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नदी की जद में आए तीन घरों को तोड़ा

संस पूरनपुर (पीलीभीत) शारदा नदी राहुलनगर का अस्तित्व मिटाने पर जुट गई है। नदी की जद में आए तीन घरों को ग्रामीणों स्वयं तोड़ दिया है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 11 Sep 2019 07:00 PM (IST)Updated: Wed, 11 Sep 2019 07:00 PM (IST)
नदी की जद में आए तीन घरों को तोड़ा
नदी की जद में आए तीन घरों को तोड़ा

संस, पूरनपुर (पीलीभीत) : शारदा नदी राहुलनगर का अस्तित्व मिटाने पर जुट गई है। नदी ने अब गांव का कटान शुरू कर दिया है। कई ग्रामीण अपने कच्चे और पक्के मकान तोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जा रहे हैं। अन्य घर भी नदी के निशाने पर हैं। जल्द ही गांव काटने की आशंका जताई जा रही है। ग्रामीण लगातार हो रहे फसलों सहित जमीन और गांव के कटान को लेकर काफी भयभीत हैं।

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राहुलनगर में अधिकारी लगातार बचाव कार्य करा रहे हैं,इसके बावजूद नदी का रूख गांव की तरफ है। गुलजारीलाल औ सईद का घर नदी की भेंट चढ़ चुका है। अन्य घर भी नदी के निशाने पर आ गए हैं जिनको ग्रामीणों ने आनन फानन में तोड़कर सुरक्षित स्थानों पर उनका मलवा पहुंचा दिया है। जमीन लगातार कट रही है। अगर इसी तरह से कटान होता रहा तो जल्द ही राहुलनगर गांव पूरी तरीके से कट जाएगा और उसका निशान तक मिट जाएगा। अब तक सैकड़ों एकड़ जमीन नदी निकल चुकी है। उप जिलाधिकारी चंद्रभान सिंह व खंड के अधिशासी अभियंता शैलेष कुमार टीम के साथ लगातार राहुल नगर में बचाव कार्य कराने में जुटे हैं। जितना बचाव कार्य हो रहा है उससे कहीं ज्यादा नदी जमीन और गांव को काट दे रही है। इसको लेकर ग्रामीण काफी भयभीत हो उठे हैं। उन्हें अब भविष्य को लेकर काफी चिता सताने लगी है। पहले जमीन और अब घर नदी में समा जाने से वह बदहवास हैं। अधिकारियों के प्रयास भी नदी का रौद्र रूप नहीं रोक पा रहे हैं। मंगलवार की रात नदी अनंत भारती, गामा और टोड़ीलाल के घर तक पहुंच गई। तीनों ग्रामीणों ने घरों को उजाड़ कर उसका मलबा सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया। ग्रामीणों ने बताया कि अगर इसी तरह से कटान होता रहा तो गांव को बचाना काफी मुश्किल होगा। नदी की धार सीधे अब गांव की तरफ ही हो गई है। इसके चलते उनमें भारी दहशत देखी जा रही है। शारदा का बढ़ता जा रहा कहर

नदी ने अपने मूल स्थान को छोड़ दिया है। राहुलनगर के पास से गुजरे नाले में शारदा का पानी आने से यह विकराल स्थिति हुई है। नाला का नदी ने पहले कटान किया। इसके बाद नदी ने विकराल रूप लिया और बड़े रकबे में जमीन को काटने के बाद गांव तक पहुंच गई। नदी का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। इसे रोक पाना अब काफी मुश्किल हो गया है।


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