मंदी से जूझ रहे ऑटोमोबाइल सेक्टर कारोबारी
ऑटोमोबाइल सेक्टर इन दिनों मंदी की समस्या से जूझ रहा है। कारोबारियों को आने वाले बजट से तमाम तरह की अपेक्षाएं हैं। कारोबारियों का कहना है कि अप्रैल में बीएस-6 आने वाला है। साथ ही इलेक्ट्रिक कारें आने की बात भी हो रही है। ऐसे में इसी के इंतजार के कारण ग्राहक नहीं आ रहे।
जागरण संवाददाता, पीलीभीत : ऑटोमोबाइल सेक्टर इन दिनों मंदी की समस्या से जूझ रहा है। कारोबारियों को आने वाले बजट से तमाम तरह की अपेक्षाएं हैं। कारोबारियों का कहना है कि अप्रैल में बीएस-6 आने वाला है। साथ ही इलेक्ट्रिक कारें आने की बात भी हो रही है। ऐसे में इसी के इंतजार के कारण ग्राहक नहीं आ रहे। खाली बैठे रहना पड़ रहा है। जीएसटी भी उनके लिए समस्या बनी हुई है। उन्हें टैक्स से कोई दिक्कत नहीं है लेकिन जीएसटी की प्रक्रिया संबंधी जटिलता को लेकर उनकी परेशानी है।
कारोबारियों का कहना है कि इलेक्ट्रानिक कारें मार्केट में आने की बात कही जा रही है। हालांकि इनके निर्माण में काफी अधिक लागत आ रही है। ऐसे में सरकार को कार इंडस्ट्री को पर्याप्त सुविधाएं एवं अपेक्षित रियायतें देनी चाहिए। जिससे आने वाले समय में कार इतनी भी ज्यादा महंगी न हो, जो लोगों के खरीद बजट से बाहर हो। साथ ही अप्रैल में ऑटोमोबाइल सेक्टर में बीएस-6 भी लागू हो रहा है। इसके लागू हो जाने के बाद आने वाले वाहनों में अनेक तरह के बदलाव होंगे। ग्राहकों में भी इसी का इंतजार हो रहा है। कारोबारियों की मांग है कि ब्याज दरें कम की जानी चाहिए। जिससे लोगों की क्रय शक्ति बढ़ सके। क्योंकि महंगाई लगातार बढ़ रही है। इसी कारण सिर्फ ऑटोमोबाइल सेक्टर में ही नहीं बल्कि हर व्यवसाय में मंदी का दौर चल रहा है। कारोबारियों को उम्मीद है कि केंद्र सरकार पूरी स्थिति से अच्छी तरह परिचित है। ऐसे में लग रहा है कि बजट अच्छा ही आएगा। बजट अच्छा रहा तो अर्थव्यवस्था में भी सुधार आएगा। वैसे वित्त मंत्री को बजट में प्रत्येक वर्ग के हितों को ध्यान में रखना होगा। ऑटोमोबाइल पर 28 फीसद जीएसटी है। यह दर काफी अधिक है। इसमें कमी कर दी जाए तो दोपहिया वाहनों के रेट कम हो जाएंगे, जिससे बिक्री बढ़ेगी। अप्रैल में बीएस-6 आ रहा है। उसके बाद आने वाले दोपहिया वाहनों में कई तरह के बदलाव देखने को मिलेंगे। ग्राहकों को इसका भी इंतजार है।
शुभम् शंखधार इलेक्ट्रिक कारें आने की बात हो रही है लेकिन इसमे लागत बहुत आती है। सरकार को चाहिए कि बजट में ऐसी व्यवस्था करे कि इलेक्ट्रिक वाहन इंडस्ट्री को प्रोत्साहन मिले। इन दिनों तो मंदी का दौर चल रहा है। व्यापारियों व नौकरीपेशा लोगों को विशेष छूट की व्यवस्था बजट में हो तो उनकी क्रय शक्ति बढ़ेगी।
शोभित गुप्ता
दिक्कत जीएसटी की दर को लेकर नहीं है। जीएसटी तो ग्राहकों को देना पड़ता है लेकिन कारोबारियों की समस्या यह है कि इसकी प्रक्रिया काफी जटिल है। बिना सोचे समझे एकसाथ सारी चीजें लागू कर दी गईं। विशेषज्ञ तक नहीं समझ पाते। सरकार को बजट मे ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए कि मंदी खत्म हो।
संजीव अग्रवाल