ब्राडगेज मिला, लंबी दूरी की ट्रेनों का इंतजार
तराई के इस जिले के लिए मोदी सरकार के चार सालों की खास उपलब्धि के तौर पर ब्राडगेज की सुविधा मिलना है, लेकिन यह अभी आधी अधूरी ही है।
पीलीभीत : तराई के इस जिले के लिए मोदी सरकार के चार सालों की खास उपलब्धि के तौर पर ब्राडगेज की सुविधा मिलना है लेकिन अभी यह आधी-अधूरी ही है। क्योंकि पीलीभीत से बरेली होकर दिल्ली समेत लंबी दूरी की ट्रेनों का अभाव है। हालांकि इसके लिए लगातार मांग उठाई जाती रही है। फिलहाल तो यात्रियों को टनकपुर और पीलीभीत से सिर्फ बरेली तक आवागमन की सुविधा मिल पा रही है। वह भी सिर्फ बरेली सिटी तक। जंक्शन जाने के लिए सिटी स्टेशन पर उतरने के बाद यात्रियों को अपने सामान के साथ टेंपो अथवा अन्य वाहन से जंक्शन तक पहुंचना पड़ता है। जंक्शन से दूसरी ट्रेन में सवार होने के बाद ही दिल्ली समेत अन्य स्थानों के लिए रवानगी हो पाती है। कहा जा सकता है कि पीलीभीत के ट्रेन यात्रियों के लिए फिलहाल दिल्ली अभी दूर है। दिल्ली के लिए सीधी सेवा के लिए यात्रियों को बसों का सहारा लेना पड़ रहा है।
पीलीभीत के लिए बड़ी रेल लाइन का मुद्दा काफी अहम रहा है। लोकसभा के पिछले कई चुनावों में इसके लिए आश्वासन तो दिए जाते रहे लेकिन धरातल पर कुछ नहीं हो सका था। केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद ही इस दिशा में ठोस प्रयास शुरू हुए। लगभग दो साल पहले तत्कालीन रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने यहां आकर ब्राडगेज की शुरूआत कराई थी। लगभग एक साल बाद पीलीभीत से भोजीपुरा तक ब्राडगेज लाइनें डालने का काम पूरा हो सका। तब यात्रियों को यहां से बरेली के सिटी स्टेशन तक ब्राडगेज ट्रेन में सफर करने का मौका मिला। हालांकि यहां से जाने वाली ट्रेन जंक्शन तक नहीं पहुंचती। जिन यात्रियों को बरेली से आगे की ट्रेन यात्रा करनी होती है, उन्हें सिटी स्टेशन पर उतरने के बाद टेंपो या अन्य सवारी से जंक्शन पहुंचना पड़ता है। पीलीभीत से बरेली होते हुए दिल्ली-लखनऊ समेत अन्य स्थानों की यात्रा करने की सुविधा अभी तक हासिल नहीं हो सकी है। नौगवां क्रा¨सग पर बन गया ओवरब्रिज शहर में नौगवां रेलवे क्रा¨सग पर ओवरब्रिज की मांग भी लंबे समय से उठाई जाती रही है लेकिन हर चुनाव में नेताओं ने जनता को सिर्फ आश्वासन ही दिए। केंद्र में मोदी सरकार बनने से पहले प्रदेश की सपा सरकार के दौरान तत्कालीन लोक निर्माण विभाग के मंत्री शिवपाल यादव ने जरूर लोगों को भरोसा दिया था कि इस क्रा¨सग पर जल्द ही ओवरब्रिज का निर्माण कराया जाएगा। इसका निर्माण कराने के लिए रेलवे के स्तर पर मोदी सरकार बनने के बाद ही प्रयास शुरू हुए। स्थानीय सांसद व केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका संजय गांधी के प्रयासों से सपा सरकार के दौरान ही ओवरब्रिज का निर्माण शुरू हो गया था जो अब बनकर तैयार है। इस पर आवागमन भी होने लगा है लेकिन औपचारिक तौर पर लोकार्पण होना बाकी है। एक नया नेशनल हाईवे भी मिला
मोदी सरकार के दौरान ही गत वर्ष परिवहन मंत्री नितिन गडकरी यहां आए थे। उन्होंने ही पीलीभीत-बस्ती नेशनल हाईवे के निर्माण का शिलान्यास किया। जिले में पीलीभीत से लेकर शाहजहांपुर के खुटार तक हाईवे निर्माण कार्य अब अंतिम चरण में पहुंच चुका है। सड़क का चौड़ीकरण हो जाने से जिले के लोगों को सुविधा मिली है। हालांकि गडकरी ने तो शारदा नदी में नौपरिवहन की सुविधा देने का भी ऐलान किया था लेकिन स्थलीय जांच में पता चला कि यह फिलहाल संभव ही नहीं है। बरेली हाईवे पर उड़ रही धूल
बरेली-हरिद्वार नेशनल हाईवे तो पहले से ही घोषित है लेकिन इस हाईवे की स्थिति बड़ी खराब रही है। केंद्र में यूपीए सरकार के कार्यकाल में हाईवे के चौड़ीकरण का कार्य शुरू हुआ था। अमरिया रोड पर तो निर्माण कार्य पूरा होने में कई साल लग गए। अब भी कहीं-कहीं सड़क खराब है। इसी प्रकार पीलीभीत-बरेली हाईवे का निर्माण इतनी सुस्त गति से चल रहा कि यात्रियों की दिक्कतें कम होने का नाम नहीं ले रहीं। इन दिनों चौड़ीकरण के लिए हाईवे पर मिट्टी के ढेर लगे हैं। वहां के साथ हाईवे पर धूल का गुबार उड़ता रहता है। 98143 परिवारों को मिले मुफ्त गैस कनेक्शन
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अंतर्गत जिले के कुल 98 हजार 143 गरीब परिवारों को मुफ्त रसोई गैस कनेक्शन वितरित किए गए हैं। इसी प्रकार घर-घर बिजली पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना के तहत लगभग 15 हजार लोगों को मुफ्त विद्युत कनेक्शन दिए जा चुके हैं। इन दोनों योजनाओं के तहत ये कार्य अभी भी संचालित हैं।