Move to Jagran APP

किसान के पास धान नहीं, फिर भी कागजों में खरीद

पीलीभीतजेएनएन धान की आवक बेहद कम होने के बावजूद खरीद आंकड़ों में तेजी से बढ़ रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में लगे क्रय केंद्रों की अनदेखी के चलते पूरी तरीके से मनमानी हो रही है। अधिकारी गंभीर नजर नहीं आ रहे हैंजिससे खरीद के आंकड़े वास्तविक से इतर तेजी के साथ बढ़ रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 03 Dec 2021 12:26 AM (IST)Updated: Fri, 03 Dec 2021 12:26 AM (IST)
किसान के पास धान नहीं, फिर भी कागजों में खरीद
किसान के पास धान नहीं, फिर भी कागजों में खरीद

पीलीभीत,जेएनएन : धान की आवक बेहद कम होने के बावजूद खरीद आंकड़ों में तेजी से बढ़ रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में लगे क्रय केंद्रों की अनदेखी के चलते पूरी तरीके से मनमानी हो रही है। अधिकारी गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं,जिससे खरीद के आंकड़े वास्तविक से इतर तेजी के साथ बढ़ रहे हैं।

prime article banner

किसानों को समर्थन मूल्य योजना का लाभ देने के लिए मंडी समिति और ग्रामीण क्षेत्रों में क्रय केंद्र स्थापित किए गए लेकिन इन क्रय केंद्रों पर शुरू में किसानों को मानक का पाठ पढ़ा कर लौटाया जाता रहा। इसके चलते इस बार मंडी में धान की आवक बेहद कम हुई। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी धान की खरीद नहीं हो सकी। किसानों को नमी और कालापन की कमी निकालकर टरकाने का खेल जारी रहा। मजबूरन किसानों को अपनी मेहनत कस फसल को राइस मिलर्स और आढ़तियों के हाथों बेचना पड़ा। अब मंडी में धान की आवक कम हो गई है। किसानों के पास भी धान नहीं बचा है। लक्ष्य पूरा न होने के चलते मंडी में लगे 17 केद्रों को ग्रामीण क्षेत्र में भेज दिया गया था जिससे खरीद बढ़े लेकिन इन क्रय केंद्रों पर भी सन्नाटा पसरा हुआ है। तय स्थानों पर नजर नहीं आ रहे हैं। इन सबके बावजूद भी रोजाना खरीद आंकड़ेबाजी में पूरी कर ली जा रही है। कम दामों में खरीदे गए धान को आंकड़ेबाजी कर कागजों में दर्शाया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों का तो हाल काफी दयनीय है। यहां अधिकारियों की अनदेखी के चलते पूरी तरीके से मनमानी हावी हो गई है। हालांकि मंडी में तो नाममात्र के किसान पहुंच रहे हैं लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में किसान नहीं पहुंच रहा है। लक्ष्य के सापेक्ष खरीद नहीं हो सकी है जबकि कलीनगर और पूरनपुर तहसील में खरीद का 12 लाख क्विंटल लक्ष्य निर्धारित किया गया था। किसानों के पास धान न रहने और इतने बड़े लक्ष्य को पूरा करने के लिए आंकड़ेबाजी का खेल तेजी से जारी हो गया है। क्रय केंद्रों का दोनों कांटों पर रोजाना ही लक्ष्य के सापेक्ष खरीद दर्शाई जा रही है जबकि वास्तविक खरीद नजर नहीं आ रही है। जिले में 50 फीसदी खरीद हो गई है। ग्रामीण क्षेत्र में धान की आवक होने पर सेंटरों को वहां भेजा गया है। अगर वहां खरीद नहीं हो रही है तो इसको दिखवाया जाएगा। अनियमितताएं मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।

ज्ञानचंद्र वर्मा, डिप्टी आरएमओ


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.