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केशौपुर गांव में चार बंदरों की जहर देकर हत्या

तहसील क्षेत्र के केशौपुर गांव के नजदीक बाग में जहरीला पदार्थ देकर चार बंदरों की हत्या कर दी गई। कई बंदरों की हालत बिगड़ गई। पशु चिकित्सक ने दो बंदरों का उपचार कर उनकी जान बचा ली। चारों बंदरों का पोस्टमार्टम कर उन्हें दफन कर दिया गया। वन विभाग ने अज्ञात के खिलाफ केस काटा है। पुलिस भी जांच कर रही है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 27 Jan 2020 11:29 PM (IST)Updated: Tue, 28 Jan 2020 06:08 AM (IST)
केशौपुर गांव में चार बंदरों की जहर देकर हत्या
केशौपुर गांव में चार बंदरों की जहर देकर हत्या

संवाद सहयोगी, पूरनपुर (पीलीभीत) : तहसील क्षेत्र के केशौपुर गांव के नजदीक बाग में जहरीला पदार्थ देकर चार बंदरों की हत्या कर दी गई। कई बंदरों की हालत बिगड़ गई। पशु चिकित्सक ने दो बंदरों का उपचार कर उनकी जान बचा ली। चारों बंदरों का पोस्टमार्टम कर उन्हें दफन कर दिया गया। वन विभाग ने अज्ञात के खिलाफ केस काटा है। पुलिस भी जांच कर रही है।

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घुंघचाई चौकी क्षेत्र के गांव केशौपुर निवासी बहादुर के बाग में बड़ी संख्या में बंदर कई माह से रहते हैं। रविवार को बाग में गांव के लोगों ने कुछ बंदरों को नीचे पड़ा देखा जिन पर कुत्ते हमला कर रहे थे। ग्रामीणों ने कुत्तों को बमुश्किल वहां से हटा दिया। कुत्तों को भगाने के बाद भी वह बंदर अपने स्थान से नहीं हटे। कुछ बंदर बेहोशी की हालत में पेड़ की टहनियों पर लटके थे। ग्रामीणों ने इसकी सूचना स्थानीय पुलिस चौकी घुंघचाई के साथ ही पशु चिकित्सक और वन विभाग के कर्मचारियों को दी गई। पशु चिकित्सक मौके पर पहुंचे और दो बंदरों को उपचार कर बचा लिया लेकिन तब तक चार बंदरों की मौत हो गई थी। उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. राजीव मिश्र ने बताया कि मृत बंदरों के पोस्टमार्टम के दौरान उनमें जहर से मरने की पुष्टि हुई है। पोस्टमार्टम के बाद बंदरों के शव को दफन करा दिया गया है। सामाजिक वानिकी के क्षेत्राधिकारी गोविदराम ने बताया कि बंदरों की मौत के मामले में केस काटा है। जल्द ही जांच कर आरोपित को नामजद किया जाएगा। सामाजिक वानिकी विभाग के डीएफओ संजीव कुमार ने केशौपुर गांव पहुंचकर ग्रामीणों से घटना के बारे में जानकारी ली। घुंघचाई चौकी प्रभारी संजय यादव ने बताया कि चार बंदर मृत पाए गए हैं। ग्रामीणों ने रंजिशन बंदरों को जहरीला पदार्थ देने के आरोप लगाया है। वन विभाग की टीम द्वारा तहरीर मिलते ही मुकदमा दर्ज कर जांच की जाएगी। इस मामले में जो भी दोषी होंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। हालांकि बंदरों के साथ इस तरह के क्रूर कृत्य को लेकर लोगों में धार्मिक आघात पहुंचा है।


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