साधारण डेंगू है तो बिल्कुल न करें चिता
- प्रश्न पहर में सीनियर फिजीशियन डॉ. चंद्रभूषण चौरसिया ने टेलीफोन पर सुधी पाठकों के सवालों के जवाब देते हुए किया जागरूक - साधारण डेंगू होने पर चिकित्सक के परामर्श से दवाइयां और प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए गिलोय पपीते के पत्तों का रस पीएं और कीवी फल खाएं - प्लेटलेट्स अगर 20 हजार से कम तो मरीज के लिए स्थिति हो सकती है गंभीर तुरंत अस्पताल में कराएं भर्ती फोटो-6पीआइएलपी-1
जागरण संवाददाता, पीलीभीत : डेंगू के मामले में जन सामान्य को किसी भ्रम में नहीं पड़ना चाहिए। डेंगू के वायरस दो कैटेगरी के होते हैं। अगर किसी मरीज को साधारण डेंगू हो गया तो चिता करने की कोई बात नहीं है। यह पांच से सात दिन में ठीक हो जाता है। तेज बुखार आने पर सीधे मेडिकल स्टोर से कोई दवा लेकर सेवन न करें बल्कि चिकित्सक के परामर्श से ही दवा लें। मरीज को गिलोय व पपीते के पत्तों का रस पिलाया जाए। साथ ही कीवी फल दें, जिससे प्लेटलेट्स बढ़ जाएंगी और मरीज एक सप्ताह में स्वस्थ हो जाएगा। दूसरे प्रकार का डेंगू वायरस को हेमोरेजिक कहते हैं। यह खतरनाक हो सकता है। डेंगू पीड़ित किसी मरीज में प्लेटलेट्स की मात्रा अगर बीस हजार से अधिक है तो खतरे की कोई बात नहीं,लेकिन अगर इससे कम 10-15 हजार प्लेटलेट्स रह जाती हैं तो उस मरीज को तत्काल अस्पताल में भर्ती कराकर इलाज कराना चाहिए। बुधवार को दैनिक जागरण के साप्ताहिक कार्यक्रम प्रश्न पहर में संयुक्त जिला चिकित्सालय से सेवानिवृत्ति ले चुके सीनियर फिजीशियन डॉ. चंद्रभूषण चौरसिया ने टेलीफोन पर सुधी पाठकों के सवालों के जबाव देते हुए डेंगू को लेकर भयभीत न होने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि साधारण डेंगू में वायरल की तरह की मरीज को ठंड लगकर तेज बुखार आता है। हड्डियों के जोड़ों समेत पूरे शरीर में दर्द होता है। मितली आने लगती है। कई बार उल्टी भी आ जाती है लेकिन इससे बिल्कुल घबराना नहीं चाहिए। डॉक्टर की सलाह से दवाइयां लेने पर पांच से सात दिन में यह ठीक हो जाएगा। हेमोरेजिक डेंगू वायरस की चपेट में आने पर प्लेटलेट्स घटकर दस हजार से कम रह जाने से स्थिति गंभीर हो जाती है। ऐसे मरीज के शरीर के विभिन्न हिस्सों से अथवा आंतरिक रक्तस्त्राव होने लगता है। ऐसे मरीज को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए। सवाल : डेंगू बुखार से बचाव के लिए क्या सावधानी बरतनी चाहिए।
सुरेंद्र अग्रवाल, पूरनपुर
जवाब : मच्छरों से बचाव रखें। दिन में फुल आस्तीन के कपड़े पहनें, पैर भी ढंके रहें। यह मच्छर दिन में काटता है। अपने घर और आसपास पानी न जमा होने दें। स्वच्छता का पूरा ध्यान रखें।
सवाल : परिवार के सभी सदस्य बुखार से पीड़ित हो गए हैं। ऐसे में क्या करना चाहिए।
इकरार अंसारी, ग्राम डांग
जवाब : सभी को लाकर जिला अस्पताल में चिकित्सक को दिखाएं। वहां पर बगैर किसी खर्च के जांच हो जाएगी और दवाइयां भी मिल जाएंगी। अगर डेंगू की आशंका होगी तो उसकी पुष्टि के लिए एलाइजा सैंपल बरेली भेज दिया जाएगा।
सवाल : पहले पूरी तरह स्वस्थ रहता था लेकिन पिछले छह माह से मिरगी का दौरा पड़ने लगा है। कहां दिखाना चाहिए।
लालाराम, बीसलपुर
जवाब : जिला अस्पताल में जाकर जांच करा लें। वहां जांच के बाद दवाइयां मिल जाएंगी।
सवाल : बुखार से पीड़ित हो गया हूं। पहले डेंगू की आशंका रही, क्योंकि प्लेटलेट्स कम हो गई थीं। ऐसे में जांच कराई तो पता चला कि टायफाइड है।
मोहम्मद शकील खां, जहानाबाद
जवाब : किसी भी तरह के बुखार में प्लेटलेट्स कम हो जाती हैं। टायफाइड की पुष्टि हो गई है। लिहाजा चिकित्सक की सलाह से उसी की दवाइयां लें। ज्यादा समय तक दवाइयां लेनी पड़ती हैं, इसलिए लापरवाही न करें।
सवाल : कई दिन पहले ठंड लगकर तेज बुखार आया। क्या डेंगू तो नहीं होने की आशंका है।
रनविजय यादव, ग्राम धुंधरी
जवाब : हर बुखार डेंगू नहीं होता है। इस समय वायरल, मलेरिया और मियादी बुखार भी चल रहा है। जिला अस्पताल में जाकर जांच कराएं। वहां से दवाइयां मिल जाएंगी, उनका सेवन करें।
सवाल : तेज बुखार आने पर लोग घबरा जाते हैं। यहां सरकारी अस्पताल में अव्यवस्था रहती है।
संजीव कुमार, जमुनियां
जवाब : घबराना नहीं चाहिए, तेज बुखार भी उपचार से ठीक हो जाएगा। मरीज को जिला अस्पताल ले जाएं, वहां जांच करा लें। जैसा बुखार होगा, उसी के अनुसार चिकित्सक दवा उपलब्ध करा देंगे।
सवाल : बुखार का प्रकोप चल रहा है लेकिन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर स्टाफ लापरवाह बना हुआ है। समय से न डाक्टर पहुंच रहे न कर्मचारी।
बलवीर सिंह, मथना जप्ती
जवाब : अगर ऐसा है तो आप एक प्रार्थना पत्र मुख्य चिकित्साधिकारी को भेज दें। जांच के बाद कार्रवाई हो जाएगी।
सवाल : गांवों में मच्छरों का प्रकोप फैला हुआ है, उसकी रोकथाम के लिए क्या करना चाहिए।
असगर अली, अमरिया
जवाब : मच्छरों की रोकथाम के लिए मलेरिया विभाग और ग्राम पंचायतें मिलकर सफाई अभियान, कीटनाशकों का छिड़काव करा रही हैं। अगर आपके गांव में ऐसा नहीं हो रहा है तो अपनी तहसील के उपजिलाधिकारी से शिकायत करें, तुरंत कार्रवाई होगी।