धान की खरीद को लेकर किसानों ने लगाया जाम
महीन धान की बिक्री न होने और धीमी गति से खरीद किए जाने को लेकर गुरुवार को भारतीय किसान मजदूर यूनियन और राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के कार्यकर्ताओं ने किसानों के साथ मंडी गेट पर धरना देते हुए पूरनपुर माधोटांडा रोड पर जाम लगा दिया।
पीलीभीत,जेएनएन : महीन धान की बिक्री न होने और धीमी गति से खरीद किए जाने को लेकर गुरुवार को भारतीय किसान मजदूर यूनियन और राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के कार्यकर्ताओं ने किसानों के साथ मंडी गेट पर धरना देते हुए पूरनपुर माधोटांडा रोड पर जाम लगा दिया। दोनों तरफ वाहनों की लंबी लाइन लग गई। एसडीएम और सीओ ने भारी पुलिस फोर्स के साथ पहुंचकर काफी देर तक किसानों से वार्ता की। इसके बाद किसानों को शांत कराकर जाम खुलवाया जा सका। किसानों ने अधिकारियों के सामने ही उनके खिलाफ नारेबाजी भी की।
कृषि उत्पादन मंडी समिति में किसानों के धान की ढेरियां लगी हुई हैं। परिसर में खाली जगह तक नहीं रह गई है। धीमी खरीद होने की वजह से सड़क किनारे तक वाहन लगे हुए हैं। इसके अलावा जिन किसानों का महीन धान मंडी में पड़ा हुआ है उसकी खरीद नहीं की जा रही है, जबकि किसान उसे कामन रेट में खरीद करने के लिए लगातार अधिकारियों से मांग कर रहे हैं। आश्वासन के बाद भी महीन धान की खरीद नहीं हो पा रही है। भारतीय किसान मजदूर यूनियन के जिलाध्यक्ष मनप्रीत सिंह, राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के ब्लाक अध्यक्ष अवतार सिंह बाजवा ने किसानों के साथ मंडी गेट पर धरना शुरू कर दिया। इसके बाद सभी किसान एकजुट होकर सड़क पर बैठ गए। करीब एक घंटे तक जाम लगा रहा। सूचना पर उप जिलाधिकारी राजेंद्र प्रसाद, पुलिस क्षेत्राधिकारी प्रमोद कुमार, इंस्पेक्टर कोतवाली सुरेश कुमार सिंह, इंस्पेक्टर माधोटांडा रामसेवक राजवंशी मौके पर पहुंचे। किसानों और अधिकारियों में काफी देर तक वार्ता होती रही। उपजिलाधिकारी ने शीघ्र ही मंडी में महीन धान की लगी ढेरियों की सूची बनाकर उच्चाधिकारियों को भेजने और खरीद में तेजी लाने की बात कही तब किसान माने। इस दौरान सुखजीत सिंह, बलजिदर सिंह, नित्यानंद ढाली, अमरीक कौर, असीत मंडल, गुरमेल सिंह, गुरप्रीत सिंह, मंजीत सिंह, अनंत अग्रवाल, सतनाम सिंह, कुलबंदिर सिंह आदि मौजूद रहे। इन समस्याओं का सौंपा ज्ञापन
किसानों ने प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन एसडीएम को सौंपा। इसमें केंद्र सरकार की ओर से पारित किए गए तीनों अध्यादेश वापस लेने, न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे खरीद न होने, इसके लिए कानून बनाया जाने, न्यूनतम समर्थन मूल्य का पालन न करने पर खरीदारों को दंडित करने, 60 वर्ष से ऊपर के किसानों को पांच हजार मासिक पेंशन दिए जाने, किसानों पर कर्ज पर चक्रवर्ती ब्याज लगाने का कानून न बनाने जाने,कृषि लोन व खेत के उपयोग में आने वाले यंत्रों पर चक्रवर्ती ब्याज लगाने पर रोक लगाने, सिचाई के लिए किसानों को नलकूप कनेक्शनों में छूट देने, बिजली के बिल कम करने व किसानों से टोल टैक्स में छूट देने की मांग की गई। बंटाईदारों का भी लिया जाए धान
उप जिलाधिकारी के समक्ष किसानों ने मांग रखी कि कुछ दिन पहले चार लोगों को धान खरीद में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए जेल भेज दिया गया था। उसकी निष्पक्ष तरीके से जांच की जाए। साथ ही बटाईदार किसानों को किसी तरीके से परेशान न किया जाए। जेल भेजे गए रंजीत सिंह की मां अमरीक कौर ने भी अधिकारियों से न्याय दिलाने की मांग की।