पिछले साल मिट जाता राहुलनगर गांव
शारदा नदी पिछले वर्ष मुहाने पर बसे राहुलनगर गांव में तबाही मचा चुकी है। नदी ने सैकड़ों एकड़ कृषि भूमि के साथ ही कई घरों को जद में लेकर नामोनिशान मिटा दिया था। लहलहाती फसलें ग्रामीणों की आंखों के सामने जमीन समेत पानी में समा जाने से वह इस आपदा से कभी उबर नहीं पाएंगे।
जेएनएन, पूरनपुर (पीलीभीत) : शारदा नदी पिछले वर्ष मुहाने पर बसे राहुलनगर गांव में तबाही मचा चुकी है। नदी ने सैकड़ों एकड़ कृषि भूमि के साथ ही कई घरों को जद में लेकर नामोनिशान मिटा दिया था। लहलहाती फसलें ग्रामीणों की आंखों के सामने जमीन समेत पानी में समा जाने से वह इस आपदा से कभी उबर नहीं पाएंगे। नदी ने पीलीभीत टाइगर रिजर्व का जंगल भी पेड़ों समेत काफी कटान किया था। बाढ़ खंड के साथ प्रशासनिक अधिकारी 15 दिनों तक गांव में ही डेरा जमाए रहे थे। काफी मशक्कत के बाद गांव को बचाया जा सका था।
राहुलनगर गांव शारदा के मुहाने पर बसा है। इस गांव के किनारे से होकर शारदा पूर्व दिशा की ओर रूख करती है। पिछले साल नदी में आई बाढ़ से इस तरफ कोई खास कटान नहीं हुआ। बाढ़ का पानी उतर जाने के बाद फिर अचानक पानी बढ़ गया है। इससे शारदा की धार गांव की तरफ हो गई। शारदा ने भारी तबाही मचानी शुरू कर दी। ग्रामीणों की आंखों के सामने ही उनकी लहलहाती फसल पानी में समाने लगी। साथ ही नदी ने गांव की तरफ रूख कर कटान शुरू किया। अंधाधुंध जमीन का कटान शुरू हो जाने से पूरा गांव नदी के मुहाने पर आ गया था। सैकड़ों एकड़ कृषि योग्य जमीन नदी में फसलों समेत समा गई। नदी में जद में आए कई ग्रामीणों ने मेहनत से बनाए गए घरों को अपने आप स्वयं ही तोड़ डाला और सुरक्षित स्थान पर शरण ली। इस बीच नदी ने पीलीभीत टाइगर रिजर्व के जंगल का भी हिस्सा पेड़ों समेत अपनी आगोश में लेकर मिटा दिया। तत्कालीन उपजिलाधिकारी रहे चंद्रभानु सिंह, बाढ़ खंड के अधिशासी अभियंता शैलेष कुमार करीब 15 दिनों तक राहुलनगर में डेरा डाले रहे। ग्रामीणों के सहयोग से बमुश्किल गांव को बचाया जा सका था। फिर भी नदी ने गांव का कुछ हिस्सा काट दिया था। वर्तमान में बचाव कार्य अभी भी राहुलनगर में शुरू नहीं हो सका है। इसके चलते ग्रामीणों की धुकधुकी काफी बढ़ गई है। बाढ़ खंड की तरफ से ग्रामीणों को 14 हजार सीमेंट के खाली कट्टे उपलब्ध कराए गए थे जिनसे ग्रामीण अपने आप बचाव कार्य कर रहे थे। बाद में यह भी काम बंद हो गया है।
नौ करोड़ की स्वीकृत हुई परियोजना
अधिकारियों ने राहुलनगर को सुरक्षित करने के लिए करोड़ों की लागत से दो परियोजनाएं बनाकर शासन को भेजी थी। एक परियोजना को निरस्त कर दिया गया। नौ करोड़ रुपये की एक परियोजना को मंजूरी मिली। नदी की धार मोड़ने के लिए ब्रिजिग मशीन राहुलनगर पहुंची लेकिन पीलीभीत टाइगर रिजर्व और खीरी वन प्रभाग के अड़ंगा डाल देने से काम शुरू नहीं हो सका था। इसबीच मशीन को दूसरी जगह भेज दिया गया। फोटो 3 पीएनपीआर 2
शारदा नदी ने पिछले वर्ष भारी तबाही मचाई थी। लहलहाती फसलों सहित नदी ने सैकड़ों एकड़ कृषि भूमि का कटान किया था। ग्रामीणों के कच्चे पक्के घर भी नदी ने अपने आगोश में लेकर मिटा दिए थे।
मनोरंजन
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राहुलनगर गांव के बाशिदे नदी की विभीषिका से कभी उबर नहीं पाएंगे। नदी ने कई ग्रामीणों को भूमिहीन कर दिया है। अभी भी राहुलनगर गांव शारदा के निशाने पर है। ग्रामीण इसको लेकर काफी भयभीत हैं।
शंकर
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कृषि योग्य जमीन के साथ नदी ने पीलीभीत टाइगर रिजर्व के जंगल को भी भारी नुकसान पहुंचाया। एक बड़ा रकवा पेड़ों समेत शारदा नदी ने अपने आगोश में आकर मिटा दिया। फिर भी वन विभाग अड़ंगा डाले है।
प्रमोद
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नदी की धार मोड़ने के लिए एक बड़ी मशीन आई थी जो एक माह तक नदी के किनारे खड़ी रही लेकिन काम नहीं हुआ। नदी की अगर धार मुड़ जाती तो राहुलनगर सुरक्षित हो जाता, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
सूरज
विधायक ने जलशक्ति मंत्री को दिया था पत्र
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क्षेत्रीय विधायक बाबूराम ने एक सप्ताह पहले लखनऊ जाकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और जल शक्ति मंत्री डॉ. महेन्द्र सिंह से मिलकर राहुलनगर को बचाने और बाढ़ खंड का कार्यालय पूरनपुर में खुलवाने की मांग करते हुए पत्र सौंपा था। विधायक ने पत्र के जरिये उन्हें बताया था कि पूरनपुर क्षेत्र बाढ़ प्रभावित इलाका है। शारदा इसी क्षेत्र से होकर गुजरती है। इसलिए बाढ़ खंड का आफिस पीलीभीत में न होकर पूरनपुर होना चाहिए। राहुलनगर को बचाने के लिए परियोजना मंजूर होने के बाद वन विभाग के अड़ंगा लगाने की भी बात उन्होंने उनसे कही। विधायक के पत्र को गंभीरता से लेते हुए जल शक्ति मंत्री ने प्रमुख सचिव सिचाई को पत्र जारी किया है। विधायक ने बताया कि इस आशय का उन्हें भी पत्र प्राप्त हुआ है। वह जल्द ही दोबारा से मुख्यमंत्री योगी और जलशक्ति मंत्री से मिलेंगे।