दो लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से शारदा उफनाई
बनबसा बैराज से छोड़े गए लगभग पौने दो लाख क्यूसेक पानी से शारदा नदी में भूकटान कम हो गया है।
पूरनपुर (पीलीभीत) : बनबसा बैराज से छोड़े गए लगभग पौने दो लाख क्यूसेक पानी से शारदा नदी में भारी तूफान आ गया है। बाढ़ का पानी राणा प्रताप नगर गांव के घरों में घुस गया है।
बनबसा बैराज से शारदा नदी में दो दिन में अलग-अलग चरणों में लगभग पौने दो लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से शारदा नदी में भारी तूफान आ गया। बाढ़ आ जाने से गांव राणा प्रताप नगर में बाढ़ का पानी घुस गया है। दूसरे दिन भी बाढ़ का पानी नहीं निकल सका है। इस कारण ग्रामीणों के घरों में पानी भरा होने से लोगों का रहना दूभर हो गया है। गांव के रपटा पुल पर 3 दिन से बाढ़ का पानी बहने से लोगों का आवागमन नाव के सहारे हो रहा है। रविवार को रक्षाबंधन के त्योहार पर बहनें भाइयों के घर नाव पर बैठकर पहुंचीं । इधर बाढ़ का पानी कम न होने से लोगों की मुश्किलें भी कम नहीं हो रही है। इसके अलावा राजीव नगर गांव में भी बाढ़ और बारिश का पानी सभी के घरों में भरा है। पीडब्ल्यूडी सड़क के किनारे ट्रालियों पर पन्नी और तिरपाल तानकर मुश्किल से गुजर बसर कर रहे हैं। तहसील प्रशासन ने अभी तक गांव पहुंचकर बाढ़ पीड़ितों की कोई सुध नही ली है। इतना ही नहीं क्षेत्र के समाजसेवी भी इधर नहीं पहुंच सके और ना ही अभी तक इन पीड़ित परिवारों को कोई मदद ही मिल पाई है। राणा प्रताप नगर में इस साल सत्र में अभी तक लगभग 4 बार से अधिक बाढ़ आ चुकी है। लोग बाढ़ का पानी झेलते-झेलते अजीज हो गए हैं।इतना ही नहीं गांव के बाहर रपटा पुल पर बार-बार पानी का तेज बहाव हो जाने से लोग मजबूरी बस नाव का सहारा लेकर आवागमन कर रहे हैं। वही छात्र- छात्राओं की पढ़ाई स्कूल न पहुंच पाने के कारण चौपट हो रही है। बाढ़ का पानी अभी दूसरे दिन भी कम नहीं हो सका है। जिस कारण गांव के मरीज को नाव पर लादकर इलाज के लिए ले जाया गया है। सबसे बड़ी समस्या अचानक कोई बीमारी और इलाज के लिए लोगों के पास उचित व्यवस्था नहीं है और आवागमन के लिए रास्ता भी नहीं मिल पा रहा है।
रमनगरा :. शारदा नदी द्वारा तबाही मचाने के बाद गभिया सहराई, नलडेगा, पुरैना ताल्लुके महाराजपुर, रमनगरा तथा बूंदीभूड़ गांव में रात में बाढ़ का पानी घुस आया। ग्रामीणों को रात जागकर काटनी पड़ी तथा बाढ़ चौकियां केवल खानापूर्ति के लिए बनाई गईं हैं। क्षेत्र में तीन बाढ़ चौकी बनाई गई हैं, लेकिन इन चौकियों में आज तक विभाग का कोई अधिकारी व कर्मचारी नहीं रहते है। ग्रामीण शारदा नदी का विकराल रूप देखकर अपना घरेलू सामान हटाना शुरू कर दिया है। तीन दिनों में 3 किसानों का 40 एकड़ धान गन्ना आदि फसल सहित शारदा नदी में समा गई है।