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धरने पर बैठे किसान, 13 करोड़ का हुआ भुगतान

रामपुर गन्ना मूल्य को लेकर गुरुवार को किसान भड़क गए।

By JagranEdited By: Published: Thu, 19 Nov 2020 10:53 PM (IST)Updated: Thu, 19 Nov 2020 10:53 PM (IST)
धरने पर बैठे किसान, 13 करोड़ का हुआ भुगतान
धरने पर बैठे किसान, 13 करोड़ का हुआ भुगतान

रामपुर: गन्ना मूल्य को लेकर गुरुवार को किसान भड़क गए। जिला गन्ना अधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन कर धरना दिया। किसानों ने जब अनिश्चितकालीन धरने की धमकी दी तो चीनी मिलों ने 13.34 करोड़ रुपये का भुगतान करा दिया। इसके बाद किसानों ने धरना समाप्त करने की घोषणा कर दी।

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जनपद की चीनी मिलों पर किसानों का करोड़ों रुपये बकाया हैं। नियमानुसार 14 दिन के अंदर गन्ना मूल्य का भुगतान हो जाना चाहिए। लेकिन, ऐसा नहीं हो पा रहा है। चीनी मिल और अधिकारियों के रवैये से नाराज भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ता गुरुवार को विकास भवन के निकट स्थित कार्यालय पर एकत्र हुए। इसके बाद जिलाध्यक्ष हसीब अहमद के नेतृत्व में जुलूस की शक्ल में नारेबाजी करते हुए डीसीओ दफ्तर पर पहुंचे। कुछ देर नारेबाजी करने के बाद धरने पर बैठ गए। जिलाध्यक्ष ने जब बेमियादी धरने की चेतावनी दी तो जिला गन्ना अधिकारी हेमराज सिंह किसानों से वार्ता की। किसानों के आक्रामक रूप को भांपकर जिला गन्ना अधिकारी ने त्रिवेणी और राणा मिल के प्रबंधतंत्र से फोन पर बात की। कुछ देर बाद दोनों चीनी मिलों ने 17 करोड़ 34 लाख रुपये का भुगतान करने की बात कही। किसानों के खाते में पैसा डाल दिया गया। भरोसा दिलाया कि बाकी भुगतान 30 नवंबर तक करा दिया जाएगा। डीसीओ के आश्वासन पर किसानों ने धरना समाप्त कर दिया। इस अवसर पर वीरेंद्र सिंह यादव, सुभाष चंद शर्मा, खुशीराम यादव, होरीलाल ,विनोद, रामगोपाल, रिजवान, राजाराम, तौहीद अहमद, तंजील अहमद मुहम्मद तालिब आदि मौजूद रहे। गन्ने की तौल न होने के विरोध में किसानों ने किया प्रदर्शन

बिलासपुर : भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने त्रिवेणी चीनी मिल के ग्राम लाला वाला बाग के पास स्थित कांटे पर तौल न होने के विरोध में नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। अधिकारियों से मामले की जांच कराने की मांग की।

तहसील अध्यक्ष इरफान हसन ने कहा कि किसान कांटे पर अपना गन्ना डालने के लिए सप्ताहभर से परेशान हैं। किसान भूखा, प्यासा कांटे के सामने बैठा हुआ गन्ने की तौल का इंतजार कर रहा है, लेकिन गन्ने की तौल शुरू नही की जा रही है। ऐसे में शासन-प्रशासन भी किसानों की समस्याओं को लेकर गंभीर नहीं है। किसानों ने अपने गन्ने की फसल काटकर उसकी जगह गेहूं की फसल बो दी है। लेकिन कांटे पर तौल बंद होने से किसान क्या करें, गन्ने को कहां डालें। पिछले आठ दिन से किसान अपने ट्रैक्टर-ट्राली में गन्ना लादे कांटे पर तौल के इंतजार में खड़े हैं। किसानों ने जल्द ही तौल शुरू न होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है। इस मौके पर जिला उपाध्यक्ष साबिर अली, रिजवान अली, सहदेव सिंह, शंकर सिंह, मेहराब अली, हनीफ अहमद, शारिक अली, चेतराम, सलीम अहमद आदि शामिल रहे। गन्ना खरीद में मनमानी

मिलक : भारतीय किसान संघ के जिलाध्यक्ष आदेश शंखधार के नेतृत्व में किसान गन्ना समिति पहुंचे। समिति सचिव कृष्ण गोपाल गौतम से मुला़कात कर गन्ना किसानों को हो रही परेशानी से अवगत कराया। कहा कि गन्ना पर्यवेक्षक द्वारा अवैध रूप से उनकी भी पर्ची बना दी गई हैं, जिनके पास गन्ना नहीं है। वे लोग किसानों से औने पौने दामों में गन्ना ़खरीद कर बरेली की एक मिल को भेज रहे हैं। उसका लाभ गन्ना पर्यवेक्षक भी उठा रहे हैं। सचिव से कहा कि बाहरी गन्ना तत्काल बन्द किया जाए अन्यथा आपके कार्यालय पर बेमियादी धरना प्रदर्शन किया जाएगा। इस अवसर पर प्रेमबहादुर गंगवार, कमोद शर्मा, ब्रह्माशंकर पाण्डेय, शिवम पाण्डेय, प्रवेन्द्र सिंह, वीरेश शर्मा आदि किसान मौजूद रहे।


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