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नहरें सूखीं, फसल की सिचाई को किसान परेशान

पीलीभीतजेएनएन गेहूं की फसल के लिए पहली सिचाई की आवश्यकता शुरू हो गई है। क्षेत्र में चारों ओर नहरों का जाल बिछा होने के बावजूद किसान नहरों से सिचाई नहीं कर पा रहे हैं। सिचाई विभाग की ओर से नहरों में सफाई का कार्य देरी से होने के कारण अभी तक पानी नहीं छोड़ा गया है। जिस कारण गेहूं की सिचाई प्रभावित हो रही है। मजबूरन किसानों को महंगा डीजल खरीदकर बोरिग इंजन से फसलों की सिचाई करनी पड़ रही है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 07 Dec 2021 11:31 PM (IST)Updated: Tue, 07 Dec 2021 11:31 PM (IST)
नहरें सूखीं, फसल की सिचाई को किसान परेशान
नहरें सूखीं, फसल की सिचाई को किसान परेशान

पीलीभीत,जेएनएन : गेहूं की फसल के लिए पहली सिचाई की आवश्यकता शुरू हो गई है। क्षेत्र में चारों ओर नहरों का जाल बिछा होने के बावजूद किसान नहरों से सिचाई नहीं कर पा रहे हैं। सिचाई विभाग की ओर से नहरों में सफाई का कार्य देरी से होने के कारण अभी तक पानी नहीं छोड़ा गया है। जिस कारण गेहूं की सिचाई प्रभावित हो रही है। मजबूरन किसानों को महंगा डीजल खरीदकर बोरिग इंजन से फसलों की सिचाई करनी पड़ रही है।

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क्षेत्र के अंतर्गत हरदोई नहर ब्रांच से कई रजबहा और माइनरें निकलती हैं। इन नहरों से किसान अपनी फसल को सींचता है। अब गेहूं की फसल के लिए पहली सिचाई की आवश्यकता है लेकिन अभी तक नहरों में पानी नहीं छोड़ा गया। सिचाई विभाग की ओर से नहरों की सफाई का कार्य देरी से होने के कारण अभी तक नहरों में पानी नहीं आ सका। जिस कारण गेहूं की सिचाई प्रभावित हो रही है। अभी नहरों की सफाई में देरी को देखते हुए किसानों ने अन्य संसाधनों से सिचाई करना प्रारंभ कर दिया है। किसानों को सिचाई करने के लिए अब और अधिक खर्च करना पड़ रहा है। क्षेत्रीय किसानों में काफी रोष है। सब कुछ देखते हुए भी सिचाई विभाग नहरों की सिल्ट सफाई के नाम पर खानापूरी कर रहा है। कार्य कराने में देरी हो रही है। शारदा सागर खंड के सहायक अभियंता मुकेश चंद्र ने बताया अभी सफाई का कार्य पूरा नहीं हो सका है। कार्य पूरा होने के बाद ही नहरों में पानी छोड़ा जाएगा। नहरों में पानी का इंतजार करते हुए अब स्वयं ही बोरिग इंजन से पानी लगाने की तैयारी प्रारंभ कर दी है। पता नहीं नहरों में पानी कब आए, तब तक फसल बेकार हो जाएगी।

- शगुन सिंह

अब सिचाई के लिए डीजल का खर्च और बढ़ गया है। वैसे भी किसान परेशान थे। अब सिचाई के लिए अधिक खर्चा करना पड़ेगा।

- शाहनीद खान नहरों में पानी देरी से आने से किसानों के आगे बहुत समस्याएं पैदा हो जाती हैं। हर वर्ष नहरों में पानी देरी से ही आता है जिससे किसानों को परेशानी होती है।

- मेहंदी हसन सिचाई विभाग की ओर से हर वर्ष नहरों में सफाई के नाम पर सिर्फ खानापूरी की जाती है। इसी कारण नहरों में छोर तक पानी भी नहीं पहुंचता है।

-कृष्ण कुमार नहरों में पानी न होने से सिचाई प्रभावित हो रही है। कुछ किसानों के पास सिचाई के लिए कोई और संसाधन भी नहीं है जिससे उनकी फसल को नुकसान हो रहा है।

- मुस्तकीम ललौरीखेड़ा में दो नहरें, दोनों सूखी

ललौरीखेड़ा : अमरिया क्षेत्र की बड़ी नहर से दो माइनर निकली हैं। इन दिनों दोनों ही माइनर सूखे पड़े हैं। इस वजह से ब्लाक क्षेत्र के गांव जतीपुर, शिवपुरिया, गोंछ, डंडिया, वार नवादा, हरचुइया, सैंजना समेत लगभग 50 गांवों के किसान परेशान हैं। किसानों का कहना है कि अब लाही के साथ ही गेहूं की फसल को पानी चाहिए लेकिन नहरें सूखी होने से समस्या है। डीजल काफी महंगा मिल रहा है। इंजन बोरिग से सिचाई करने पर फसल की लागत बहुत बढ़ जाती है। किसानों ने नहरों में जल्द पानी छोड़े जाने की मांग की है।

साबेपुर माइनर की शुरू हुई सफाई

बीसलपुर : साबेपुर से निकलकर बीसलपुर होती हुई बाबू ईंट भट्ठे तक जाकर किसानों के खेतों को सिचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने वाली इस माइनर की सफाई अब शुरू कराई गई है। सिल्ट के साथ ही नहर के पटले पर उग आई झाड़ियों की भी सफाई हो रही है। सफाई कार्य पूर्ण होने के बाद ही नहर में पानी छोड़ा जाएगा, तभी किसानों को फसल की सिचाई करने की सुविधा मिल सकेगी।


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