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पिता ने आजादी की खुशी में बांटी थी मिठाई

अमरजीत सिंह बल की उम्र तब 13 साल थी जब देश को अंग्रेजों की गुलामी से आजादी मिली। अच्छी तरह से याद है कि तब उनके स्कूल में किस तरह जश्न मनाया गया था। स्कूल से लौटकर घर आए तो देखा कि आजादी की खुशी में पिता पड़ोसियों को मिठाई बांट रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 14 Aug 2020 11:02 PM (IST)Updated: Fri, 14 Aug 2020 11:02 PM (IST)
पिता ने आजादी की खुशी में बांटी थी मिठाई
पिता ने आजादी की खुशी में बांटी थी मिठाई

पीलीभीत,जेएनएन : अमरजीत सिंह 'बल' की उम्र तब 13 साल थी, जब देश को अंग्रेजों की गुलामी से आजादी मिली। अच्छी तरह से याद है कि तब उनके स्कूल में किस तरह जश्न मनाया गया था। स्कूल से लौटकर घर आए तो देखा कि आजादी की खुशी में पिता पड़ोसियों को मिठाई बांट रहे हैं।

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सुनपहर फार्म निवासी अमरजीत सिंह 'बल' उस दौर को याद करते हुए कहते हैं कि तब परिवार पंजाब के अमृतसर जिले की सदर तहसील के गांव बेगेवाल में रहता था। वह श्यामनगर स्थित गुरु खालसा हाईस्कूल में पढ़ने पैदल जाते थे। उस समय गांव में साइकिल भी चंद लोगों के घरों में ही हुआ करती थी। जिस साल देश को आजादी मिली, उस साल वह छठी कक्षा से पास होकर सातवीं में पहुंचे थे। स्कूल में 15 अगस्त 1947 को जश्न मनाया गया। स्कूल के भवन पर प्रधान अध्यापक ने झंडा फहराया। बच्चों को मिठाई बांटी गई। अध्यापकों ने ही बच्चों को बताया था कि अब हम सब आजाद हैं। अंग्रेजों की गुलामी का दौर खत्म हुआ। आजादी की खुशी में उस दिन स्कूल में छुट्टी भी जल्दी हो गई। घर लौटे तो देखा पिता कुंदन सिंह आजादी की खुशी में पड़ोसियों को मिठाई बांट रहे थे। वर्ष 1952 में पिताजी यहां आकर बस गए और खेतीबाड़ी करने लगे।


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