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किसानों को नहीं मिल रहीं गन्ना पर्चियां

कलीनगर तहसील क्षेत्र के किसानों को गन्ना आपूर्ति पर्चियां नहीं मिल पा रही हैं। इस बार पर्ची सीधे किसान के मोबाइल पर एसएमएस के माध्यम से भेजने की व्यवस्था लागू है इसके बाद भी गन्ना पर्ची किसानों को समय पर नहीं मिल रही जिससे वह गेहूं की बुवाई में पिछड़ सकते हैं। अनेक किसानों को पिछले साल के बकाया गन्ना मूल्य का भी भुगतान नहीं मिल सका है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 28 Nov 2020 10:33 PM (IST)Updated: Sat, 28 Nov 2020 10:33 PM (IST)
किसानों को नहीं मिल रहीं गन्ना पर्चियां
किसानों को नहीं मिल रहीं गन्ना पर्चियां

पीलीभीत,जेएनएन : कलीनगर तहसील क्षेत्र के किसानों को गन्ना आपूर्ति पर्चियां नहीं मिल पा रही हैं। इस बार पर्ची सीधे किसान के मोबाइल पर एसएमएस के माध्यम से भेजने की व्यवस्था लागू है, इसके बाद भी गन्ना पर्ची किसानों को समय पर नहीं मिल रही, जिससे वह गेहूं की बुवाई में पिछड़ सकते हैं। अनेक किसानों को पिछले साल के बकाया गन्ना मूल्य का भी भुगतान नहीं मिल सका है।

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इस बार क्षेत्र के किसानों का गन्ना बरखेड़ा चीनी मिल तथा ललित हरि चीनी मिल को आवंटित हुआ है। इन दोनों चीनी मिलों के नौ गन्ना सेंटर खुल चुके हैं। ललित हरि चीनी मिल के सेंटर क्षेत्र में चूका, मैनाकोट, मथना ,जमुनिया, चांदूपुर में स्थापित हैं। वहां गन्ना तौल हो रही है। बरखेड़ा मिल के सेंटर माधोटांडा, बराही,मझारा, भैरोकला,चित्तरपुर में लगे हैं। बरखेड़ा चीनी मिल पर अनेक किसानों का पिछले सीजन का गन्ना मूल्य का भुगतान बाकी है। अभी तक भुगतान नहीं मिलने से किसानों को परेशानी उठानी पड रही है। किसानों को अभी पेड़ी गन्ने की ही पर्चियां जारी की जा रही हैं। समय से पर्चियां नहीं मिलने से खेतों में गन्ना शेष रहने से गेहूं की बुवाई नहीं हो पा रही है। किसान रामबहादुर भारती कहते हैं कि पीलीभीत चीनी मिल उनका गन्ना लेती है। भुगतान तो पूरा मिल गया लेकिन पर्ची समय पर नहीं मिल पा रही है। मालूम हो कि चीनी मिलों ने पहली बार बिचौलियों से किसानों को निजात दिलाने के लिए उनके मोबाइल पर पर्ची का संदेश भेजा जा रहा है। बार्डर के किसान मोबाइल नेटवर्क न होने से परेशान रहते हैं।


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