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किसानों का चीनी मिलों में फंसेगा पैसा

जिले की चारों चीनी मिलें किसानों का गन्ना तो लगातार खरीद रही हैं लेकिन मूल्य भुगतान में तत्परता नहीं दिखा रहीं। एक मिल को छोड़ दें तो शेष तीन में किसानों को भुगतान देने की गति बेहद सुस्त है। गन्ना मूल्य का बकाया पिछले पेराई सत्र की भांति फिर बढ़ रहा है। ऐसे में किसानों का पैसा फंसने की आशंका बढ़ गई है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 25 Feb 2021 11:02 PM (IST)Updated: Thu, 25 Feb 2021 11:02 PM (IST)
किसानों का चीनी मिलों में फंसेगा पैसा
किसानों का चीनी मिलों में फंसेगा पैसा

पीलीभीत,जेएनएन : जिले की चारों चीनी मिलें किसानों का गन्ना तो लगातार खरीद रही हैं लेकिन मूल्य भुगतान में तत्परता नहीं दिखा रहीं। एक मिल को छोड़ दें तो शेष तीन में किसानों को भुगतान देने की गति बेहद सुस्त है। गन्ना मूल्य का बकाया पिछले पेराई सत्र की भांति फिर बढ़ रहा है। ऐसे में किसानों का पैसा फंसने की आशंका बढ़ गई है।

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शहर की एलएच चीनी मिल ने एक नवंबर से पेराई सत्र शुरू किया था। इस मिल ने अब तक 1 करोड़ 38 लाख 59 क्विंटल गन्ना पेराई कर ली है। साथ ही 21 जनवरी तक खरीदे गए गन्ना का मूल्य भुगतान भी किसानों के खातों में 317 करोड़ 2 लाख रुपये भेज दिया है। बरखेड़ा की बजाज हिदुस्तान चीनी मिल की गन्ना मूल्य भुगतान में इस बार भी लचर स्थिति बनी हुई है। इस मिल में विगत 10 नवंबर को पेराई सत्र शुरू हुआ। करीब 70 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई हो चुकी है लेकिन वर्तमान पेराई सत्र का अभी तक किसानों को गन्ना मूल्य का भुगतान शुरू नहीं किया गया। इसी प्रकार पूरनपुर व बीसलपुर की सहकारी चीनी मिलों में भी गन्ना मूल्य भुगतान की गति सुस्त बनी हुई है।

25 लाख क्विंटल चीनी का हो चुका उत्पादन

जिले की चारों चीनी मिलों ने अब तक लगभग 25 लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन कर लिया है। एलएच चीनी मिल रोजाना करीब 12 हजार क्विंटल चीनी का उत्पादन कर रही जबकि बजाज हिदुस्तान बरखेड़ा सात हजार क्विंटल चीनी बना रही। बीसलपुर की सहकारी मिल 1.73 हजार व पूरनपुर सहकारी मिल 1.55 हजार क्विंटल चीनी का प्रतिदिन उत्पादन करती है।

चीनी मिल से गन्ना मूल्य का समय पर भुगतान नहीं मिल पाता है। ऐसे में कई बार खेती के काम अटक जाते हैं। तब कर्ज लेकर काम चलाना पड़ता है। नियमानुसार गन्ना आपूर्ति के 14 दिन के भीतर भुगतान मिलना चाहिए।

रामसरन, ग्राम चुटकुना

गन्ना को नकदी फसल कहा जाता है लेकिन चीनी मिलें उधार खरीदती हैं। गन्ना आपूर्ति कर दिया है लेकिन इसका पैसा कब खाते में आएगा, कुछ नहीं पता है। गन्ना बिक्री का पैसा मिलता रहे तो सहूलियत रहती है।

ब्रजेश पाठक, बड़ागांव

पिछले चार साल से गन्ना मूल्य में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई। जो पुराना मूल्य निर्धारित है, उसका भी चीनी मिलें समय पर भुगतान नहीं करती हैं। पिछले पेराई सत्र में दिए गए गन्ने का भुगतान इस सत्र में मिल सका है।

होरीलाल, रम्पुरा एलएच चीनी मिल लगातार गन्ना मूल्य का भुगतान कर रही है। बीसलपुर ने भी पिछले दिनों भुगतान जारी किया। अन्य मिलों से भी जल्द भुगतान जारी करने के निर्देश जारी किए जा चुके हैं। किसानों को पूरा भुगतान दिलाया जाएगा।

जितेंद्र कुमार मिश्र, जिला गन्ना अधिकारी


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