठान को देखने अयोध्या जाने का सौभाग्य मिल पाता। फिलहाल तो टीवी पर देखेंगे।
शिवा, छात्र। रामलला बहुत दिनों तक अयोध्या नगरी में टेंट के बनाए अस्थाई मंदिर में रह लिए। खुशी का वह दिन आ गया है। जब भगवान श्रीराम अपने भव्य मंदिर में निवास करने पहुंचने वाले हैं। इस खुशी में घरों पर दीपक जलाने की तैयारियां की गई हैं।
हरप्रसाद गंगवार, पूर्व प्रधान खरदाह
कई वर्ष की प्रतीक्षा के बाद यह खुशी की घड़ी सामने आई है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के साथ अयोध्या नगरी में पहुंचकर भगवान राम के भव्य मंदिर के निर्माण के लिए भूमि पूजन करेंगे। इससे सभी राम भक्त खुशी से सराबोर दिखाई दे रहे हैं।
ब्रह्म औतार अग्रवाल, स्वयं सेवक महिलाओं में भी ऐतिहासिक क्षण के प्रति उत्साह
राम मंदिर आंदोलन की ज्योति लेकर चलने में और अयोध्या पहुंचकर इस आंदोलन को अपनी पूरी शक्ति प्रदान करने वाले मेरे पति अब मेरे बीच नहीं हैं। फिर भी उनकी यादों को मैं अपने दिल में रखते हुए बुधवार को अयोध्या में होने वाले राम मंदिर के भूमि पूजन से मन पुलकित हो उठा है। आंदोलन में भाग लेने वाले मेरे पति पदम किशोर भी होते तो शायद वह खुशी से फूले नहीं समाते।
नीरज, गृहिणी
पति नितिन अपने पड़ोसी से प्रभावित होकर राम मंदिर आंदोलन में सक्रिय हो गए थे। अयोध्या जाने के लिए गोपनीय बैठकों में भाग लेने लगे। जिनको तलाशने के लिए कई बार पुलिस दरवाजे पर आई लेकिन वह अपने संकल्प से नहीं डिगे। हम सभी लोग खुशी से फूले नहीं समा रहे हैं। घर को दीपकों से सजाकर रामलला के भजन गाकर अपने मन में खुशी का इजहार करेंगे।
पूजा, गृहिणी