वन अपराधियों की खंगाली जा रही कुंडली
वन अपराधियों पर दबाव बढ़ाने के साथ ही उन्हें जंगल से दूर रखने के लिए पीलीभीत टाइगर रिजर्व प्रशासन इन दिनों वन अपराधियों की कुंडली खंगालने में जुटा है। वांछित वन अपराधियों को ढूंढ-ढूंढकर दबोचने के साथ ही काफी पहले वन्यजीव का शिकार करने के मामले में जेल जा रहे लोग अब क्या कर रहे हैं।
जेएनएन, पीलीभीत : वन अपराधियों पर दबाव बढ़ाने के साथ ही उन्हें जंगल से दूर रखने के लिए पीलीभीत टाइगर रिजर्व प्रशासन इन दिनों वन अपराधियों की कुंडली खंगालने में जुटा है। वांछित वन अपराधियों को ढूंढ-ढूंढकर दबोचने के साथ ही काफी पहले वन्यजीव का शिकार करने के मामले में जेल जा रहे लोग अब क्या कर रहे हैं। उनकी आजीविका का क्या साधन है, इससे बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। पीटीआर ने मुखबिर भी लगाए हैं।
पिछले दिनों उत्तराखंड के खटीमा से कुख्यात शिकारी मोहम्मद सईद और फिर उसके दो दिन बाद ही उसके साथी कुख्यात शाकिर को पीटीआर की महोफ रेंज टीम दबोच चुकी है। अब कुख्यात वन अपराधी नौशे शाह और कन्हईलाल की तलाश की जा रही है। इन्हें पकड़ने के लिए टाइगर रिजर्व के अधिकारियों ने अपने मुखबिर भी लगा रखे हैं। पीलीभीत टाइगर रिजर्व बनने से पहले ये शिकारी जंगल में घुसकर वन्यजीवों का शिकार करते रहे हैं। नौशे शाह और कन्हईलाल कई साल पहले बाघ के शिकार मामले में जेल जा चुके हैं। इसी तरह सईद तेंदुआ की खाल के साथ उत्तराखंड में पकड़ा जा चुका है। पीटीआर के अधिकारी उन वन अपराधियों के बारे में भी जानकारी जुटा रहे हैं, जो जेल से जमानत पर रिहा हो चुके। ऐसे वन अपराधी अब इन दिनों क्या कर रहे हैं, इसकी जानकारी जुटाई जा रही है। पीटीआर के डिप्टी डायरेक्टर नवीन खंडेलवाल के अनुसार जल्द ही अन्य सभी वांछित वन अपराधियों को पकड़कर जेल भिजवाया जाएगा। कई पुराने वन अपराधी जो पहले गिरफ्तार होकर जेल गए लेकिन वहां से जमानत पर रिहा हो जाने के बाद उनकी क्या गतिविधियां हैं, उसके बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है। जंगल और वन्य जीवों की सुरक्षा प्रत्येक दशा में सुनिश्चित कराई जाएगी।