कृषि विधेयकों के विरोध में सड़कों पर प्रदर्शन
कृषि विधेयकों के विरोध में भारतीय किसान यूनियन एवं अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के आह्वान पर कार्यकर्ताओं ने किसानों को साथ लेकर सड़क जाम कर प्रदर्शन किया। कई घंटे धरना दिया गया।
पीलीभीत,जेएनएन : कृषि विधेयकों के विरोध में भारतीय किसान यूनियन एवं अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के आह्वान पर कार्यकर्ताओं ने किसानों को साथ लेकर सड़क जाम कर प्रदर्शन किया। कई घंटे धरना दिया गया। बाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को संबोधित ज्ञापन अधिकारियों को सौंपकर कृषि से संबंधित पारित कराए गए विधेयकों को वापस लेने की मांग की। भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष सतविदर सिंह कहलो के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने पूरनपुर रोड पर बिठौरा कलां स्थित टोल प्लाजा के पास जाम लगाकर प्रदर्शन किया।
पूरनपुर : केंद्र सरकार की तरफ से पारित कराए गए तीन कृषि विधेयकों के खिलाफ राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन और भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने वाहन आड़े तिरछे खड़े कर पूरनपुर-खुटार रोड के सिरसा व खमरिया पट्टी तिराहा पर जाम लगा दिया। पांच घंटे बाद जाम खुल सका।
भारतीय किसान यूनियन की तरफ से कहा गया कि किसान हित में लाए गए अध्यादेश से किसानों को आशंका है कि यह कंपनी राज के रूप में काम करेंगे। विधेयक किसानों के हित में नहीं हैं। तत्काल वापस लिया जाए। राष्ट्रीय मजदूर संगठन की तरफ से कहा गया कि सरकार की तरफ से कृषि सुधार पैकेज की घोषणा की गई। समस्याओं को बढ़ा दिया गया है। किसानों के साथ छोटे दुकानदार, व्यवसायी बर्बाद हो जाएंगे। प्रदर्शन एवं धरना में भाकियू के वेदप्रकाश शर्मा, जिलाध्यक्ष सतविदर सिंह कहलो, जिला वरिष्ठ उपाध्यक्ष मंजीत सिंह, स्वराज सिंह, लालू मिश्र, मनवीर सिंह, विशम्भर दयाल, अनंत अग्रवाल, गुरप्रीत सिंह, मंजीत सिंह प्रधान, सुच्चा सिंह, अवतार सिंह, रंजीत सिंह, कुलबिदर सिंह, हरदेव सिंह, सतनाम सिंह आदि शामिल रहे।
बिलसंडा : राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के कार्यकर्ता शाहजहांपुर बॉर्डर पर स्थित खन्नौत नदी पुल पर एकत्र हुए। उन्होंने बकाया गन्ना मूल्य भुगतान दिलाने समेत किसानों की विभिन्न समस्याओं को लेकर मार्ग पर दरी बिछाकर धरना देकर जाम लगा दिया। प्रदर्शन की जानकारी होते ही पुलिस बल के साथ एसडीएम चंद्रभानु सिंह, सीओ लल्लन सिंह व थाना प्रभारी बिरजाराम मौके पर पहुंच गए। एसडीएम और सीओ ने किसानों से हाथ जोड़कर कहा कि जरूरतमंदों को निकलने दो लेकिन किसान तैयार नहीं हुए। हालांकि बाद में पैदल चलने वाले महिलाओं व एंबुलेंस को निकलने के लिए रास्ता दे दिया गया। इस दौरान कार्यकर्ता नारे लगाते रहे। प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं की प्रशासन के अधिकारियों से कई बार नोकझोंक हुई। प्रदर्शन करने वालों में सतनाम सिंह, अनिल सिंह फौजी, प्रेमसागर पटेल, गुरदेव सिंह, गुरनाम सिंह, कुलविदर सिंह समेत अन्य कार्यकर्ता मौजूद रहे।
अमरिया : अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के जिलाध्यक्ष श्रवण दत्त सिंह, जिला उपाध्यक्ष मस्सा सिंह, काला सिंह, किसान नेता गुरुजाप सिंह के नेतृत्व में बड़ापुरा गुरूद्वारा के निकट सितारगंज पीलीभीत हाईवे 30 पर धरना देकर प्रदर्शन किया गया। जिलाध्यक्ष ने केंद्र व प्रदेश सरकार को किसान विरोधी बताया। कहा कि डीजल व उर्वरकों की बढ़ती मंहगाई से पहले ही किसान परेशान हैं। दूसरी तरफ सरकार ने कृषि उपज वाणिज्य कर संवर्धन सुविधा विधेयक लागू कर किसानों की परेशानी बढ़ा दी है।
बीसलपुर: राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के कार्यकर्ता कैंप कार्यालय पर एकत्र हुए। विभिन्न मांगों लेकर ईदगाह चौराहा पर नारेबाजी करते हुए पहुंचे। मंडल संयोजक मोहम्मद साबिर उर्फ गुल्लू पहलवान के नेतृत्व में कुछ देर मार्ग पर खड़े होकर चक्का जाम किया गया। प्रदर्शन करने वालों में बीएल गंगवार, मोहम्मद अली, फाजिल शेख, रामपाल, तुलाराम, छत्रपाल, अहिबरन लाल, तसलीम, गुड्डू, मोहन लाल, सुरेश, मोहम्मद कलीम शामिल रहे।
सरकार की नीतियों से किसान पहले से ही परेशान है। डीजल, उर्वरक व कीटनाशक पर बढ़ती मंहगाई का दंश झेलना पड़ रहा है। अब जबरदस्ती कृषि विधेयक थोपा जा रहा है।
जसकरन सिंह
सरकार की नीति स्पष्ट नहीं है। कृषि विधेयक में एमएसपी को लिखित में शामिल करना चाहिए था। इसीलिए सरकार की नीयत पर संदेह हो रहा है।
अमन कुमार
सरकार जो कृषि विधेयक लागू कर रही है। इससे किसानों की उपज का वाजिब मूल्य नहीं मिलेगा। सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य लिखित में विधेयक में शामिल नहीं कर रही है।
लखविदर सिंह
सरकार द्वारा जारी कृषि विधेयक किसानों के हित में नहीं है। इस कानून से किसानों को कम कीमत पर अपनी उपज बेचने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
शफीक अहमद
केंद्र सरकार की तरफ से पारित विधेयक से किसानों को फसलों का पूरा मूल्य नहीं मिल सकेगा। समर्थन मूल्य के लिए किसान तरसेगा।
रंजीत सिंह
सरकार ने यह तीनों विधेयक पारित कराकर किसानों में आशंका बढ़ा दी है। किसानों को पहले विश्वास में लिया जाना चाहिए था। किसान परेशान और हताश है।
सुरेश कुमार
महंगाई चरम पर पहुंच गई है। डीजल, पेट्रोल के दामों में बढ़ोतरी की जा रही है। किसानों से उनके अधिकार छीने जा रहे हैं।
महेश कुमार
एमएसपी की बाध्यता खत्म हो जाने से किसानों का कम रेट में धान, गेहूं, गन्ना बिकेगा। बिचौलिये खरीदारी कर उसे एकत्र करेंगे। मांग होने पर महंगे दामों में बिक्री करेंगे।
विक्रमजीत सिंह