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राम ने किया अंहकारी रावण का वध

रामलीला मेला के अंतिम दिन कलाकारों ने रावण वध का मंचन किया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 25 Oct 2019 07:14 PM (IST)Updated: Sat, 26 Oct 2019 06:29 AM (IST)
राम ने किया अंहकारी रावण का वध
राम ने किया अंहकारी रावण का वध

संवाद सूत्र, अमरिया (पीलीभीत) : रामलीला मेला के अंतिम दिन कलाकारों ने रावण वध का मंचन किया। वंशजों के लगातार मारे जाने पर लंका पति रावण चितित हो जाता है। महाबलशाली पाताल लोक के राजा अहिरावण के पास जाकर उन्हें राम से युद्ध करने को भेजता है। अहिरावण विभीषण का रूप धारण कर राम के शिविर में पहुंच जाता है सभी वानरों को संबोधन मंत्र से बेहोश कर राम लक्ष्मण को चुरा कर पाताल लोक ले जाता है और अपने यज्ञशाला में दोनों भाइयों की बलि चढ़ाने के लिए यज्ञ करता है पवन पुत्र हनुमान पाताल लोक पहुंच जाते हैं द्वार पर उनके ही अंश मकरध्वज उन्हें रोकने का प्रयास करते हैं और दोनों के बीच घमासान युद्ध होता है युद्ध में हनुमान मकरध्वज को परास्त कर बंदी बना लेते हैं और बाद में रावण की सारी शक्ति छीनकर तथा उसका वध कर राम लक्ष्मण को सकुशल शिविर में वापस ले आते हैं अहिरावण की मृत्यु का समाचार पाकर रावण गुस्से से क्रोधित होता है और स्वयं भी रणभूमि में राम से युद्ध करने पहुंच जाता है रावण अस्त्रों से राम की वानर सेना को पछाड़कर भगाने लगता है राम अपने बाणों से रावण के सिर और भुजा को काटकर धरती पर गिरा देते हैं कटी भुजाओं व सिर की जगह नए सिर व भुजाएं पुन: बन जाते हैं जिसे देखकर राम चितित होते हैं विभीषण से रहस्य हासिल कर एक साथ 31 बाण छोड़ते हैं जिससे रावण के दसों शीष बीसों भुजाएं एक बाण उसके नाभि में लगता है जिससे नाभि का अमृत सूख जाता है जिससे वह एक कटे वृक्ष की तरह धरती पर गिरता है। रावण वध के बाद राम विभीषण को लंका का राजा बनाकर अयोध्या लौट आते हैं।

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