यूपी-उत्तराखंड के बार्डर पर किसानों का प्रदर्शन
यूपी-उत्तराखंड के बार्डर पर दोनों राज्यों के सीमावर्ती किसानों ने कृषि कानूनों के विरोध में शनिवार को नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया।
पीलीभीत,जेएनएन : यूपी-उत्तराखंड के बार्डर पर दोनों राज्यों के सीमावर्ती किसानों ने कृषि कानूनों के विरोध में शनिवार को नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया।
सुबह करीब साढ़े दस बजे मझोला क्षेत्र के गांवों के साथ ही उत्तराखंड के सीमावर्ती गांवों के सैकड़ों किसान भिडारा रोड पर एकत्र हुए। जुलूस के रूप में नारेबाजी करते हुए किसान टनकपुर रोड स्थित पुलिस चौकी के सामने जा पहुंचे। किसानों की मांग है कि नए कृषि कानूनों को समाप्त किया जाए। फसलों की बिक्री के लिए सरकारी समर्थन मूल्य की व्यवस्था को कानूनी रूप दिया जाए। आंदोलन का नेतृत्व रतन दीप सिंह, सुखविदर सिंह, कुलविदर सिंह ने किया। अमरिया के एसडीएम चंद्रभानु सिंह ने मौके पर पहुंचकर आंदोलनकारियों से वार्ता की। आंदोलनकारियों की ओर से एसडीएम को ज्ञापन सौंपा गया है, जिसमें नए कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग की गई। ज्ञापन देने वालों में सुखजिदर सिंह लाहोरिया, रमनदीप सिंह, जसविदर सिंह, गुरजीत सिंह, लखन सिंह लक्की, सुखविदर सिंह पंथेर, जसप्रीत सिंह, सोनू गोल्डी आदि शामिल रहे।
सुखजिदर सिंह लाहोरिया का कहना है कि वह पड़ोसी राज्य उत्तराखंड में रहते हैं। केंद्र सरकार की नीतियों से किसानों का शोषण हो रहा है। एमएसपी खत्म हो गई तो व्यापारी शोषण करेंगे।
सुखविदर सिंह पंथेर का कहना है कि केंद्र सरकार ने जो नए कृषि कानून लागू किए हैं, उन्हें तुरंत वापस लेना चाहिए। इन कानूनों से किसानों को कोई फायदा नहीं है।
सुखजीत सिंह का कहना है कि आज दो राज्यों के किसानों ने संयुक्त रूप से प्रदर्शन किया। वह एसडीएम अमरिया के माध्यम से केंद्र सरकार तक अपनी बात पहुंचाई है। केंद्र सरकार किसान विरोधी है।
दिलबाग सिंह का कहना है कि नए कृषि कानूनों से किसानों का शोषण बढ़ेगा। कहा कि जो कानून बनाए हैं, वे पूरी तरह से गलत हैं। उसको वापस लिया जाए , जिससे किसानों का लाभ हो सके।